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Parasram Arora
Unsplash माना कि मेरी जिंदगी पर बोझ था और बोझ भी कितना वज़नी था फिर भी मुझे अपने कंधो पर इस बोझ को उठा लेने का पूरा भरोसा था ©Parasram Arora भरोसा
भरोसा
read moreMahesh Chauhan
Unsplash jindagi mein hamesha kuchh n kuchh karte rahe ©Mahesh Chauhan #leafbook दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी
#leafbook दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी
read moreBhawana dixit
Unsplash खुद से ज्यादा भरोसा किसी दूसरे पर ना करना!! ©Bhawana dixit #भरोसा
Manoj Bhatt
यूहीं नहीं टूटा भरोसा मेरा लोगों से एक सिलसिला इस कदर जारी रहा एक राज बताया किसी पे भरोसा कर वह कम्बक्त मुरीद किसी और का निकला जो मेरा राज किसी और को बता बैठा भरोसे का यह सिलसिला कितनी बार चल होगा तब जाकर टूटा होगा भरोसा मेरा इन लोगों से जब मेरा ही राज मुझे किसी और से पता चला होगा।। (m.bhatt) ©Manoj Bhatt #भरोसा
Dinesh Sharma Jind Haryana
अगर भाग्य पर भरोसा है तो वहीं पाओगे जो तकदीर में लिखा है अगर खुद पर भरोसा है तो वह पाओगे जो आप चाहते हो ©Dinesh Sharma Jind Haryana #भरोसा
Radhe Radhe
तुम कृष्ण तो मैं अर्जुन हूं तुम तान, तुम्हारी सुर हूँ तुम सागर तुम्हारी धारा हूँ चिरंतर काल तक बनी रहे ये दोस्ती जैसे हनुमंत के हृदय में राम और सीता की छवी। ऊँ हं हनुमंते नमः, जय सियाराम 💕💕💕 ©Radhe Radhe हमारी दोस्ती
हमारी दोस्ती
read moreनवनीत ठाकुर
महफिल में बैठो फक्त, दोस्त के भेष में रकीब की भी जानकारी रखो। मंजिल की तैयारी अधूरी न हो कभी, हार को जीत में बदलने की कलाकारी रखो। हुनर हो हाथों में न कोई, खालिस कुछ कर गुजरने की खुमारी रखो। बात करना किसीसे छोड़ें नहीं, जो अल्फ़ाज़ असर छोड़ जाए, वो समझदारी रखो। लफ्ज़ निकले तो वो शेर सा चमके, शायरी में अपने दिल की अदाकारी रखो। शायरी हो या हो कोई फिक्र-ओ-जुनून, उसमें अपनी असल अदाकारी रखो। कभी न भूलो अपनी राहों का इरादा, मंजिल जो भी हो नज़र शिकारी रखो। सपनों में रंग हो या हकीकत में कोई वीरानी, अपने हौसलों में जीत की सवारी रखो। जो भी करना है, वो पक्की उम्मीद की खुद्दारी रखो। ©नवनीत ठाकुर जीत की तैयारी रखो
जीत की तैयारी रखो
read moreनवनीत ठाकुर
जिन्दगी के उतार-चढ़ाव में नीयत कहीं डोल न जाए, बावजूद इसके कीमत अपनी भारी रखो। जमाने भर की नफ़रतों के बावजूद, मोहब्बत यूं ही जारी रखो। तुमसे बढ़कर कोई नहीं है इस जहाँ में, इसलिए खुद को सबसे खास जारी रखो। अच्छाई के रास्ते पर चलते रहो हर दम, हर उलझन के बावजूद नेकियां जारी रखो। रुख हवा का हो या दुनिया बदल जाए, अपने दिल की आवाज़ भारी रखो। सफेद कपड़ों पर दाग लग न जाए, तबियत अपनी साफ रखो। दब जाना नहीं ऊंची आवाज़ के तले, अलग अपनी एक पहचान रखो। आ जाएं किसी के भी काम, राहत हमेशा सरकारी रखो। बुरा वक्त आए न किसी का, हाथ बढ़ाने में सरदारी रखो। दूसरों के दुःख-सुख में भागीदार बनो, अपने दिल में इंसानियत की सवारी रखो। ©नवनीत ठाकुर #मुहब्बत अपनी जारी रखो
#मुहब्बत अपनी जारी रखो
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