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Stories related to लगा है

Jagdish

#Sad_Status खुदा तो रीजक देता है कीड़ों को पत्थर में तू क्यों परेशान है हीरे मोती के चक्कर में उड़जा आसमान में या लगा गोता समंदर में

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White खुदा तो रीजक देता है कीड़ों को पत्थर में तू क्यों परेशान है हीरे मोती के चक्कर में उड़जा आसमान में या लगा गोता समंदर में तुझे उतना ही मिलेगा जितना लिखा है तेरे मुकद्दर में

©Jagdish #Sad_Status खुदा तो रीजक देता है कीड़ों को पत्थर में तू क्यों परेशान है हीरे मोती के चक्कर में उड़जा आसमान में या लगा गोता समंदर में

tripathi

क्या ऐसा हो सकता है मेरे मन की पीड़ा समझ पाओ तुम बिना कहे एक गले लगा लो

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क्या ऐसा हो सकता है मेरे मन की पीड़ा समझ पाओ तुम बिना कहे एक 
गले लगा लो

©tripathi क्या ऐसा हो सकता है मेरे मन की पीड़ा समझ पाओ तुम बिना कहे एक 
गले लगा लो

Mahesh Patel

सहेली... गले लगा लेती.. लाला...

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सहेली......
 उसकी एक आदत खूब थी..
मैं जब भी उससे  मिलता था..
मुझे गले लगा लेती थी..
ऐसा भी क्या था मुझ में.
मैं जब भी दूर रहता था..
आंखों में आंसू भर लेती थी...
उसकी एक आदत खूब थी..
ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी..
लाला...

©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...

Anukaran

#GoodMorning अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,

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White 

अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ,
खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ,
जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,
मैं अब वैराग्य की और चलने लगा हूँ,
मोकच्छ की प्रप्ति कर,
जीवन का उद्धार के लिए निकल पडा हूँ,
अब तो शांत रह कर परखने लगा हूँ,

©Anukaran #GoodMorning 


अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ,

खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ,

जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,

बदनाम

अब में बूढ़ा होने लगा हु.....

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कल देखा था तुम्हे.
छत पे,
बाल सुखाती
खुद की धुन में बहती हुई शांत
खबर थी मोहल्ले को की तुम आई हो
मगर गलियों में शांति बहुत थी
एक दफा खिड़की से झांकती तुम नजर आई थी
पलक झपकते कही गायब भी हो गई थी
मेरी चाय  वही मेज में रखी ठंडी हो रही थी
और कलम सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रही थी
शायद अब अगली मुलाकात ना हो तुमसे
ये शहर तुम्हारे बिना अधूरे सा लगता है
और घर की दीवारें, तुम्हारी यादें  दिलाती है
तुम्हारे हिस्से की खिचड़ी रख आया हु
अगली दफा साथ में खाएंगे.......

©बदनाम अब में बूढ़ा होने लगा हु.....

बेजुबान शायर shivkumar

" इस बार मैंने लोगो को नहीं, खुद को चुना है खुद के लिए " अकेले रहते रहते, लोगो की उन हकीकत जानते समझते, सबसे दूर होते होते, आदत सी पड़ गई

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" इस बार मैंने लोगो को नहीं,
खुद को चुना है खुद के लिए "

अकेले रहते रहते, लोगो की
उन हकीकत जानते समझते, 
सबसे दूर होते होते, 
आदत सी पड़ गई अब अकेला रहने की..

 तो अब लोगो का साथ
अब घुटन सा लगने लगा है..! 
मैं सही हूं या गलत मुझे नहीं पता पर
 अब यहीं मेरी जिंदगी है.. 

मुझे मेरा अकेलापन ही
अब बेहतर लगता है लोगो के साथ से !


--डॉ.सुधीर मल्होत्रा

©बेजुबान शायर shivkumar " इस बार मैंने लोगो को नहीं,
खुद को चुना है खुद के लिए "

अकेले रहते रहते, लोगो की
उन हकीकत जानते समझते, 
सबसे दूर होते होते, 
आदत सी पड़ गई

s गोल्डी

#love_shayari बहुत ख्याल रखती है वो अपने दिल का इधर नहीं लगता तो उधर लगा लेती है😁😁 shayari attitude

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White बहुत ख्याल रखते है कुछ लोग अपने दिल का 
 
   इधर नहीं लगता तो उधर लगा लेते हैं !!
😁😁

©s गोल्डी #love_shayari बहुत ख्याल रखती है वो अपने दिल का 
 
   इधर नहीं लगता तो उधर लगा लेती है😁😁 shayari attitude

Shashi Bhushan Mishra

#दिल पर लगा दिया#

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New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार,
नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार,

दिल में रहा  क़ायम ये भ्रम  है प्यार उन्हें भी,
नज़रें  बचाकर   देखते   देखा  है  कई  बार,

सूरजमुखी  सा  आफ़ताब  देख  खिल उठे,
हर सुब्ह  रहा करता है  इस कद्र  इंतज़ार,

फ़ुरसत  में  किसी  रात  चांद  डूबता  नहीं,
मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार,

हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए  राह के पत्थर,
रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार,

महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से,
बख़्शी ख़ुदा ने  दुआ की दौलत भी बेशुमार,

दीदार-ए-हुस्न   मुकम्मल  होता नहीं कभी,
होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार,

फूलों  के  ईर्द-गिर्द  सुनूं  भ्रमर का 'गुंजन',
दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
            प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#

Praveen Jain "पल्लव"

#quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है

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पल्लव की डायरी
दायरे में हम सब,
गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है
एक ही तरह की चीज पर
कई दर जीएसटी की लगा रहे है
खूब निकाला है लूट का फंडा
इस्तेमाल का तरीका देखकर
लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है
गरीबो का पोपकोर्न  मेला ठेला का शौक
अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है
                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है

M.K Meet

दिल पत्थर होने लगा है या कि पत्थर बना रहा कोई!!

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दयार-ए-इश्क में, मुश्किल है दिल को समझाना 
के मासुम मशविरों को, पागल ये मानता ही नहीं

©M.K Meet दिल पत्थर होने लगा है 
या कि पत्थर बना रहा कोई!!
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