Find the Latest Status about खुली खुला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, खुली खुला.
Yashpal Sharma&J.K
Unsplash हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चूंकि हिम बर्फ के महीन कणों से बनी होती है, इसलिए यह एक दानेदार पदार्थ है। इसकी संरचना खुली और इसलिए नरम होती है, जब तक कि कोई बाहरी दाब डाल कर इसे दबाया ना जाए। ©Yashpal Sharma&J.K #snow हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चू
#snow हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चू
read moreनवनीत ठाकुर
ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई। अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले, वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई। ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी, वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड
#नवनीतठाकुर ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड
read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी समस्या का हल नहीं होता, हम पाप को छुपाने में हम माहिर हैं, पूण्य का बखान करते हुए जीना एक दिन दूभर कर देता है, पाप छुपाने से बढ़ता है, और पूण्य का बखान करना, पूण्य को खर्च करना है। जय श्री राधेकृष्ण जी। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी सम
#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी सम
read moreनवनीत ठाकुर
पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो। तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो, खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो। दुनिया का बोझ जितना संभालोगे, खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे। जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा, जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा। अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु
#नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु
read moreF M POETRY
White खुला बादल गगन के ये सितारे.. सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #खुला बादल गगन के....
#खुला बादल गगन के....
read moreDevesh Dixit
जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा। ख्यालों से बाहर निकलना होगा, उड़ान को अपनी भरना होगा। खुला आसमान है ये देखो यारों, उस आसमान को छूना होगा। लक्ष्य को भी अब तो पाना होगा, जिद्द है इसे हासिल करना होगा। रुकावटें आएँ चाहे जितनी भी, उन सबको भी पार करना होगा। धीरज को बनाये भी रखना होगा, मंजिल की ओर नित बढ़ना होगा। फ़सल कटती जैसे समय आने पर, कर्म फल ही उसके अनुसार होगा। हांँ जीत का जज्बा अब रखना होगा, क़ायम भी तो उस पर रहना होगा। छोड़ दिये हैं सारे गिले-शिक्वे पुराने, उन यादों को अब बिसराना होगा। ................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको
#जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको
read morePalak Parmar
White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा ©Palak Parmar अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा
अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा
read more