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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} आजकल भरोसा करें भी तो किस पर करे, मिट्टी से बने लोग चन्द कागज के टुकड़ों मैं बिक जाते है।। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} आजकल भरोसा करें भी तो किस पर करे, मिट्टी से बने लोग चन्द कागज के टुकड़ों मैं बिक जाते है।। जय श्री राधेकृ
#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} आजकल भरोसा करें भी तो किस पर करे, मिट्टी से बने लोग चन्द कागज के टुकड़ों मैं बिक जाते है।। जय श्री राधेकृ
read moreVikas Sahni
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है, जिसपे पुनः बना अधूरा गीत है। आजकल गाना रोकना मतलब खाना रोकना! चरित्रहीनता है यह कह उसे रोज़ाना रोकना!! गाना रुके तो कविता बन जाये, खाना रुके तो कविता बन जाये। इस प्रकार प्यार में कोई ताल तोड़ जाए तो बेशक वह उसे सारे साल छोड़ जाए, नहीं पड़ने वाला दिल को कभी कोई फ़र्क संगीत स्वर्ग बने तो विरह वाला भोगे ऩर्क फिर अचानक भीतर से कविता रोकती है, फिर अचानक भीतर से कविता टोकती है, "बस बहुत कर ली बड़ी-बड़ी बातें, नींदों को भूलकर गुज़री कई रातें! अब संगीत संगीत नहीं रहा, अब कोई भी मीत नहीं रहा कि इंसानियत शर्मशार है, यह सोच कर धिक्कार है। अब शराफ़त आफ़त बन कर डर गयी है म्हारी महफ़िल महज़ लुटेरों से भर गयी है।" अतः कविता की इन बातों ने, अतः कविता की इन रातों ने, उसे मुद्दे से त्वरित जुदा कर दिया जब संगीत को उसने खुदा कर दिया खुदा को भूलकर! ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
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White मेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी क्यों बनाई क्यों नी चलता मेरे साथ कोई ना ही तू ही हाथ थामता कुछ रहम तो कर मै हूँ अपने घर का बड़ा भाई बोला बेटा ना हो तू निराश मुझपे रख ले तू बिश्वास अपने चहितो को देता हूँ मौका कि जाये वो मुकाम पे फल की चिंता छोड़ बस कर्म पर ध्यान दे एक दिन दूंगा इतना कि होगा तेरी सोच से भी ज्यादा तेरे पास वो लिखता संघर्ष मै लिखता कामयाबी मेरे सारे सपने कैद है जिस बक्से में ताले तोड़ के निकालू जे ना मिली चाबी ठोकरों से भागू और पीछे हट जाऊ न इतना कमजोर मै तो सुख में नाचू और दुख में मुस्कुराऊ मुकाम जो भी है आज पाया ,अपने दम पर में आया करू राज दिलो पर बस नाम है कमाया बंदा नी आम मै मेरी माँ का आशीर्वाद रखे याद जमाना कुछ करना ऐसा खास कदे न कदे वो भी दौर आयेगा जब मेरी मेहनत भी लायेगी रास मै लाऊँ अपना time और जमाने को जुकाऊ सारी भीड़ खड़ी देखेगी रे रुतवा ये मेरा मै जीत के जाऊँगा बचपन का हूँ जिद्दी मेरी घर की मुंडेर पर करे दो उम्र ढल री है जो जीतने का कर रही है कब से wait मेरा मेरी आजकल चलते है hastule के किस्से मै यार और प्यार का ना करता व्यापर तो बैठा हूँ अकेला खाली हाथ मेरे हिस्से मेरे घर मे सिखाया वो ही राह चल रहे है बापू आली पगड़ी का भी राखु सू मान बहन मेरी हो या कोई होवे वा पराई इज्जत हम सदा पुरे दिल से करे बेरा से मन्ने होवे किसी घर का वा शान ©shayariwaladoctor #love_shayari life quotes in life quotes life quotes sad shayari on lifeमेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी
#love_shayari life quotes in life quotes life quotes sad shayari on lifeमेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी
read moreSunny Kumar
गलत को गलत और सही को सही, कहने की हिम्मत रखता हूँ, तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ। ©Sunny Kumar गलत को गलत और सही को सही, कहने की हिम्मत रखता हूँ, तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ। attitude shayari
गलत को गलत और सही को सही, कहने की हिम्मत रखता हूँ, तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ। attitude shayari
read moreRV Chittrangad Mishra
Unsplash ना प्रशंसा सुनने का शौक है ना आलोचना होने का डर क्योंकि आजकल बिना स्वार्थ प्रशंसा बिना ईर्ष्या के आलोचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है ©RV Chittrangad Mishra #camping ना प्रशंसा सुनने का शौक है ना आलोचना होने का डर क्योंकि आजकल बिना स्वार्थ प्रशंसा बिना ईर्ष्या के आलोचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
#camping ना प्रशंसा सुनने का शौक है ना आलोचना होने का डर क्योंकि आजकल बिना स्वार्थ प्रशंसा बिना ईर्ष्या के आलोचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाये जाते, ये आजकल की विडंबना है, जो लोगों ने अपनी आदत व विचारों में शामिल कर लिया है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Book {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाय
#Book {Bolo Ji Radhey Radhey} ये कलयुग हैं:- जनाब यहां दूसरे की तकलीफ को कर्मो का फल कहते हैं, अपनी तकलीफ़ को भगवान की परीक्षा बताते हुए पाय
read moreneelu
White आजकल के लोगों के अलग फरमाइशों को देखो तो उनको जलेबी खानी है पर वह भी सीधी अब इसमें लोगों की गलती है या जलेबी की ©neelu #sad_quotes #आजकल के लोगों के अलग फरमाइशों को देखो तो उनको जलेबी खानी है पर वह भी सीधी अब इसमें लोगों की #गलती है या जलेबी की
#sad_quotes #आजकल के लोगों के अलग फरमाइशों को देखो तो उनको जलेबी खानी है पर वह भी सीधी अब इसमें लोगों की #गलती है या जलेबी की
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