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Stories related to चक्रवाती वर्षा

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Ganesh joshi

#good_morning यह मौसम हैं, बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशर या शीत ऋतु।21 Apr 2023 #Life

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वंदना ....

#चलो अब मानसून का आगमन हो गया अब वर्षा रानी तेरी मेहरबानी रखना ...🤗🌿🌹🌹🌹🌹 #वीडियो

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SONA DEVI

#mango_tree #election_2024 #VoteForIndia #voting #लव #शायरी #कविता #viral Love https://www.instagram.com/reel/C7UI5MKy1aJ/?igsh=MTNvZXI2Z #भक्ति

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धाकड़ है हरियाणा

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी ने रोड़ शो कर दिखाई ताकत #केलकुलेटर के सामने वाला बटन दबाने की अपील #वीडियो

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धाकड़ है हरियाणा

#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार #वीडियो

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Vandana Rana

धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब जान रहे हैं........कि कहां हमें वर्षा जल सा है बरसना, और कहां पतझड़ में शाखाओं सा गिरना! #Quotes

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रणजीत राही देवास

Thinking वर्षा अभिषेक कविता शायरी

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो #कविता

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मनहरण घनाक्षरी :-
लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो ।
त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को ।
नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो ,
चलो सब मिलकर, करो मतदान को ।
ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं
पहचानते  है हम , छुपे शैतान को ।
मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे,
रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१
वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , 
पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से ।
मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे,
आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से ।
घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय,
देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से।
घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया ,
पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२
टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती ,
रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे ।
नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई ,
पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे ।
मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान ,
कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे ।
और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई,
जब तेरी याद आई ,  सुन लो बीमार थे ।।३
२८/०३/२०२४      महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :-
लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो ।
त्यागो अभी हृदय से ,  दुष्ट अभिमान को ।
नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो ,
चलो
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