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Stories related to poem in hindi by harivansh rai bachchan

Akash Kedia

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अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे,

इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे,

हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता,

है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे।


जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो,

एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती,

नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो,

अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती।


कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे,

बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे,

हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई,

देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे।


चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की,

अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी,

हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह,

मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी।


मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर,

अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर,

राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था,

ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर।


इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे,

हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे,

जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं,

के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे।

©Akash Kedia #wallpaper   poetry in hindi love poetry in hindi #writerscommunity #writing #poem #Hindi #yqbaba #yqdidi

Andaaz bayan

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!!1857 की क्रांति!!
धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था ।
गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।।

तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को ।
जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।।

तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी।
(प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई )
राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।।

यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी,
छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ ।
ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया,
ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।।

चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की।
1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻

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