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JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो प्रिय कॉमरेड, आज जब अॉफिस की मेल आईडी पर स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी का मेल आया तो जहन में पुराना वक़्त भ्रमण करने लगा। वो वक़्त जब हम तिरंगे के साथ स्कूल जाते थे । वैसे मुझे रंगो से बहुत प्रेम है। तभी तो चाहता था मैं कि तुम्हारी मांग में मेरे नाम का सिंदूर हो, हाथो में मेरे नाम की मेहंदी, आँखो में काजल, पैरों में मेरे नाम की महावर और गले में मेरे नाम का मंगलसूत्र, यही तो होते हैं। जो किसी स्त्री की आजादी के बीच बाधाये उत्पन्न करते हैं। मैं तुम्हें इन बाधाओं के साथ कैसे अपनाता इस लियेे आजादी दे दी थी तुम्हें, खुद से। ये तुम पर कोई एहसान नही था। ये तो तुम्हारा हक था। हमारे बीच कोई संघर्ष नही हुआ, न ही कोई मतभेद,बचपन में स्कूल में 15 अगस्त के कार्यक्रम के बाद मिलने वाले लड्डूओं की लाइन में मिले थे हम। तुम राधा बनी थी। मैं मंत्र मुग्ध हो गया था। तुम्हारे रूप पर। उस रोज तुम बारिश सी थी और मैं इंद्रधनुष सा, रंगों का प्राकृतिक रूप,बिना तुम्हारे मेरा अस्तित्व ही नही था। मगर मैं आज आजाद हूँ। अपने जीवन रूपी तिरंगे के साथ, सुना है। तुम्हारी बागडोर अब किसी और के हाथो में है। आज भी आजादी के लिए संघर्ष करती, घूँघट के अंदर से तुम्हारी निगाहें......मुझे आजादी का महत्व समझाती हैं। .......#जलज कुमार #independenceday2020 सुनो प्रिय कॉमरेड, आज जब अॉफिस की मेल आईडी पर स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी का मेल आया तो जहन में पुराना वक़्त भ्रमण करने
ajit
लोग घूमने के लिए जंगल में नहीं बल्कि बगीचे में जाते है क्योंकि वहां सभी पौधे अच्छे ढ़ंग से लगे होते है इसी प्रकार जीवन में योग्यता के साथ साथ अनुशासन भी आवश्यक है । ©ajit अनुशासन का महत्व
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
राहें उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः | नहि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः || - सुभषितरत्नाकर भावार्थ - निरन्तर उद्यम करने से ही विभिन्न कार्य सम्पन्न (सिद्ध) होते हैं न कि मात्र मनोरथ (इच्छा) करने से | निश्चय ही एक सोये हुए सिंह के मुख में हिरण स्वयं प्रविष्ट नहीं होते हैं | (एक सिंह को भी अपनी भूख मिटाने के लिये प्रयत्न पूर्वक हिरणों का पीछा कर उनका वध करना पडता है | निष्क्रिय व्यक्तियों की की तुलना एक सोये हुए सिंह से कर इस सुभाषित में उद्यमिता के महत्व को प्रतिपादित किया गया है ।. Udyamena = by continuous and strenuous efforts, Hi= surely. Sidhyanti = are accomplished. Kaaryaani = various tasks Na = not. Manorathaih= by simply desiring. Nahi = by no means. Suptasya = sleeping. Simhasya = a loin's Pravishanti = enter, Mukhe = mouth. Mrugaah = antelopes. i.e. We can accomplish var प्रयत्न का महत्व