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Jashvant
White कोई ख़बर भी न भेजी बहार ने आते कि हम भी क़िस्मत-ए-मिज़्गाँ सँवारने आते फिर आरज़ू से तक़ाज़ा-ए-रस्म-ओ-रह होता निगह पे क़र्ज़ थे जितने उतारने आते ये ज़िंदगी है हर इक पैरहन में सजती है नहीं थी जीत नसीबों में हारने आते कोई शरर कोई ख़ुश्बू कि दिल न बुझ जाए किसी भी नाम से ख़ुद को पुकारने आते अभी यहाँ तो नहीं हो सकी हिकायत-ए-जाँ नए वरक़ पे नए नक़्श उभारने आते कभी ग़ुबार कभी नक़्श-पा-ए-राह-रवाँ वो रहगुज़र थी कि हर रूप धारने आते मिरा सुकूँ भी मिरे आँसुओं के बस में था ये मेहमाँ मेरी दुनिया निखारने आते जो हम नहीं तो सर-ए-रहगुज़ार-ए-दर्द 'अदा' वो कौन थे जो दिल-ओ-जाँ को वारने आते ©Jashvant Good Evening With Gazal Geet... Chanda Manshi Sahu R... Ojha Ek Alfaaz Shayri
SAM_sanchore
_क्या लिखूं अल्फाज ए शायरी 💫।गालिब।💫 तूने तो साथ देने का वादा कर अकेला छोड़ दिया_ ©SAM_sanchore #UskeHaath #sameerkhan16 #shayri #Good #Morning #Like
Jashvant
Red sands and spectacular sandstone rock formations गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले कभी तो सुब्ह तिरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़ कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-बार चले बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ हमारे अश्क तिरी आक़िबत सँवार चले हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में ले के गरेबाँ का तार तार चले मक़ाम 'फ़ैज़' कोई राह में जचा ही नहीं जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले ©Jashvant Good Morning friends Ek Alfaaz Shayri Mukesh Poonia vineetapanchal Rakesh Srivastava Aariya writer
Jashvant
White इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर ©Jashvant #Couple#Good Shayri vineetapanchal Nîkîtã Guptā Ek Alfaaz Shayri Raj Guru PФФJД ЦDΞSHI
Jashvant
पीने को इस जहान में कौन सी मय नहीं मगर इश्क़ जो बाँटता है वो आब-ए-हयात और है ©Jashvant Good Night friends Geet Sangeet Dr.Mahira khan PФФJД ЦDΞSHI vineetapanchal Ek Alfaaz Shayri
Jashvant
पी ले जो लहू दिल का वो इश्क़ की मस्ती है क्या मस्त है ये नागन अपने ही को डसती है मय-ख़ाने के साए में रहने दे मुझे साक़ी मय-ख़ाने के बाहर तो इक आग बरसती है ऐ ज़ुल्फ़-ए-ग़म-ए-जानाँ तू छाँव घनी कर दे रह रह के जगाता है शायद ग़म-ए-हस्ती है ढलते हैं यहाँ शीशे चलते हैं यहाँ पत्थर दीवानो ठहर जाओ सहरा नहीं बस्ती है जिन फूलों के झुरमुट में रहते थे 'नक्श' इक दिन उन फूलों की ख़ुशबू को अब रूह तरसती है ©Jashvant #Hope#good Morning friends Ek Alfaaz Shayri vineetapanchal Raj Guru
Jashvant
ख़ुदा का शुक्र कि सुनता रहा ख़ुदा मेरी कभी न अर्श से लौटी कोई दुआ मेरी मैं माँगती हूँ उसी से कि वो मिरा रब है उसे पसंद है शायद यही अदा मेरी चला गया था जो वापस पलट भी सकता था मगर गले में फँसी रह गई सदा मेरी शुमार होते हैं शायद वो सब फ़रिश्तों में गिनाते रहते हैं जो लोग हर ख़ता मेरी हयात-ओ-मौत के आगे भी ज़िंदगी है कहीं न इब्तिदा है मिरी ये न इंतिहा मेरी ये वक़्त-ए-नज़अ' मिरा चारागर समझ पाया बस एक लफ़्ज़ मोहब्बत का था दवा मेरी बदल रही हूँ मुसव्विर मैं अपने धुँदले रंग अब एक बार ये तस्वीर फिर बना मेरी हमेशा चाहा कि सब्र-ओ-रज़ा पे शेर कहूँ हमेशा फ़िक्र रुकी जा के कर्बला मेरी मिरे इमाम भी हक़-गो रहे सर-ए-नेज़ा 'नक्श' अलम भी रही अज़्म की रिदा मेरी ©Jashvant #Khuda#Good Morning friends rashmika_mandanna. PФФJД ЦDΞSHI Raj Guru Ek Alfaaz Shayri Madhu Kashyap
Leeladhar
Meri Mati Mera Desh ज़िन्दगी एक खूबसूरत पल है इसे हस के जियो ©Leeladhar #MeriMatiMeraDesh shayri#shayri