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मनोज कुमार झा "मनु"
Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है। सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।। समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं, मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।। जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग, लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।। जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ, वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।। कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।। ©मनोज कुमार झा "मनु" #leafbook सब दिखाई दे रहा है
#leafbook सब दिखाई दे रहा है
read moreनवनीत ठाकुर
White उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे, बुझते चिराग को उम्मीद से जलने की चाहत दे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे,
#नवनीतठाकुर उम्मीद की लौ हो, तो टूटे दिलों में उम्मीद भर दे, बुझते चिराग़ों को फिर जलने पर मजबूर कर दे। अंधेरों में भी रोशनी का सुराग दे,
read moreRakesh frnds4ever
White मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंगे तेरे जितने हैं भाई वक़तका चलन देंगे छीनकर तेरी दौलत दोही गज़ कफ़न देंगे जिनको अपना कहता है सब ये तेरे साथी हैं कब्र है तेरी मंज़िल और ये बराती हैं ला के कब्र में तुझको मुरदा बक डालेंगे अपने हाथोंसे तेरे मुँह पे खाक डालेंगे तेरी सारी उल्फ़त को खाक में मिला देंगे तेरे चाहनेवाले कल तुझे भुला देंगे इस लिये ये कहता हूँ खूब सोचले दिल में क्यूँ फंसाये बैठा है जान अपनी मुश्किल में कर गुनाहों पे तौबा ,,,आके बस सम्भल जायें - २ दम का क्या भरोसा है,,,,जाने कब निकल जाये - २ मुट्ठी बाँधके आनेवाले ... मुट्ठी बाँधके आनेवाले हाथ पसारे जायेगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - ४ ,,,,,,,, 3 ,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है #साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप #माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंग
amar gupta
White मैं तो तेरे प्रेम मे डुबा हुआ हूँ , मेरी तो अब बुद्धि भी काम नही करती हैं ... तू समझदार है ना, तू ही बता ना मुझे क्या करना है ? अगर मैं और मेरा साथ तुझे अब पसंद नही तो, आजाद कर दे ना मुझे अपनी आंखो से , क्यू तुने मुझे उनमे उलझाये रखा है ।।। ©amar gupta #आजाद कर दे ना...
#आजाद कर दे ना...
read moreनवनीत ठाकुर
इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे। मंजिल को आखिर कोई मुकाम तो दे। छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ, हर कदम पर अपनी पहचान तो दे। दुनिया को दिखा दे अपनी हिम्मत का जज़्बा, किसी के रोकने से भी न रुके, वही सच्चा इन्सान तो दे। ©नवनीत ठाकुर "इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे, मंजिल को कोई मुकाम तो दे, छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ हर कदम पर अपनी प
"इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे, मंजिल को कोई मुकाम तो दे, छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ हर कदम पर अपनी प
read moreF M POETRY
White मुझे आवाज़ न दे की मुझे सुनाई न दे.. तेरे चेहरे के सिवा और कुछ दिखाई न दे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मुझे आवाज न दे.....
#मुझे आवाज न दे.....
read moreRAVI PRAKASH
White मुस्कुराने दे आँखों को अपनी तेरी ख़ामोश आँखें यार ग़मज़दा करती है.. ©RAVI PRAKASH #sad_quotes मुस्कुराने दे आँखों
#sad_quotes मुस्कुराने दे आँखों
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों पर क्यों नहीं मुस्कान भला? एक शोर उठता है, रह-रह कर जो, आख़िर खुद में ही क्यों दबा? ढूंढता हूँ, फिर भागता हूँ, सवालों का कभी जवाब नहीं मिला। गिरता हूँ, उठता हूँ और फिर चलता हूँ, मन में लिए कितने सवाल चला। कितनों से बात की मैंने, कितनों को बेहतर सलाह दी। मिला दे मुझे खुद से या रब से, एक मकसद को डर में फिरा। सुना, गुनाह रब माफ़ करते, मंदिर मस्ज़िद को निकला। माफ़ कर सकूँ पहले खुद को, खुद से मैं अब तक खुद नहीं मिला। ©theABHAYSINGH_BIPIN मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों प
मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों प
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