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online tution by Amarnath sir
*करे रूसवा जो ओरों को* *ख़ुदा उन्हें इज़्ज़त नहीं देता* *हक़ पर चलने वालों को* *कभी ज़िल्लत नहीं देता* *किसी का हक़ दबाकर तुम* *अपना पेट मत भरना* *ख़ुदा ऐसे निवालों मे* *कभी लज़्ज़त नहीं देता* शुभ प्रभात @अमर #NojotoQuote हुक पे चलने वालों को ज़िल्लत नहीं देता
Ganesh joshi
Village Life भावनाओं का प्रेम सागर चारों तरफ व्यय से भरा हुआ है। -थॉमस रॉबर्ट डेवर ©Ganesh joshi #villagelife भावनाओं का प्रेम सागर चारों तरफ व्यय से भरा हुआ है। -थॉमस रॉबर्ट डेवर #Love #Prem #pyaar #SAD #sad_feeling
Pankaj Singh Chawla
मिल्न जदो तुसी आये मेनू, मेरे दिल विच खलबली मच्ची होई सी, वेख के तुसी कुझ लको लया मेथो, मेनु वेखन दी रीझ लगी सी, तुसी प्यार नाल गल नाल लाया मेनू, मैं हाथ ताड़ा फड़न लगी सी, तुसी चुमेया मेरा मत्था, ते मेनू दिता गुलदस्ता गुलाब दा, मेरे दिल नु जिस्दी रीझ लगी सी, पा के तोहफ़ा गुलाब दा मेरे दिल विच हुक वजी सी, पा ले जफ्फिया मनु अपना बना ले, मेरे माहिया मनु इसे दी उडीक लगी सी।। Once again punjabi in hindi. रीझ - तलक हुक - आवाज़ लको - छिपाना मेथो - मुझसे ताड़ा - आपका उडीक - आस, इंतज़ार #udeek #punjabi
Atulya Pandey
ashish gupta
हुक दिल में थी और ख्वाबों में तुम थे और अचानक नींद टूटी और अक्सर तन्हाइयों में आ जाती हैं तेरी याद और हम रो पड़ते है और महफिल में लिए फिरते है होठों पर झूठी हसी ©ashish gupta #quotation #हुकदिलमें हुक दिल में थी और ख्वाबों में तुम थे और अचानक नींद टूटी और अक्सर तन्हाइयों में आ जाती हैं तेरी याद और हम रो पड़ते
अनमोल सिंह "निरंजन"
*मेरी परछाई* डर जाता हूँ अक्सर मैं अपनी ही परछाई से बिछोह,दर्द और स्याह- रातों की तन्हाई से दिल में हुक सी उठती है महबूब की बेवफ़ाई से या रब मौत ही बेहतर है मोहब्बत में ऐसी रिहाई से!! #अनमोल "सिंह निरंजन"# *मेरी परछाई* डर जाता हूँ अक्सर मैं अपनी ही परछाई से बिछोह,दर्द और स्याह- रातों की तन्हाई से
बे-फ़सील
इक हुक सी दिल मे उठती है हर रोज कयामत होती है,, तेरी याद तो पास होती है पर पास नही तु होती है,, मुझे भुल चुका होगा अब तक तो पर कमी सी मुझे हर पल तेरी ही रहती है, कुछ धुँआ सी दिल मेँ उठती है कुछ नमी सी आँख मे होती है, कभी होठ सिसकते रहते है, कभी उदासी सी मन मेँ होती है, तेरी याद तो पास होती है पर पास नही तु होती है, इक हुक सी दिल मे उठती है हर रोज कयामत होती है......! इक हुक सी दिल मे उठती है हर रोज कयामत होती है,, तेरी याद तो पास होती है पर पास नही तु होती है,, मुझे भुल चुका होगा अब तक तो पर कमी सी मुझ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat कटाक्ष शब्दों को खोजने की कटाक्ष शब्दों को सहने की पीड़िता रही उम्मीद , विरह वेदना मिटाने किस्स हिस्से को जला आई, तुम ख़ुद में ख़ुद जो जाते , कभी अहम से ख़ुद को जलाते , लिखूं मैं असीस सुनि एक हुक जिस्मं से रूह निकल कर जवाब बनी तपस बनी तलाश #reality #lifequotes #zindagi #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat कटाक्ष शब्दों को खोजने की कटाक्ष शब्दों को सहने की पीड़िता