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Aadishakti Shivpriya Parivar
White जय माता दी हर- हर महादेव अधिकतर लोग पित्र दोष से परेशान रहते हैं और भटकते रहते हैं। पित्र दोष निवारण के कुछ सरल उपाय - 1.रोज सुबह उठकर अपने पित्रों को प्रणाम करके गंगा माता के नाम से एक देशी गौमाता के घी या मीठे तेल से दिया जलाकर फल पित्रो को समर्पित करें। 2.महिने की हर अमावस्या को पीपल वृक्ष की 21परिक्रमा करके एक घी का दिया जलाएं। 3.साल में जब भी सोमवार, मंगलवार व शनिवार को अमावस्या आने पर व्रत करके मां पार्वती सहित भगवान शिव की पूजा करके फल पित्रों को दें। 4.पितृपक्ष में व्रत ,उपवास , ब्राह्मण भोजन, दीपदान आदि हम जो भी करते हैं वो पित्रदोष हटाने के लिए काफी कारगर उपाय है। पित्र पक्ष में हर दिन संभव न हो तो अपने पित्रों की तिथि या वो भी ज्ञात न हो तो कम से कम पितृपक्ष में यह उपाय जरूर करें। 5.नित्य गौमाता को रोटी, कुत्ते को रोटी, पक्षियों को दाना, चिटियों को भोजन देने से पित्रदोष मिटता है। ©Aadishakti Shivpriya Parivar पितरदोष निवारण के कुछ कारगर उपाय-#pitradosh #pitrapaksha #poojapath #Shorts आज का विचार /Hinduism
पितरदोष निवारण के कुछ कारगर उपाय-#pitradosh #pitrapaksha #poojapath #Shorts आज का विचार /Hinduism
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उनका भला कोई नहीं केवल और केवल भगवान श्री कृष्ण जी की मन से सरनागति में ही सम्भव है।। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #snow {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उन
#snow {Bolo Ji Radhey Radhey} बड़ी अजीब है दासता:- कर्म व विचार हमारे सुध व निष्पक्ष नही, उपाय पंडित व अन्य से पूछते पूछते भटक रहे हैं, उन
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म
#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म
read moreM.K Meet
दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं! के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो . ©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
read moreHimanshu Prajapati
हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! ©Himanshu Prajapati #chai_love हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! #3
#chai_love हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! 3
read moreनवनीत ठाकुर
अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।
#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।
read moreAnuradha T Gautam 6280
Arjun Singh Rathoud #Gwalior City
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
read moreShort And Sweet Blog
शांत रहने का कारण 'रुसवाई ' 💔🥹। #myreason #missingsomeone #Broken #SAD #hindistatus #someonespecial #FirstLove #ytviral #ytshort #shortfeed
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