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Ankit Rathore
परवाज़ हाज़िर ........
महोब्बत के लब की श्याही बनजावा..... जो बस उसी के दिल का महसुस हो वो रिहाई कहलावा.... जाहिर है के खुदा रोज़ कई जोड़ियां बनाता है... जो बस मेरी मन्नत ने चाहा हे उसी धड़कन के हासील में दिलनसी बनके आवा.... ©G0V!ND DHAkAD #nabi se mannt..... #प्यार #धोखा नहि #मोका होता हे अब बाकि उस #खुदा की #करामात हे के हमेशा अधूरी #कहानियां ही लोग याद रखते हे....
Madhav Jha
फ़राज़ क़लम तो लिख गए ज़रा ख़ुश्बू से उड़ा के फैले गुस्ताख़ी माफ़ हो कि चलते चलते माधव वो कलाम कैसे लिखे । *सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं, सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं, सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से सो अपने आप को बर्बाद कर के देखते हैं, सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उसकी, सो हम भी उसकी गली से गुज़र के देखते हैं, सुना है उसको भी है शेर-ओ-शायरी से शरफ्त सो हम भी मोइज़्ज़-ए-अपने हुनर के देखते हैं सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं ये बात है तो चलो बात करके देखते हैं सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है सितारे बाम-ए-फलक से उतर के देखते हैं सुना है दिन को उसे तितलियां सताती हैं सुना है रात को जुगनू गुज़र के देखते हैं सुना है हश्र हैं उसकी ग़ज़ाल सी आँखे सुना है उसको हिरन दश्त भर के देखते हैं सुना है उसकी स्याह चश्मगी क़यामत है सो उसको सूरमोफरोश आँख भर के देखते हैं सुना है उसके लबों से ग़ुलाब जलते हैं सो हम बहार पे इल्ज़ाम धर के देखते हैं सुना है आईना तमसाल है जबीं उसकी जो सादे दिल हैं उसे बन संवर के देखते हैं सुना है उसके बदन की तराश ऐसी है के फूल अपनी कबायें क़तर के देखते हैं बस इक निगाह में उठता है काफ़िला दिल का सो रहरबां-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं सुना है उसके शबिस्तान से मुत्तसिल है बहिश्त.... .... (आगे) मकीं उधर के भी जलवे इधर के देखते हैं किसे नसीब के बेपैरहन उसे देखे कभी कभी दर-ओ-दीवार घर के देखते हैं रुके तो गर्दिशें उसका तवाफ
srashti sachan
जिम्मेदारिया अजी कौन नहीं चाहता मां की आवाज पे उठ जाना वो गुस्से भरी आवाज में उनका कहना अरे अब तो उठ जा देख पड़ोस वाले का बच्चा सुबह 5 बजे से टहल रहा, जल्दी से नहा ले वरना अपना खाना खुद परोस कर खाना कौन नही चाहता पिता के सामने अदब से पेश आना और उनके सामने खुद को अच्छा साबित करना, कौन नहीं चाहता एक ही सामान के लिए छोटी बहन से यूं फिजूल में झगड़ना उसकी चोटी पकड़ कर खींचना और बड़ी बहन से खाने की नई नई चीज़ें बनवाना किसी की मज़बूरी तो किसी की बनती बिगड़ती कहानियां ही तो हैं जो स्वर्ग जैसे घर को छोड़ने पे मजबूर करती है जनाब वरना किसको पसंद है होटल का खाना ©srashti sachan जिम्मेदारिया अजी कौन नहीं चाहता मां की आवाज पे उठ जाना गुस्से भरी आवाज में उनका कहना अरे अब तो उठ जा देख पड़ोस वाले का बच्चा सुबह 5 बजे से
Gyanesh Tiwari KAVI
आजकल के आदमी में, जहर इतना भर गया है। विषधरों का वंश सारा, डर गया है। इस गली में उस गली में,
Hem Raj Yadav
नकारें भी तो नकारें कैसे, तुझे हम आखिर। जो हर दिन हमारे, दया के मोहताज तुम्हारे।। होंगे झूठे ढोंग भरे ये धर्म सभी, और होंगी झूठी सारी किताबें तुम्हारे गुणगानों की। मगर हम अपनी इस जान को क्या बतलाएं, जो इशारों पे है सरताज तुम्हारे।। लाख कोशिशें नाकाम हो जातीं, और मिलने वाली चीजें मिल कर आम हो जातीं। सुबह शाम बस कशिश यही, जाने कल क्या हों हमारे लिए आगाज तुम्हारे।। कोई नहीं समझा सका है तुमको क्या हो कैसे हो और क्युं हो, कोई न हक़ीक़त बता सका तुम्हारी। सब मनगढ़ंत कहानियां ही गाते, जाने क्या हैं सच्चे साज तुम्हारे।। देखे हमने ढहते मंदिर, मस्जिद भी तुफानों में। बची हुई कुछ जानें देखी, गिरे हुए मकानों में।। तेरी माया एक नज़र की, पाखंड भरी इस दुनिया में। तू ही सच्चा तू ही धर्म, और अगर हैं तो बस राज़ तुम्हारे।। ©Hem Raj Yadav हे ईश्वर.... नकारें भी तो नकारें कैसे, तुझे हम आखिर। जो हर दिन हमारे, दया के मोहताज तुम्हारे।। होंगे झूठे ढोंग भरे ये धर्म सभी, और होंगी झ
Hem Raj Yadav
नकारें भी तो नकारें कैसे, तुझे हम आखिर। जो हर दिन हमारे, दया के मोहताज तुम्हारे।। होंगे झूठे ढोंग भरे ये धर्म सभी, और होंगी झूठी सारी किताबें तुम्हारे गुणगानों की। मगर हम अपनी इस जान को क्या बतलाएं, जो इशारों पे है सरताज तुम्हारे।। लाख कोशिशें नाकाम हो जातीं, और मिलने वाली चीजें मिल कर आम हो जातीं। सुबह शाम बस कशिश यही, जाने कल क्या हों हमारे लिए आगाज तुम्हारे।। कोई नहीं समझा सका है तुमको क्या हो कैसे हो और क्युं हो, कोई न हक़ीक़त बता सका तुम्हारी। सब मनगढ़ंत कहानियां ही गाते, जाने क्या हैं सच्चे साज तुम्हारे।। देखे हमने ढहते मंदिर, मस्जिद भी तुफानों में। बची हुई कुछ जानें देखी, गिरे हुए मकानों में।। तेरी माया एक नज़र की, पाखंड भरी इस दुनिया में। तू ही सच्चा तू ही धर्म, और अगर हैं तो बस राज़ तुम्हारे।। ©Hem Raj Yadav हे ईश्वर.... नकारें भी तो नकारें कैसे, तुझे हम आखिर। जो हर दिन हमारे, दया के मोहताज तुम्हारे।। होंगे झूठे ढोंग भरे ये धर्म सभी, और होंगी झ
Raveena
एक कहानी... महाभारत से एक नैतिक कथा... महाभारत की कई घटनाएं है जो प्रसिद्ध है। हमेशा लोग पांडव के नीति, धर्म पालन की कहानियां ही सुनते है। लेकिन कई ऐसे घटनाएं है जो प्रचार में न
રાધિકા ધામેચા રાધા
Hiiii... Friends... आज युवा दिलों पे राज करने वाले बेहतरीन शायर Zubair Ali Tabish का जन्मदिन है... उनकी एक बात जो मुझे बहुत अच्छी लगती है और