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Himanshu Prajapati
green-leaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉 ©Himanshu Prajapati #GreenLeaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉
#GreenLeaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉
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Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर, हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर। नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें, प्यार का पतंग संग थामे चलें। हर शिकायत को हवा में बहा दें, हर दूरी को अपने करीब ला दें। आओ फिर से अजनबी हो जाएं, एक नई दास्तां फिर लिख जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्
#lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्
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White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
read moregaTTubaba
जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ? ©gaTTubaba जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ?
जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ?
read moreनवनीत ठाकुर
वक़्त का हर लम्हा संभालकर रखना, जो गुज़र गया, उसे यादों में बसा कर रखना। ख़ैर, वो कल नहीं रहेगा, जाहिद,हर लम्हा जी के रखना।। हर पल को जियो कुछ इस तरह, कि फिर लौटकर वो कभी न तरसे। वक़्त की साज़िश को समझ लो यारों, ये वो मेहमां है जो कभी ना ठहरे।। इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जाहिद, इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल।
#नवनीतठाकुर जाहिद, इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल।
read moreनवनीत ठाकुर
तेरे प्यार की जो कभी शमा जलती थी मेरे अंदर, वही शमा राख हो गई है, और अब जल रहे हैं हम। वो तुझसे मिलकर जो रास्ते थे रोशन, अब उसी अंधेरे में खुद को खोते हैं हम। खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम। ©नवनीत ठाकुर #खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
#खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
read moreनवनीत ठाकुर
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं । ©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
read moreVijay Kumar
BeatMusic कड़ी पर कड़ी जोड़ते जाएं तो जंजीर बन जाती Motivational Love poem Poetry Emotional
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