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डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
पेड़ों के झुरमुट में जब खेले , मिल कर आंख मिचौली। मैं तुम्हारी, तुम मेरे हमजोली। भागना,छिपना, रूठना, मनाना। प्रतिपल सपनों के महल बनाना। धरती से अम्बर तक अंतहीन इच्छाएं। अपना नेहनीड़ कहां कैसे बनाएं। बहुमूल्य भूखण्ड बहुमूल्य भवन, चलो बादलों में ही अपना नेहनीड़ बनाएं। ©Veena Kapoor पेड़ों के झुरमुट बादलों के पार आंख मिचौली नेहनीड़ #vacation
Dīñēsh Pālīwãl
पेड़ों से भी उतना ही प्यार करो, जितना पेड़ों के नीचे करते हो😜😜😜 पेड़ों से भी उतना ही प्यार करो, जितना पेड़ों के नीचे करते हो😜
Prem Nirala
पेड़ों के सारे परिंदे वो उड़ा ले गया, बेटियाँ घर में बैठी कहाँ अच्छी लगती हैं! prem_nirala_ पेड़ों के सारे परिंदे वो उड़ा ले गया, बेटियाँ घर में बैठी कहाँ अच्छी लगती हैं! #prem_nirala_
AD Kapoor
natural beauty 👌 ©Himachali Dancer इस तरह से सेब के पेड़ों के उपर जाली लगाकर पशु पक्षियों से सेब की रक्षा होती है #Nature #naturalbeauty #Pahari
M Shubham
आधुनिकता के रंग में कितना भी रंग जाओगे पर जिंदगी जीने का असली रंग ठंडी हवाओं और पेड़ों के छांव में है हां ..वहीं ... अपने गांव में है !! आधुनिकता के रंग में कितना भी रंग जाओगे पर जिंदगी जीने का असली रंग ठंडी हवाओं और पेड़ों के छांव में है हां ..वहीं ... अपने गांव में है !!
SATYA NARAIN SWAMI
Naresh Bokan Gurjar
सोच रहा हूँ आखिर मैं कहाँ तक सोचू जहाँ तक है मदमस्त हवा वहाँ तक सोचू जहाँ तक हैं नीला आसमा वहाँ तक पहुँचु जहाँ सरद की रात में , बर्फानी हालात में, पेड़ों के पत्ते ठिठूर रहे, पर्वत सफेदी से निखर रहे ओस के सुंदर मोती हरी घास पर बिखर रहे ©Naresh Bokan Gujjar सोच रहा हूँ आखिर मैं कहाँ तक सोचू जहाँ तक है मदमस्त हवा वहाँ तक सोचू जहाँ तक हैं नीला आसमा वहाँ तक पहुँचु जहाँ सरद की रात में , बर्फानी हा
Vandana
सुप्रभात ओंस की बूंद चमकती पत्तों पर हवाओं की मौजूदगी रहती,,,,, पेड़ों के झुरमुट के ऊपर पंछियों का शोर है चहुंओर,,,,, भोर की ठंडक,धूप की मीठी सेंक
Priya Gour
संकट कभी जो मुझे हुआ मैं अपनी क्यों फ्रिक करु, वो ‘देवो के देव' हरे कष्ट मेरे, मैं किसी बात से क्यों डरु। ©Priya Gour मेरे महादेव 💕 आज लोक देवता वीर तेजाजी(कृषि कार्यों के उपकारक देवता) महाराज एवं रामदेवजी(जिनका मेला साम्प्रदायिक एकता का प्रतीक) की दशमी(पुण्
सुसि ग़ाफ़िल
दुनिया खिलाफ है तो क्या बात है डर नहीं हौसला अगर लाजवाब है! कंकर पत्थर तो आएंगे रास्ते में ताकत से सामना कर लाजवाब है! होठ सूखे है तो आराम कर थोड़ा पानी की तलाश भी लाजवाब है! हरे पेड़ों के गीत गा सूखे पेड़ों को गले लगा यह भी तो लाजवाब है! इंतजार में तेरे रास्ते भी मंजिल भी जुनून करे पागल यह लाजवाब है! सुशील थके ना गाता रहे गीत शिव को यादकर यह भी तो लाजवाब है! दुनिया खिलाफ है तो क्या बात है डर नहीं हौसला अगर लाजवाब है! कंकर पत्थर तो आएंगे रास्ते में ताकत से सामना कर लाजवाब है! होठ सूखे है त