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Vishnu
एक दिन एक शख्स एक पेड़ पर चढ़ गया। थोड़ी देर बाद उसे लगा कि यहां से नीचे उतरना उतना आसान नहीं है। अब उसके पास बस एक ही रास्ता था कि वह पेड़ से कूद जाए लेकिन पेड़ इतना ज्यादा ऊंचा था कि उसे लगा कि अगर कूदने की कोशिश की तो चोट लग सकती है। कोई चारा न देख उसने आसपास से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी को कोई तरीका नहीं सूझा। वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। तभी भीड़ में से मुल्ला नसीरुद्दीन निकलकर बाहर आए और बोले – घबराओ मत। मैं कुछ करता हूं। मुल्ला ने एक रस्सी उस आदमी की तरफ फेंकी और बोले कि इस रस्सी को अपनी कमर में कसकर बांध लो। नी कुछ ही देर में उस आदमी ने रस्सी को अपनी कमर में बांध लिया। मुल्ला ने रस्सी का दूसरा छोर पकड़कर खींचा। ऐसा करते ही वह आदमी पेड़ से धड़ाम से नीचे आ गिरा। गिरने से उसे बहुत चोट आईं। लोग मुल्ला पर भड़क गए और बोले : बेवकूफ आदमी, यह क्या किया तूने? मुल्ला ने भोलेपन से कहा : मैंने पहले भी एक आदमी की इसी तरीके से जान बचाई है। मैंने इस तरीके को पहले भी आजमाया है, लेकिन मुझे यह याद नहीं आ रहा कि उसे मैंने कुएं में से बचाया था या पेड़ पर से? ©Vishnu मुल्ला नसीरुद्दीन
Aadarsh MALVIYA
जब मुल्ले को मस्जिद में राम नजर आए जब पण्डित को मंदिर में रहमान नज़र आये तस्बीर ही बदल जाएगी इस दुनिया की अगर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आये ©Aadarsh MALVIYA जान मुल्ला को मस्जिद में रकम नज़र आये #SuperBloodMoon
Shahjad Khan
आज का ज्ञान अब राष्ट्र को अगलें 5 वर्षों तक कोई खतरा नहीं है । अब न्यूज़ चैनल मुल्ला और पण्डों से मुक विरान से पढ़ें है ।
Vijay Tyagi
हाला हाला जा मधुशाला जाया हो गई जा जया शाला बोले बच्चन ऐसे के भैय्या मुख देखो न कभू पाठशाला सर्फ़ सफ़ेदी बाल और कपड़े इज़्ज़त को भी रंग दिया काला जया हे,जया हे अब हम का कहें छीछालेदर..मकड़ी का जाला लिंक, हरिसन, गोदरेज-बोदरेज़ कौन सो जड़ देउँ मुख पर ताला हाला हाला जा मधुशाला... #माशारत्ती अमां ये कैसी है बदमिज़ाजी किस किस्म की है बयानबाज़ी तुम मुल्ला हो तो मुल्ला ही रहो, भला क्यूँ बन रहे शहर काज़ी..🤔 #yqbaba #yqdidi
manoj kumar jha"Manu"
गगन में चाँद बादलों के बीच से झांकता हुआ देख रहा है। जैसे झाँक रही हैं तुम्हारी आँखे काजल वाली पलकों के बीच। और कभी चाँद कभी छुपता है निकलता है बादलों के बीच। जैसे तुम्हारी आँखे मिचती व खुलती हैं पलकों के बीच।। और ये क्या देख रहा हूँ अब एक चाँद गगन में दूसरा धरा पर और मैं उन दोनों के बीच।। दो दो चाँद
M.S Rind"
दो दो चेहरे लिए फिरते हैं अंदर से कुछ बाहर से कुछ दिखाते हैं। ©M.S Rind" दो दो चेहरे