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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Beautiful Moon Night दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अब , कष्ट हमारे देख ।।२ जीवन से मैं हार कर , होता नही निराश । करता रहता कर्म हूँ , होगा क्यों न प्रकाश ।।३ इस दुनिया में मातु पर , रखना नित विश्वास । वे ही अपने लाल के , रहती हैं निज पास ।।४ कहकर उसको क्यों बुरा , बुरे बने हम आज । ये तो विधि का लेख है , करता वह जो काज ।।५ कभी किसी के कष्ट को , देख हँसे मत आप । वह भी माँ का लाल है , हँसकर मत लो श्राप ।।६ मदद नही जब कर सको , रहना उनसे दूर । कल उनके जैसे कहीं , आप न हों मजबूर ।।७ करने उसकी ही मदद , भेजे हैं रघुवीर । ज्यादा मत कुछ कर सको ,बँधा उसे फिर धीर ।।८ जग में सबकी मातु है, जीव-जन्तु इंसान । कर ले उनकी वंदना , मिल जाये भगवान ।।९ माँ की सेवा से कभी , मुख मत लेना मोड़ । उनकी सेवा से जुड़े , हैं जीवन के जोड़ ।।१० ११/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- माता तेरे नाम का , रखता हूँ उपवास । सुत मेरा भी हो सही , बस इतनी है आस ।।१ बदलो मेरे भाग्य की , माता जी अब रेख । हँसते हैं सब लोग अ
Adv Di Pi Ka
उसका लाख ही... किसी का खाल था। बस उसकी नजरों से नजर अंदाज था! या उसे नजर तो था पर उस पर... उसका अंदाज नजर अंदाज वाला था। ©Di Pi Ka #truecolors लेख का खेल कुछ इस तरह...जिसको जितनी जरूरत है उतना मौजूद है। और जिसको जितनी जरूरत नहीं उस से ज्यादा भी मौजूद है। एक विनती से तो द
Krishna
"यहाँ सारे गवाह मर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll तबाही पर वाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनके अहंकार को वक्त ने जमींदोज किया, वो सारे शहंशाह मर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनसे उम्मीद थी मुंह खोलेंगे, सच बोलेंगे, वो सारे गुनाह कर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll नयनों में बंद सबूत थे पर ज्यादातर झूठ थे, नयन गुमराह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll आय के बढ़ने से न्याय का घटना, ये संकेत बुरे हैं, हम बार-बार अगाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll तस्वीर के लिए संबंधित मालिक का श्रेय एवं धन्यवाद! #poetrylovers #lifequotes #poem ©Krishna #"यहाँ सारे गवाह मर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll तबाही पर वाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनके अहंकार को वक्त ने जमींदोज किया, वो स
Krishna
"हस के गले लगा लो न ll कस के गले लगा लो न ll झूठ-मूठ के लिए नहीं, सच में गले लगा लो न ll नि:संदेह मैं तुम्हारा हूँ, हक से गले लगा लो न ll मेरा दिल बैठा जा रहा, तरस के गले लगा लो न ll और इंतजार नहीं होता, झट से गले लगा लो न ll तस्वीर के लिए संबंधित मालिक का श्रेय एवं धन्यवाद! ©Krishna #trafficcongestion "हस के गले लगा लो न ll कस के गले लगा लो न ll झूठ-मूठ के लिए नहीं, सच में गले लगा लो न ll नि:संदेह मैं तुम्हारा हूँ
Deepanjali Patel (DAMS)
एक बेटा होना भी आसान नहीं है जनाब......... बेटियों के भाग्य को लिखकर तो विधाता भी कभी-कभी रो देता होगा, पर कभी सोचा नहीं था कि आज तो एक बेटा होना या उसके माता-पिता होना भी आसान नहीं है। कितनों से सुना है और देखा भी है कि बदलते समाज के साथ बेटियों के प्रति बढ़ती असुरक्षा और दहेज प्रथा ने तो बेटी होने पर दुःख एवं भय पहले ही सताने लगता है किन्तु आज की तारीख में बेटे के जन्म से ही उसके माता-पिता को उसकी शादी के समय की चिंता सताने लगती है। हर एक माता-पिता का सपना होता है कि उनकी संतानों का सही उम्र और सही जीवन साथी से अगर बंधन जुड़ जाए तो उनका जीवन सफल हो जाएगा। पर उन्हें क्या पता था कि आज तो बेटे के ब्याह के लिए भी इतना चिंतित होना पड़ेगा। हां, आज एक लड़का पढ़-लिखकर, डिग्री हासिल कर, जिम्मेदार और घर को चलाने व संभालने लायक भी बन जाए तो उसका रिश्ता ये कहकर ठुकरा दिया जाता है कि उसके सर पर खुद के घर की छत नहीं है। अगर लड़का कमाऊ भी है, खुद का घर भी है लेकिन जमीन तो नहीं है न। अब लड़का कमाऊ भी है, खुद का घर और जमीन-जायदाद भी है, चरित्र का भी ठीक है, जिम्मेदार है, गुटखा-दारू भी नहीं खाता-पीता, लेकिन सरकारी नौकरी तो नहीं है न। अब सरकारी नौकरी भी है, घर में भी सब कुछ है बस माता-पिता के लिए बहू लाने में जो नौकरी की कमी थी वो भी इस तगड़े प्रतिस्पर्धा में आखिरकार पा ली, मगर जरा सी देर हो गई, पर अब दिक्कत क्या है? अरे ये सब जोड़ने-बनाने में, नौकरी पाने में ब्याह की जो उम्र निकल गई, उसे कैसे भूल जाएंगे? उम्र भी तो रिश्ते ठुकराने का एक तरीका है। वाकई, न ही खुशी-खुशी बेटियां ब्याही जा रही और न ही बेटों की बारात निकल पा रही है, बस इसी चिंता में माता-पिता की भी आस मिटती जा रही। और इस चिंता से चिता तक आकर जीवन का सफर बीच में ही पूरा मगर वास्तव में अधूरा ही रह जाता। वजह मात्र इतनी कि इन कुरीतियों को अपनाने के चक्कर में शादी जैसे पवित्र बंधन को भी सौदेबाजी में बदल दिया गया है। ©Deepanjali Patel (DAMS) बेटियों के मेरे लेख को अगर आपने पढ़ा है तो एक बार इसे भी पढ़ कर, अपनी राय जरूर दें। #imagesourcepinterest #beta #Sarakarinaukari #Jameenjayd
भारतीय लेखिका तरुणा शर्मा तरु
Jaggi Charuta
KP EDUCATION HD
KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति good morning ji Shubh ©KP EDUCATION HD आपको बता दें कि सबसे पहले शनि 11 फरवरी को अस्त हो रहे हैं। शनि के 11 फरवरी को अस्त होने से शनि की साढ़ेसाती वाली राशियों पर शनि का प्रकोप कम