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Anuj Ray
White शिकायतों के अंबार" पागल भंवरे ,किस लिए करते हो, मुझसे शिकायत मेरी, हंसी मजाक लड़कपन रह गया पीछे, कोरी चुनरी में बड़े दाग़ लगे हैं। अब मैं किसी को घास नहीं डालती, ऐसी शिकायतों के तो अंबार लगे हैं। बड़े सदमे दिए हैं मोहब्बत ने हमें अभी-अभी तो गहरी नींद से जागे हैं। ©Anuj Ray # शिकायतों के अंबार लगे हैं"
Anuj Ray
White इक वक्त के बिछड़े दिलों की दास्तान के पन्ने, न जाने कब से बर्फ की परत में ढके थे। बह बह के आंसुओं का जम गया था समंदर, खुली हवा में, आहिस्ता आहिस्ता पिघल रहे हैं। टूटा है पहाड़ गलत फहमी का, मुद्दत के बाद आज फिर से, पुरानी यादों के अलाव जल रहे हैं। ©Anuj Ray # यादों के अलाव जल रहे हैं"
Anuj Ray
रेत के घर बनाते रहते हैं" तुम्हीं को इश्क़ मेरी जान,मोहब्बत तुम्हीं को कहते हैं। पकाते हैं खिचड़ी अधेड़ धुन में, ज़िन्दगी तुम ही को कहते हैं। डरते हैं ख़्वाब टूट के बह जाए न पानी में, फिर भी रेत के घर बनाते रहते हैं। ©Anuj Ray # रेत के घर बनाते रहते हैं"
Shashi Bhushan Mishra
रेत के घर बनाते रहते हैं, स्वप्न दिल में सजाते रहते हैं, टूट जाए नहीं कोई सपना, नींद पलकों पे लाते रहते हैं, रहे रौशन सदा अरमान मेरे, एक दीपक जलाके रहते हैं, अंधेरी रात में डर का साया, राम धुन गुनगुनाते रहते हैं, बड़ी दुश्वारियां भरा जीवन, राग भैरव सुनाते रहते हैं, दरीचा-ए-दिल में रहे रौनक, रूठे रहबर मनाते रहते हैं, रहे मदहोश न दुनिया गुंजन, यहाँ सब आते-जाते रहते हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #रेत के घर बनाते रहते हैं#
Sadhna Sarkar
संवेदना हृदय की उसकी अपनी सारी मर चुकी है ना जाने कितनी दफा वो मज़बूरी में बिक चुकी है कभी अपने बच्चे की भुख ने उसे बिकवाया , तो कभी खोटे नियति की मार ने उससे ये करवाया जिसकी चाहत ने उससे उसका घर है छुड़वाया उसी ने आज उसे बाज़ार में नीलाम है करवाया लेकिन अब अपनी नियति पे ना उसे रोना आता है और ना ही उसके लबों पर कोई मुस्कान आती हैं जो हो गया था और जो हो रहा है उसके साथ मजबूरी बन गई उसकी जो वो अब एक मां भी है निकलना चाह कर हुए भी ना निकल पाती हैं वो अब एक ऐसे ही जगह की पिंजरे में कैद है कोई तगमा तो नहीं है उन सब स्त्रीयों के लिए लेकिन, थोड़ी सहानुभूति इतना तो हो ज़रूरी चाहें मान सम्मान ना देना हो तो ना दीजियेगा लेकिन उनका कभी अपमान भी ना कीजियेगा। ©Sadhna Sarkar #ankahe_alfaaz वक्त के हाथों मजबूर हैं सहानुभूति ज़रूरी है।
koko_ki_shayri
Beautiful Moon Night हम ख़ामोश हैं ख़ुद कि बेबसी के आगे, कुछ को लगता हैं डर गए! कौन बताये उन पागलों को, ये तूफ़ान के पहले की शांति हैं! ©koko_ki_shayri #तूफ़ान आने के पहले की शांति हैं ...
Rakesh frnds4ever
Men walking on dark street आंखों के द्वार पार जाने क्यों आंखें झांक लेती हैं उस पार जानें क्यों बुद्धू सी बुद्धि के तार भांप जाते हैं औरों के विचारों के आर पार,,,..... ©Rakesh frnds4ever #Life_Experiences #आंखों के #द्वार पार जाने क्यों आंखें #झांक लेती हैं उस पार
Anuj Ray
कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें, न जाने क्यों समंदर भी मुझे, प्यासा दिखा। सब अधूरे हैं बादलों के बिना, जहां-जहां भी नज़र डाली ,तड़प का अलग ही एक नजारा देखा। ©Anuj Ray #सब अधूरे हैं बादलों के बिना"