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Himanshu Sharma
White धीरे धीरे ही सही मेरा भी वक्त आ रहा है, इन काली रातों में अकेला बैठ हिमांशु अपना नसीब चमका रहा है, न रखता हूं किसी से उम्मीद सहारे की, बुरा वक्त ही है जो हमें सोने की तरह चमका रहा है ©Himanshu Sharma #hard times
#Hard times
read moreSai Angel Shaayari
MY BED IS THERE FOR ME IN GOOD TIMES & IN BAD TIMES. THAT'S THE KIND OF SUPPORT. I DESERVE IN LIFE. ©Sai Angel Shaayari MY BED IS THERE FOR ME IN GOOD TIMES & IN BAD TIMES. THAT'S THE KIND OF SUPPORT. I DESERVE IN LIFE.
MY BED IS THERE FOR ME IN GOOD TIMES & IN BAD TIMES. THAT'S THE KIND OF SUPPORT. I DESERVE IN LIFE. #Life
read moresushma gupta
White हे राम दुबारा मत आना अब यहाँ लखन और हनुमान नही।। सौ करोड़ इन मुर्दों में अब बची किसी में जान नहीं।। भाईचारे के चक्कर में, बहनों कि इज्जत का भान नहीं।। इतिहास थक गया रो-रोकर, अब भगवा का अभिमान नहीं।। याद इन्हें बस अकबर है, उस राणा का बलिदान नही।। हल्दीघाटी सुनसान हुई, अब चेतक का तूफान नही।। हिन्दू भी होने लगे दफन, अब जलने को शमसान नहीं।। विदेशी धरम ही सबकुछ है, सनातन का सम्मान नही।। हिन्दू बँट गया जातियों में, अब होगा यूँ कल्याण नहीं।। सुअरों और भेड़ियों की, आबादी का अनुमान नहीं।। खतरे में हैं सिंह शावक, इसका उनको कुछ ध्यान नहीं।। चहुँ ओर सनातन लज्जित है, कुछ मिलता है परिणाम नहीं।। वीर शिवा की कूटनीति, और राणा का अभिमान नही।। जो चुना दिया दीवारों में, गुरु पुत्रों का सम्मान नही।। हे राम दुबारा मत आना, अब यहाँ लखन और हनुमान नही।। ©sushma gupta #el@sushmagupta ection_results
HintsOfHeart.
बहुत तक़लीफ़ है दूर रहने में - यह एक ऐसी चुभन है जो कभी ख़त्म नहीं होती यह एक ऐसा गीत है जो मदहोश कर देता है यह एक ऐसी जगह है, जहाँ क़ैद में रहना भी एक ख़ूबसूरत सपने जैसा है : यह प्यार है ! ©HintsOfHeart. #Love,at times, becomes a picture of impossibility.
Love,at times, becomes a picture of impossibility. #लव
read morePuspesh Labh
White बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे न ही टूट कर रोए, न ही कम ज़रा सोए, न हुई है बातें कम न जनजारते है गम दुःख पुरना साथी है चेहरे पे क्यू लाना है कल भी घर चलना था आज भी घर चलना है बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे अस्क भी तो रहते है बन के बोझ आँखों पर रोज़ टूटे सपनो को फिर से बुनना होता है दिल से आगे जा के पेट चुनना होता है हाथ रख के जेबों पर अस्क भर के आँखों पे बाद फिर बिचरने के उम्र भर की ख़ामोशी बांध ली है होंठो पे By पार्थ ©Puspesh Labh bad phir bhichrne
bad phir bhichrne #शायरी
read moreShalini
White Standing alone is better than standing with people who dont value you ©Shalini #SAD Look at the sky..
SAD Look at the sky..
read moreRj Ahmad
نظریں سچ میں تعلقات کھا جاتی ہیں ...!! Nazreein sach mai Talaqaat Kha jati hain ©Rj Ahmad #bad-nazar
#bad-nazar
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