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Diya
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰 ©Diya #मासूम #नजर #बचपन#बचपन #diyakikalamse
#मासूम #नजर #बचपन#बचपन #Diyakikalamse
read morekasishraj
मौसम का कोई रूप नहीं फिर भी बहुत सुंदर लगता हैं धूप में कोई आग नहीं फिर भी ओ तेज लगता हैं Anjaliraj ©kasishraj #मासूम खूबसूरत दो लाइन शायरी
#मासूम खूबसूरत दो लाइन शायरी
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी छाँव की पर्दादारी गयी रिश्ते सब टूट गये खिल ना सके इन पतझरो के बाद कैद कही हवा पानी हो गये ठूठ से हम बंजर खड़े है खाद्यपानी नेता चर गये अग्नि परीक्षा देते देते हम ओवरेज की उम्र में चले गये खता जो मैने समझी अब तक साजिशों से ठगे गये है बूँद तक की प्यास के लिये कितने पहरे ईजाद किये गये है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
#GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
read moreF M POETRY
green-leaves कितने आराम से बैठे हो मेरा दिल लेकर.. मुझको हैरत है क़ी खामोश है दिल भी तुम भी.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...
#GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
read moreSANIR SINGNORI
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे.. जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे..🥀 . ©SANIR SINGNORI कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
read moreAjay Tanwar Mehrana
ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ कोई कह तो दे कि मैं बर्बाद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं , कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने ना समाज की रिवाजों के भरम ने , झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं ! मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं
मैं आजाद हूं
read moreBS NEGI
White स्वयं की खोज में हूँ, शांत एवं मौन मैं हूँ, पथिक हूँ सत्यपथ का, मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ! ©BS NEGI व्यस्त हूं
व्यस्त हूं
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
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