Find the Latest Status about तुम जलन बरकरार रखो from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तुम जलन बरकरार रखो.
Akshita Gautam
नियत हीं नियति तय करती है ©Akshita Gautam सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
read moreDr. H(s)uman , Homoeopath
Unsplash सब भूल जाओ लोग क्या कहते हैं आँखें बंद कर लो लोग क्या करते हैं तुम तो बस ये देखो और सुनो कि तुम क्या कहते और करते हो आपने बारे में। सिर्फ़ तुम ही सब कुछ हो ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #तुम
Raaj _The Secret
कोई भी नही जो तेरी कमी पूरी कर सके, और कोई भी नही जिसे मैं तेरी तरह प्यार कर सकूँ।। ©Raaj _The Secret तुम
तुम
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White जमाना जमाने ने गलतियांँ करके मुझे शहर में मशहूर कर दिया जब मैं शहर में मशहूर हो गया तो जमाना खुद मुझे जलने लगा ©DR. LAVKESH GANDHI #जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White तुमसे जो मिले तो ज़िंदगी खूबसूरत लगने लगी हसीन ये आसमान और ज़मीं लगने लगी यक़ीन ग़र कर पाओ मेरा, तो सुनो, मुझे तुम बेशक दूर रहो मुझ से फ़िर भी मेरी ज़िंदगी सी लगती हो…!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम..
तुम..
read moreनवनीत ठाकुर
महफिल में बैठो फक्त, दोस्त के भेष में रकीब की भी जानकारी रखो। मंजिल की तैयारी अधूरी न हो कभी, हार को जीत में बदलने की कलाकारी रखो। हुनर हो हाथों में न कोई, खालिस कुछ कर गुजरने की खुमारी रखो। बात करना किसीसे छोड़ें नहीं, जो अल्फ़ाज़ असर छोड़ जाए, वो समझदारी रखो। लफ्ज़ निकले तो वो शेर सा चमके, शायरी में अपने दिल की अदाकारी रखो। शायरी हो या हो कोई फिक्र-ओ-जुनून, उसमें अपनी असल अदाकारी रखो। कभी न भूलो अपनी राहों का इरादा, मंजिल जो भी हो नज़र शिकारी रखो। सपनों में रंग हो या हकीकत में कोई वीरानी, अपने हौसलों में जीत की सवारी रखो। जो भी करना है, वो पक्की उम्मीद की खुद्दारी रखो। ©नवनीत ठाकुर जीत की तैयारी रखो
जीत की तैयारी रखो
read moreनवनीत ठाकुर
जिन्दगी के उतार-चढ़ाव में नीयत कहीं डोल न जाए, बावजूद इसके कीमत अपनी भारी रखो। जमाने भर की नफ़रतों के बावजूद, मोहब्बत यूं ही जारी रखो। तुमसे बढ़कर कोई नहीं है इस जहाँ में, इसलिए खुद को सबसे खास जारी रखो। अच्छाई के रास्ते पर चलते रहो हर दम, हर उलझन के बावजूद नेकियां जारी रखो। रुख हवा का हो या दुनिया बदल जाए, अपने दिल की आवाज़ भारी रखो। सफेद कपड़ों पर दाग लग न जाए, तबियत अपनी साफ रखो। दब जाना नहीं ऊंची आवाज़ के तले, अलग अपनी एक पहचान रखो। आ जाएं किसी के भी काम, राहत हमेशा सरकारी रखो। बुरा वक्त आए न किसी का, हाथ बढ़ाने में सरदारी रखो। दूसरों के दुःख-सुख में भागीदार बनो, अपने दिल में इंसानियत की सवारी रखो। ©नवनीत ठाकुर #मुहब्बत अपनी जारी रखो
#मुहब्बत अपनी जारी रखो
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White यूँ ही हर किसी के लिए नहीं तड़पते हम, बावजूद तुम्हारी बेरुखी के तुम वाहिद एक शख्स हो जिससे बेइंतहा मोहब्बत है मुझे ©हिमांशु Kulshreshtha तुम...
तुम...
read more