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Tr. Vikash Kumar Pandey
मैं... एक वक़्त का कैदी तड़पता हूँ छटपटाता हूँ, वक़्त की सख़्त गिरफ़्त से लेकिन, छूट ज़रा भी ना पाता हूँ, कोशिशें हज़ार करता हूँ बेशक वक़्त की क़ैद से छूट जाने की, पर, देख ज़िम्मेदारी कन्धों पर मैं अक्सर नाकाम हो जाता हूँ, जाने कितनी ख़्वाहिशें मेरी दफ़न हो जाती हैं मन के भीतर, पर, ख़ुश देखकर अपनों को मैं ग़म अपना भूल जाता हूँ । मैं... एक वक़्त का कैदी वक़्त कि सलाखों से बाहर बस झांक कर ही रह जाता हूँ । भूलकर अपने वो ख़्वाब सारे मैं सबके ख़्वाब सजाता हूँ । मेरा मन भी परिन्दे सा कभी हसरतों के पंख फड़फड़ाता है, ख़्वाबों के खुले आकाश में वो उड़ने की बेताबी दिखलाता है लेकिन, उस बेपरवाह परिन्दे सा वो बेख़बर परवाज़ कहाँ से लाऊँ, वक़्त के हिस्सों में बँट-बँटकर मैं सोच ज़रा भी ना पाता हूँ । मैं... एक वक़्त का कैदी हसरतों को समेट हकीक़त में बस कसमसा कर रह जाता हूँ, मैं... एक वक़्त का कैदी ख़्वाबों के खुले आकाश को बस देखकर ही रह जाता हूँ । #NojotoQuote वक़्त का कैदी #वक़्त #कैदी #परिन्दा #हसरत
Ankit yaduvanshi
सभी कैदी हैं यहां , कोई ख़्वाबो का तो कोई ख्वाइशों का.... ✍🏻 अंकित यदुवंशी #ख्वाबों का कैदी
#ख्वाबों का कैदी #thought
read moreNeel
मान लूँ मैं अगर बात तेरी - सुनो, बन के मेहमान दर को तेरे - चूम लूँ। रूठ जाऊँ अगर तो - मनाओगे क्या, सारे शिक़वे - गिले फिर मिटाओगे क्या। आँसू ऑंखों से मेरे - गिरेंगे नहीं, मुस्कुराहटों के जलवे - दिखेंगे नहीं। मान लूँ सारी बातें तो - दिल से कहो, बन चाँदनी ऑंखों में - झिलमिलाओगे क्या। दिल की धड़कन की आवाज़ - गर तुम सुनो, बन के नज़रों का कैदी तेरे - झूम लूँ ......... नाम लेकर पुकारूँ तो - आओगे क्या ...? साथ सातों जनम तक - निभाओगे क्या ...? 🍁🍁🍁 ©Neel नज़रों का कैदी 🍁
नज़रों का कैदी 🍁 #कविता
read moreVipin 'अनीस'
जहाँ मतलब से प्यार होता है न, वहाँ प्यार का कोई मतलब नही होता.. #NojotoQuote मतलब का प्यार #मतलब #प्यार
H.s
किसी से मतलब से ज्यादा मतलब रखना ! मतलब से ज्यादा तकलीफ देता है!!hs मतलब भर का मतलब रखो
मतलब भर का मतलब रखो
read moreYashpal singh gusain badal'
कैदी अँधेरा घिर गया था , फिर उदास दिल , अन्जान सी घाटी मेँ , कोमल-मासूम-कहीँ गिर गया था , रौशनी का इंतजार था , सुबकी लेता दिल , फटता सा बेजार था । तड़फ आजादी की , दीवारोँ मेँ घिर गया था , आजाद पंछी कोई , पिँजरे मेँ कैद , इस दुनिँयाँ के नाम , एक सुबकता हुआ , खत लिख गया था । रचना-यशपाल सिँह"बादल" ©Yashpal singh badal कैदी
कैदी #कविता
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