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Ek villain
एक गण तथा के रूप में भारत ने बहुत कुछ अर्जित किया और समय के साथ संसार में उसकी प्रतिष्ठा भी बढ़ी है लेकिन इसका यथार्थ भी स्वीकार करना होगा इसके साथ ही चुनौती भी बढ़ती जाएगी चुनौतियां भारी भी है और आंतरिक भी हम अंतरिक्ष चुनौतियों पर जितना ज्यादा पढ़ पाएंगे भारी चुनौती को पेश करने में उतनी ही आसानी होगी चुनौतियों पर विजय पाने का सबसे सरल उपाय यह है कि राष्ट्रीय एकता का भाव लगातार शिविर होता रहा है और इस भावना को बल मिलने के तमाम ऐसे मतों के बाद भी हम सबका साझा लक्ष्य है देश को वास्तविकता और एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना इस साझा लक्ष्य की पूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि देश की राजनीति संस्कृत विवेकशील बनाएं और यह दायित्व बोध से भी लैस हो निसंदेह समय के साथ देश में राजनीतिक चेतना का विस्तार हुआ है और जिसके चलते वंचित वर्ग की राजनीति में हिस्सेदारी भी बढ़ी है लेकिन यह भी एक गुट सत्य है कि हमारी राजनीति में वैचारिक खुलापन बढ़ने के साथ अल्पकालिक स्वास्थ्य के लिए देश हित की अनदेखी की प्रवृत्ति भी बढ़ी है इस प्रवृत्ति को थामना ही होगा फायदे से तो यह होना चाहिए कि राजनीति दल समाज और देश में दिशा देने का काम करे लेकिन राजनीति के बढ़ावे चढ़ाल को देखते हुए अब अनिवार्य हो गया है कि दायित्व जनता स्वयं अपने ऊपर ले उनसे उन राजनीतिक तौर तरीकों के खिलाफ खड़ा होना ही होगा जो ना कि केवल सुशासन में बाधक है जिनके चलते हमारे लोकतंत्र में तमाम खामियां घर कर गई हैं इन दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के चलते ही खामियां सत्य पर दिख रही हैं ©Ek villain # नहीं भारत का उदय इलेक्शन में #RepublicDay
Mandeep sharmamandy296@gmail.com
सभी भाइयों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इलेक्शन में अपना भाईचारा मत खोए इलेक्शन ,,तो बार बार आएंगे भाईचारा दोबारा नहीं आएगा जय फौजी भाई ज
Mohd Hasnain
क्या फर्क पडता है बीजेपी जीते या कांग्रेस वर्तमान की सियासत को देखते हुए एक शेर अर्ज़ है कि......। दौर-ए-इलेक्शन में कहां कोई इंसान नजर आता है. कोई हिन्दू, कोई दलित तो कोई मुसलमान नजर आता है. बीत जाता है जब इलाको से इलेक्शन का दौर, तब हर इंसान रोटी के लिए परेशान नजर आता है. क्या फर्क पडता है बीजेपी जीते या कांग्रेस वर्तमान की सियासत को देखते हुए एक शेर अर्ज़ है कि......। दौर-ए-इलेक्शन में कहां कोई इंसान नजर आत
Dr Jayanti Pandey
सुनो !चुनाव है... बड़े कातर स्वर में माइक से एक आवाज आई वोट फिर से हमको ही दे देना, ऐ माता ऐ भाई आपका तो ऐसे भी कुछ कभी नहीं होने वाला विपक्षी कौन सा तुम्हें बिठा कर दे देंगे निवाला जी तोड़ मेहनत करने से तुम्हें मिलती है रोटी एक वोट से चमकेगी , किस्मत मेरे कुनबे की यकीन रखो, नहीं आएंगे पूरे पांच सालों तक बस पहुंचा दो फिर से सत्ता की मधुशाला तक कलमा पढ़वा लो चाहे, रोज़े भी रख सकते हैं वोट का चांस हो तो मंदिर मस्जिद फिर सकते हैं गोत्र पूंछ लो मेरा या मुझसे चंडी पाठ कराओ बस इस इलेक्शन में सिर्फ मुझको ही जिताओ बाबू सिर्फ मुझको ही जिताओ.... सुनो चुनाव है ## बड़े कातर स्वर में माइक से एक आवाज आई वोट फिर से हमको ही दे देना, ऐ माता ऐ भाई आपका तो ऐसे भी कुछ कभी नहीं होने वाला विपक्ष
Anil Ray
चुनावी दौर में अदृश्य है इंसानियत जो नजर नही आती है। कोई देखता धर्म विशेष तो, किसी को विशेष जाति नजर आती है। और जब पूर्ण होता इलेक्शन तब मजदूर मजबूरी को रोता है अन्नदाता खाने को तरसता है, जवान देखता हुक्मरानों को कातर निगाहों से बेरोजगार किस्मत पर बरसता है, और देश की आधी आबादी महिलाएं निजी सशक्तिकरण में प्रयासरत है। जिस भूख से वादे किये रोटी के वह इंतजार में दम तोड देती है। पता नही इलेक्शन में ऐसा क्या है नाज कमबख्त नेता झूठे वायदों से नही आते बाज़। यह वादे शायद कोई मंत्र है साहब! मै मत देकर आता हूं भिखारी को और वह दीन ही राजा बन जाता है। मैं ठगा-सा रह जाता हूं क्यो झूठे वादे घर कर जाते है, रह जाते मेरे जैसे और भी अबोध अनेक फिर से स्याही रंगा जाते है, समझ पर पत्थर मेरे है पड़े फिर से फ़कीर को राजा बना जाते है। सावधान! इसी राजा के अध्यादेश से अनेक फकीर बनाये जाते है। जी हुजूर! मै दोषी मेरे चयन का पर अपना चुनाव तो सुधार लो आखिर झूठे वादे क्यो?.. क्यो❓ ©Anil Ray चुनावी दौर में अदृश्य है इंसानियत जो नजर नही आती है। कोई देखता धर्म विशेष तो, किसी को विशेष जाति नजर आती है। और जब पूर्ण होता इलेक्शन तब मजद
Nematullah Paighamberpuri
🌹(ग़ज़ल)🌹_____________ लॉकडाउन की आफ़त बढ़ाएगा फ़िर हम को लगता है भूखा सुलाएगा फ़िर क्यों करोना इलेक्शन में आता नहीं मूर्ख जनता को देखो बनाएगा फ़िर देश का जो था धन बेच डाला उसे लगता है दिन ग़ुलामी के लाएगा फ़िर आमद-ओ-रफ़्त गाड़ी की फ़िर रोक कर शहर से गाँव पैदल चलाएगा फ़िर नफसी - नफसी का आलम रहेगा वही हर कोई पुलिस से डंडा खाएगा फ़िर "शैख़" सत्ता से मिल कर हटाओ इन्हें वरना आँखों से दरिया बहाएगा फ़िर ( नेमतुल्लाह शैख़ पैग़म्बरपुरी ) ©Nematullah Shaikh Paighamberpuri #Corona_Lockdown_Rush #lockdown2_0 #bestnojotoquotes #nematullahshaikhpaighamberpuri 🌹ग़ज़ल🌹 🌹غزل🌹______________ लॉकडाउन की आफ़त बढ़ाएगा फ़
AB
...... ये हमारा कोलेज का सेकंड ईयर था, फर्स्ट ईयर हमने सिर्फ एक -दुसरे को छुप -छुप कर देख और बीच -बीच में गलती से टकरा कर बिता दिया था,! हाँ म
Sopiya_Uday
इश्क़ के इलेक्शन का उम्मीदवार बनना था मुझे.. कमबख्त ने भाई कह के चुनाव आयोग बना दिया... !!!! (अज्ञात) #_इश्क में इलेक्शन
शेष दर्शन
मेरे जिंदगी के इलेक्शन में भी दो उम्मीदवार हैं मुईन एक सोचा करता है और एक धड़का करता है #मुईन #NojotoQuote इलेक्शन