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The Apurwa Tripathi
The last year... Koi bhi aisa pal nhi tha jisme koi ek dard nhi tha.... Riste bhi tute... Tuta ye dil bhi....💔 Mai insaaa hu wo...jo hara nhi h....🙋♀️ Kismat hai meri laduga bhi Mai hi ....🙆♀️ Sangharsho k jivan me Sahara nhi h.... 🤷♀️ Nye Sal ki ho nai nai umange....🎆 Khatam ho jaye jindagi ki ye jange... Udti ho asama me success ki Patange.....🪁 Esse badh k mere liye koi najara nhi h...🤗 ©The Apurwa Tripathi Beta varsh
Faizan Ali
guzar Gaye woh din aaye Hain I din are Gujar Gaye vah din ab aaye Hain I din chalo dekhte hain Jigar nahin jindagi kaise rahega hamara Safar ©Faizan Ali #nojito #full varsh
Diwana Radhey Ka Basane Bale
अप्रैल फूल किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!! पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो !! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है – हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).?? ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है… मुर्ख हिन्दू कैसे समझें “अप्रैल फूल” का मतलब बड़े दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल, अप्रैल फूल ??? इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से अपना नया साल बनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस “अप्रैल फूल” का नाम दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप.? याद रखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और त्यौहार 1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है (शुक्ल प्रतिपदा) 2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर के अनुसार बनाये जाते है। 6. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है। अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!! गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के.!! अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी कर दिया जिसमें 1 जनवरी को नया साल का प्रथम दिन बनाया गया। जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे 1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे है। 🚩जागो हिन्दुओ जागो।।🚩 🚩अपने धर्म को पहचानो।🚩 इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 1 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद होजाये । 🚩🚩 जय हिन्द 🚩🚩 ©Diwana Radhey Ka Basane Bale Hindu Nav Varsh
Neetu Sahu
माँ दुर्गा हो जब द्वार खड़ी गुड़ी में लिपटी हो सौग़ात भरी जब टेसू (पलास) भी अभिवादन दे तन्मय इस बेला में वासंती सिंदूरी हो तब भौरें भी करते हो गुंजन तितली भी फिरती हो मधुवन जब प्रकृति का नव श्रृंगार सजे कोयल का मल्हार बजे नया मौसम नया आगाज़ भरे अलसाई जब धूप खिले बंजर में कोई फूल मिले हो बरखा का एहसास भरा झूम उठे जब हरी धरा तब ही हिन्दू नववर्ष मना !!! By neetu sahu✍ ©Neetu Sahu hindu nav varsh