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Radhe Radhe
तुम पापा जैसे ध्यान तो रखोगे ना तुम मां जैसे प्यार तो करोगे ना तुम भाई की तरह रक्षक तो बनोगे ना क्योंकि सब कुछ छोड़ के आ रही मेरे घर जैसा प्रेम तुम मुझे करोगे ना जय श्री राधे ©Radhe Radhe घर के जैसे प्रेम
घर के जैसे प्रेम
read morePAGAL,SHAYAR,BEIMAN ISAK
White कब तक इंतिहान लोगी तुम मेरे प्यार का,,कब तक यु नफरत करती रहोगी,,जब मेरे सब्र कि घड़ी टुट गई ना,, मां कसम हर एक कब्रिस्तान कि मिट्टी मे मुझे ढुंढती फिरोगी,, वक्त है मान जा मै तेरा हु और तु सिर्फ मेरी है,,फेर कयु किसी औरो कि बाते करती हो,,मै डायरेक्ट तुझे कह नही पाता,, फिर भी मै जानता हु तु भी मुझ पर मरती है,,माना दुखो मे गुजरी है दिन और रात तेरी,,पर एक शख्स के पिछे यु खुद का तेरा तु नुकशान ना कर ,,यकिन कर वो वक्त भी ले आऊंगा,,जब फिर से तेरे घर बारात भी आयेगी,,दिन तो युही गुजार लो कुछ दिन,,पर देख शमा भी होगी और रात भी आयेगी,,इस समाज मे मानते होगे लोग जात पात को,,पर मै नहि ,,जब उठे सवाल तो याद करना कई प्रेमीयो की कहानी को,,फिर लोगे के दिलो मे हिर रांझे की याद भी आयेगी,, ©पागल शायर #sad_qoute मेरे जज़्बात
#sad_qoute मेरे जज़्बात
read moreSatish Kumar Meena
फूलों सी एक सुंदर सी मुस्कान बिखेरे, सबको हर्षाती है। एक बेटी ही तो फूलों जैसे,, घर में खुशबू फैलाती हैं।। ©Satish Kumar Meena फूलों जैसे
फूलों जैसे
read moreGovind Dendor
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset खोई हुई चीज बहुत खूबसूरत लगने लगती हैं...💯 ©Govind Dendor #SunSet जैसे कि वक्त ओर बचपन
#SunSet जैसे कि वक्त ओर बचपन
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी प्यार के काबिल थे हम घरौंदा अपना सजाना था परवरिश देकर परिवारों को संस्कारो और ममता का दायरा बढ़ाना था मगर जमाने ने नारी को बरगला रखा है खुद के बजूद की दुहाई देकर शोषण का बाजार सजा रखा है टूट रही है बुनियाद परिवारों की सन्तति अमर्यादित हो रही है भोगवाद की भेंट चढ़ाकर दायरे सब सिमट रहे है माँ बहन बेटी सब कमाने निकल गये अजायबघर जैसे घर हो गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #library अजायबघर जैसे घर हो गये
#library अजायबघर जैसे घर हो गये
read moremani naman
Unsplash रद्दी अख़बार की मर चुकी ख़बरों के बीच बची-खुची ज़िद्दी और स्वाभिमानी टैग लाइन से बस किसी तरह दो शब्द झाड़ लाया हूँ; तुम हेडलाइन देखकर कन्फ्यूज़ न होना, क्योंकि, अतीत से लाए गए शब्द अपना वजूद खोकर धुंधला ही जाते हैं; बस किसी तरह अपने वाक्यों के बीच मेरे शब्द सहेजकर उन्हें ज़िंदा रख लेना। ©mani naman मेरे शब्द
मेरे शब्द
read moreSatish Kumar Meena
mujhe chod do mere haal pe मैं निराश हूं, कृंदनों से। मुक्त हो जाऊं,, बंधनों से। मुझे समझाने में, बरसों लगेंगे। ज़ख्म गहरे हैं,, जी भर सहेंगे। फंस गए अब, किसी की चाल पे, मुझे छोड़ दो,, मेरे हाल पे।। ©Satish Kumar Meena मेरे हाल पे
मेरे हाल पे
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