Find the Latest Status about हयात एंड मूरत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हयात एंड मूरत.
Ramnik
White इस बात का कभी शिक्वा मत करना, तूने मदद का हाथ हर तरफ बढ़ाया जिसे जरुरत थी उसका गम अपना बना लिया, पर जब तुम्हे जरुरत पड़ी तो किसी ने पीछे मुड़ नहीं देखा। मायूसी तो होती है, आहें भी निकलती है, पर करने दे उनको मतलब के सौदे तूने तो प्रेम, और करुणा इसलिए किए क्यों कि ये तुम्हारा हुनर था क्यों बदले इस दिल को दुनिया के लिए तुमने यो किया वो तो खुदा की नसीहत से किया..... कही भी तो सही है बात तो तेरे और ऊपरवाले के बीच की है तो बांट मोहब्बतें.., फैलने दे रहमतों के नज़ारे , तू अपना कर, किसी ने क्या की वो नीले छत्री वाले की ज़िमेदारी है.... ©Ramnik #Love एंड #केयर
sujeeta
द एंड वह चैप्टर जिसे पढ़ने की मेरी औकात नही ©sujeeta द एंड वह चैप्टर
FUNHUB_BY_FUNCITY!
Aisha Singh
जो इस फोटो को Like एंड share नही करेगा उसे पाप लगेगा !! ©Aisha Singh जो इस फोटो को लाइक एंड कमेंट नही करेगा उसे पाप लगेगा !! #mahadev #Bhakti #mahakal #krishna_flute #Bholenath #GaneshChaturthi #ganesha
Deep Thapliyal
जिंदगी इक ज़रा सी दरकार है, जितनी आसान है उतनी दुस्वार है!! 🥺🥺 ©Deep Thapliyal दिखा तो देती है बेहतर हयात के सपने ख़राब हो के भी ये ज़िंदगी ख़राब नहीं...!!
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Anjali Singhal
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- राधे राधे जप कर , बुलाते हैं गिरधर , दौड़े-दौड़े चले आते , मन से पुकारिये ।। राधा में ही श्याम दिखे , श्याम को ही राधा लखे , दोनो की ये प्रीति भली , कभी न बिसारिये ।। रूप ये बदल आये , देख निधिवन आये , मिले कभी समय तो , उधर निहारिये ।। कट जाये जीवन यूँ , राधे-राधे जपते यूँ , शरण बिहारी के यूँ , जीवन गुजारिये ।।१ पटरी की रेल है ये , जीवन का खेल है ये , तेरा मेरा मेल है ये , प्रीति ये बढ़ाइये । चाँद जैसी सूरत है , अजन्ता की मूरत है , सुन चुके आप हैं तो , घुंघट उठाइये ।। नहीं हूर नूर देखो , पीछे हैं लंगूर देखो , जैसे भी हूँ अब मिली , जीवन गुजारिये ।। आई हूँ तू ब्याह कर , नहीं ज्यादा चाह कर , मुझे और नखरे न , आप तो दिखाइये ।।२ २९/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- राधे राधे जप कर , बुलाते हैं गिरधर , दौड़े-दौड़े चले आते , मन से पुकारिये ।। राधा में ही श्याम दिखे , श्याम को ही राधा लखे
Yashpal singh gusain badal'
ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के रक्खा और सांसें निकल गई । सौंपे थे जिसको हमने जिन्दगी के फैसले । उसके ही हाथ कत्ल जिन्दगी निकल गई । आब-ए-हयात पी के भी न बच सका यहाँ । माटी का बना था सो माटी में मिल गई । नाज है किस बात का किसका गुरूर है । अच्छे-अच्छों की यहाँ हवा निकल गई । थामे थे जिसको भींच के दिल के करीब से । हाथों से वो प्यार की डोरी फिसल गई । "बादल" गलत उठे थे कदम राह-ए-शौक में, फिर सँभालते-संभालते जिन्दगी निकल गई।। ©Yashpal singh gusain badal' #retro ज़िंदगी हसरतों को वक्त की आँधी निगल गई । इक खुशी की आश में; जिन्दगी निकल गई। लाखों जुगत किए उम्र-ए-दराज की । दम साध के र