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Shashi Bhushan Mishra
दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#
#दीप जलता है सदन में#
read moreShubham Bhardwaj
White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं। इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।। ©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम
VEER NIRVEL
अगर आसमां तक हमारे हाथ जाते तो... कदमों में तेरे सितारे बिछाते #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL अगर आसमां तक हमारे हाथ जाते तो... कदमों में तेरे सितारे बिछाते #Veer_Ki_Shayari
अगर आसमां तक हमारे हाथ जाते तो... कदमों में तेरे सितारे बिछाते #Veer_ki_Shayari
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है व्यवस्था सब कराहती है रोजगार व्यापार सब ठप्प महँगाई सुरसा जैसी बढ़ती जाती है चुनाव जीतना ही कामयाबी लोकतंत्र की पाप सियासतों के सब छिपाती है पौधे सब मुरझा रही,युवा बनकर भविष्य अपना तय नही कर पा रही है दखल राजनीतिक चहुँ और बढ़ गया आमजनों का जीवन दुष्वार हो रहा है ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है
#Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है
read moreneelu
White अगर यह सितारे हैं तो सूरज का हाल पूछना पड़ेगा.. अगर यह उजाला है तो अंधेरा कायम रहे कहां पड़ेगा ©neelu #sad_quotes अगर यह #सितारे हैं तो #सूरज का #हाल #पूछना #पड़ेगा.. अगर यह #उजाला है तो #अंधेरा #कायम रहे कहां #पड़ेगा
Mohan Sardarshahari
वक्त ऐसे भी कुछ आते हैं लगता है फिर से खुल गई कोई बार - बार पढ़ी हुई किताब सितारों से झिलमिल समां चहकती चंचल रैना और ज़मीं पे उतरा हो जैसे महताब।। - मोहन सरदारशहरी ©Mohan Sardarshahari ज़मीं पर सितारे
ज़मीं पर सितारे
read moreनवनीत ठाकुर
हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार, थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार। केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद, अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद। काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात, अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात। ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर, दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर। पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान, बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान। हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज, इस विविधता पर हर दिल को है नाज़। तमिल में मिठास, संस्कारों का मान, बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान। मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप, पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप। भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम, बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम। गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान, इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान। त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान, संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान। ©नवनीत ठाकुर #हर दिल में बसता हिंदुस्तान है
#हर दिल में बसता हिंदुस्तान है
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