Find the Latest Status about व्यंजनों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, व्यंजनों.
Ek villain
जी-20 समूह की बैठक में भाग लेने आए विदेशी मेहमान भारत की विकास गाथा से प्रभावित होने के साथ-साथ भारतीय भोजन का भी स्वाद उठाते दिख रहे हैं शुक्रवार को बेंगलुरु में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों एक केंद्रीय बैंक के गवर्नर की बैठक के दौरान दोपहर का खाना भारतीय परंपरा के मुताबिक बड़ी थाली में परोसा गया थाली के चारों तरफ छोटी-छोटी 10 सटोरियों में कर्नाटक के स्थानीय और मीठे अनाज से बने कई स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए थे ©Ek villain #MemeBanao भारतीय व्यंजनों का स्वाद कुछ अलग ही है
Pnkj Dixit
#OpenPoetry स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शुद्ध सृजन किया कीजिए । वर्ण - वर्ण के लोग यहाँ , भांति-भांति परिवेश है । उर्दू हिन्दी की छोटी भगिनी,गूढ़तम प्रयोग किया कीजिए । आचार-विचार, रहन-सहन अनेकानेक विषमता बहुत है । पर ,संस्कृति संस्कार भारतीय एकता,प्रचार किया कीजिए । ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
Pnkj Dixit
#OpenPoetry स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शुद्ध सृजन किया कीजिए । वर्ण - वर्ण के लोग यहाँ , भांति-भांति परिवेश है । उर्दू हिन्दी की छोटी भगिनी,गूढ़तम प्रयोग किया कीजिए । आचार-विचार, रहन-सहन अनेकानेक विषमता बहुत है । पर ,संस्कृति संस्कार भारतीय एकता,प्रचार किया कीजिए । ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
अज्ञात
पेज-90 कथाकार किसे बार बार देखता जा रहा है..? हाँ वो आँखें जो सबसे नजरें बचाते फिर रही हैं..! जिसे इज़हार तो अपनी खुशी का करना है मगर जो खोने की बेला आ रही है.. कैसे उसका सामना कर पायेगा... बार बार सबको देखकर हाथ जोड़ता और मुस्कुरा जाता है... कथाकार ने राकेश को प्रेरित किया, और राकेश उनके पास जाकर बैठ गया... उन्होंने राकेश का हाथ पकड़ लिया.. यहाँ वधु ने वरमाला पहना चुकी थी... लेकिन यहाँ तो एक पिता जाने क्यूँ अपनी बेटी के बचपन में जा चुका था...ये रस्में मानो उसके हृदय को वेध रही हों... मगर अभी उसे केवल मुस्कुराना है.. वो पिता है ना.. फिर पुरुष भी है... टूटकर बिखर जायेगा तो बेटी का क्या हाल होगा..राकेश उस पिता की मुस्कुराहट के पीछे दबी वेदना समझ रहा है उनका ध्यान वहाँ से हटाकर आगे के कार्यक्रम से जोड़ता हुआ... तभी आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज -90 पुरोहित जी का संकेत पाकर प्राजक्ता ने एक जयमाल दूल्हे राजा को दिया..आज एक जयमाल दूल्हे को विश्व विजयी कर जायेगा...
Vandana
टूट के चूर हो जाना, आंखों का भारी हो जाना, सांसो का रुक रुक के चलना, स्वादिष्ट पोस्टिक व्यंजनों का नस-नस में खुमार चढ़ना, नींद का दिलो-दिमाग में बेहोशी सा छा जाना, भरी दुपहरी फिर अपना बिस्तर याद आना, नरम तकिए में सर रख के ख्वाबों में बहक जाना, हसीन लम्हों को महसूस करना, हकीकत में उन ख्वाबों को जीना, आंख खुल जाने में रोना आ जाना, हंस के टाल देना कि ख्वाब है ना हकीकत, फिर भी बड़ा हसीन है वो दोपहर का सफर शाम की रंगीनियों में बित जाना,,, दुपेहरी नींद,,,,, "टूट के चूर हो जाना, आंखों का भारी हो जाना, सांसो का रुक रुक के चलना, स्वादिष्ट पोस्टिक व्यंजनों का नस-नस में खुमार चढ़
प्रेम और मैं
स्वर और व्यंजनों को गढ़ते वक़्त मैं एक सामान्य कवि नहीं होता होता हूं, बारीकी से अक्षरों को सुनहरे धागे में सीने वाला एक मोची (R e ad C a p t i o n) स्वर और व्यंजनों को गढ़ते वक़्त मैं एक सामान्य कवि नहीं होता होता हूं, बारीकी से अक्षरों को सुनहरे धागे में सीने वाला एक मोची ऐसा मोची जिसन
Vaishali Kahale
KUNDAN KUNJ
#विषय # बच्चों तुम ये समझो ना रे, हिन्दी बस है एक खेल रे। अपनी है ये मातृभाषा, स्वर व्यंजनों का मेल रे।। बच्चों तुम................ रे, ..................... खेल रे। {२} जब इसकी 52 अक्षरों को समझ जाओगे, अपनी लवों से ही इसकी गुणों को गाओगे। सभी भाषाओं से है इसकी अलग पहचान रे, भू की हर रज कण में बसा है इसकी जान रे।। बच्चों तुम................ रे, ..................... खेल रे। {२} देवों की है मुख की वाणी, है देवनागरी जिसकी लिपि रे । अलंकारों से है सुशोभित, जिसके बदन की हर शेल रे।। बच्चों तुम................ रे, ..................... खेल रे। {२} ये है भौतिकी, रसायन शास्त्र, भूगोल और इतिहास का मेल रे। बिना इसके पढें तुम तो होंगे, जीवन के परीक्षा में फेल रे।। बच्चों तुम................ रे, ..................... खेल रे। {२} ✍🏻कुंदन, पूर्णिया (बिहार) #हिन्दी # बच्चों तुम ये समझो ना रे, हिन्दी बस है एक खेल रे। अपनी है ये मातृभाषा, स्वर व्यंजनों का मेल रे।। बच्चों तुम..
Dreamer
आशुतोष यादव
एक मजदूर की दास्ताँ" मुझको मत पढाईये मानवता का पाठ, अपने जो अपनाते हो सदा राजसी ठाट-बाट, मुझ पर तो पड़ती है सतत रोजी-रोटी की मार, मानवता को करने में तल्लीन रहते हो तुम्ही शर्मसार, मैं तो दो जून की रोजी-रोटी की जुगत में रहता हूं व्यस्त, तुम तो सर्वदा लगे रहते हो बढ़ाने में अपनी फेरिहस्त, नही मिट पाते मेरे पैरों पर पड़े मशक्कत के छाले, पर तुम तो रहते हो सतत नव्य-नव्य ताबीर पाले, कोई ठीक नही कब पड़ जाए यहां दाने की लाली, पर तुम्हारे यहां तो सदा सजेगी व्यंजनों की थाली, खून-पसीने से अपनी उम्मीदों के आँगन को हूँ सींचता, तु इस बेबस खून को भी पानी बनाकर ही है छोड़ता, कफ़स को ढकने के लिये फटा-मैला लिबास ही है काफी, तुम्हारे तो चमकते-दहकते लिबास ही जीवन की है चाभी, घास-फूस की अटारी में ही सिमट जाती है मेरी निशक्त हस्ती, रहना तो दूर पसन्द भी नही है तुम्हे जिसमे ठहरती है मेरी बस्ती, ~आशुतोष यादव #वेबश_मजदूर_की_दास्ताँ एक मजदूर की दास्ताँ" मुझको मत पढाईये मानवता का पाठ, अपने जो अपनाते हो सदा राजसी ठाट-बाट, मुझ पर तो पड़ती है सतत रोज