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Rajeev namdeo "Rana lidhori"
#पुरस्कार हेतु #सम्मान हेतु #पुस्तकें निशुल्क आमंत्रित है
Prakhar Pandey
#31_अगस्त_2020_रात्रि_8_बजे_ राष्ट्रीय साहित्य चेतना मंच के फेसबुक पेज पर आज रात 8 बजे लाइव सेशन में आपसे मुलाकात होगी, आप सभी की उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है 🙏 कार्यक्रम हेतु आमंत्रण
स्मिता तिवारी 'बलिया'
सुनो न! मैं तो अब तक मिली भी नहीं हूँ तुमसे, लेकिन हर रात जब अकेले होती हूँ, तो तुम्हारी यादें; चुपके से चली आती हैं मुझे गुदगुदाने... बेशक! तुमको यकीं न होगा, पर यही सच है कुछ तो है; जो मुझे तुमसे बाँध रक्खा है यूँ तो मैं हजारों से जुड़ी हूँ, पर किसी का ख़्याल इस कदर नहीं आता जैसा कि तुम्हारे ख़्याल मुझे ले जाते हैं किसी मौन दुनिया में आख़िर क्यूँ? बस तुम्हारे ही ख़्याल मुझे मुझसे ज़ुदा करते हैं यह तो मुझे भी न पता लेकिन पूछती हूँ ख़ुद से मैं हर रोज यही प्रश्न... कोई उत्तर तो नहीं मिला अभी तक, इस तरह न जाने कब चुपके से नींद अपने आगोश में ले लेती है मुझको और फिर चले आते हो तुम हसीं ख़्वाब बनकर स्मिता तिवारी बलिया #यूनिक#मित्र#हेतु
अमित कुमार
अगर किन्ही को अपने आवाज पर भरोसा है,वो हमसे संपर्क साध सकते हैं। क्योंकी मुझे अपने लेखनी पर भरोसा है। ©Amit गाना लिखवाने हेतु
Narendra Sonkar
शुभकामना हेतु दोहे-- जनहितकारी आपके, निर्णय हो बहुमूल्य। इक इक दिन हो आपका,सवा साल समतुल्य।। गिनना है गर आपको, अपना जीवन साल। गिन लीजै तारे सभी,या फिर सिर के बाल।। कल का संशय ना रहे,मिले आज ही आज। जीवन ना हो आपका,उम्र का मोहताज।। ©Narendra Sonkar "शुभकामना हेतु दोहे"
Anjali Jain
डांसिंग, पेंटिंग,म्युझिक.... और कुछ भी सिखाने से पहले जरूरी है अपनी बहिन और बेटियों को आत्म-रक्षा हेतु जूडो-कराटे सिखाना!!! #आत्म-रक्षा हेतु...!#12.08.20
के_मीनू_तोष
क्यूँ बदलनी पंक्तियाँ उन्हें ऐसी ही रह जाने दो जो रच गया है तुमसे उसे इतिहास बन जाने दो तुम सराहो नसीब अपना के जो कह देते मुकम्मल वो हो जाता कहते ही जो बदले परिस्थिति तो उसे बदल जाने दो भाग्यशाली वो क़लम होती जो वतन के हित में चलती है जन्मते ही मरती पंक्तियाँ तो उन्हें मर जाने दो ©के मीनू तोष (१८ दिसम्बर २०१९) #पंक्तियाँ
unrealines
उसके लफ्जों में मेरी धड़कन सुनाई देती हैं, चुप कर दो उसे, क्या अब मेरी तड़पन सुनाई देती हैं ? #पंक्तियाँ