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Stories related to चेहरे से बाल हटाना

Dinesh Kumar Pandey

चेहरे की लकीरें

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New Year 2025 
उम्र के साथ,
परिपक्व होती ये चेहरे की लकीरें,
अंतर बता देती है,
नादानी और जीवन के तजुर्बों का।।

©Dinesh Pandey चेहरे की लकीरें

Himanshu Prajapati

#snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल, नागिन से लहराते काले काले बाल, प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल, बस ऐसे ही शुभकामनाएं पसंद आए ये नया

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Unsplash पसंद है सबको गोरे गोरे गाल,
नागिन से लहराते काले काले बाल,
प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल,
बस ऐसे ही शुभकामनाएं 
पसंद आए ये नया साल...!

©Himanshu Prajapati #snow पसंद है सबको गोरे गोरे गाल,
नागिन से लहराते काले काले बाल,
प्रेमिका से पूछे गए हर छोटे-बड़े सवाल,
बस ऐसे ही शुभकामनाएं 
पसंद आए ये नया

unique writer

गुणों से पहचान

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Lalit Saxena

#Book दिल से

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Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena #Book दिल से

Shishpal Chauhan

#मेरी लेखनी से

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White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ ।
कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ ।
लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया
यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ ,
तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ ।
तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ,
मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है 
मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ ।
अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं
मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया
सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ ,
लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है  मेरी नींद हराम करने वाली
बेकार में ही दिल की धड़कन  बढ़ा लिया करता हूँ।
तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं 
तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ,
तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ।
मैं तुमसे मिलने से पहले  एक बेजान-सा पुतला था
तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम।
पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ,
जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है 
तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी 
तुम से जुदा न हो पाऊँगा  बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ।
कितने लोग आए और कितने चले गए 
कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए
सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ,
कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं 
वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं  शायद मैं भी उनमें से एक हूँ 
अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ।
प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है 
उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ,
प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है 
अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ ।
लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।।

©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से

Praveen Jain "पल्लव"

#love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है

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White पल्लव की डायरी
अंधो को भी सुबह का एहसास हो
अंतिम छोर तक हर्षोउल्लास हो
गैर बराबरी शिक्षा से मिटे
सबको जीने का एक सा अधिकार हो
हुनर पनपे  सभी प्रतिभा का सम्मान हो
मगर गला काट कर, मर्यादा भंग 
दायरे के बहार प्रशासन के सब अंग
अनैतिकता के दिखते सियासती रंग
नही बचा अब जनता पर जीने का ढंग
मायूसी से चेहरे बिगड़ रहे है
रोजगार व्यापार मेहनत का फल नही दे रहे है
अराजकता की पीके भंग
लूट पाट के दिखते सत्ताओ के ढंग
                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है

Mohan Sardarshahari

चेहरे

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चेहरे भी समां के मोहताज हैं
खिल गये तो आज पर नाज है।

©Mohan Sardarshahari चेहरे

unique writer

खुद से दोस्ती

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नवनीत ठाकुर

#चेहरे पर निशान बने

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जो राह में मिला था साथ कभी,
वक्त के हाथों फिसल गया।
दर्द छुपाने की कोशिश में,
चेहरे पर निशां बना।।
जो वक़्त की धारा में खो गए,
वो लम्हे बस एक ख़्वाब बने।
दिल में छुपा है दर्द पुराना,
वो शब्दों में ढल कर अब जुबान बने।।

©नवनीत ठाकुर #चेहरे पर निशान बने

Ravendra

बाल विकास परियोजना में महिलाओं ने किया सम्मान

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