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कवि प्रभात
तूने वो काम किया, जो न दुश्मन करे सोचे करने से पहले, रब से डरे ज्ञान तुझको भी होगा हो जैसा करम 2 फल करनी का वैसा भुगतान पड़े ©कवि प्रभात #GoldenHour कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता
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White फिर वो शाम आएगी होगा अपना मिलन तन मन से मिटेगा विरह का तपन दूर तुमको न दूंगा मैं जाने कहीं 2 रखूंगा तुमको अपना बना के धड़कन ©कवि प्रभात #sad_quotes कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता
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चार दिन की जिंदगी, क्यों करना तकरार ? इस जग में जीवन जिएँ, देते सबको प्यार || ©कवि प्रभात #agni कविता कोश कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता
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White जादू ऐसा है तेरा, फूटे जब जब बैन | निकले नाम तुम्हारा ही, सच कहता दिन रैन || ©कवि प्रभात #sad_quotes कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता कविता कोश
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वृंदा, शालिग्राम को,मन से पुजिये आज | मन वांछित फल पाओगे,बिगड़े बनेंगे काज || मईया तुलसी नित रहे, जिस आँगन पा मान | कहते वेद पुराण सभी, वो है स्वर्ग समान || ©कवि प्रभात कविता कोश
कविता कोश
read moreKavi Aditya Shukla
White लिया था प्रण लिखने को रश्मिरथी पर लिख रहा हूं मधुशाला ©Kavi Aditya Shukla कविता कोश कविता
कविता कोश कविता
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White अपने से भी ज्यादा जिसपे, करके प्रतीति मरते रहे | सब बदलेंगे,न बदलेगी, पीट के छाती कहते रहे || रंग वो ऐसा बदल के भागी, दिन में तारे आए नज़र | कुछ न सके कर उस छलिए का, मन ही मन बस जलते रहे || ©कवि प्रभात #Sad_Status कविता कोश कुमार विश्वास की कविता
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White जिंदगी का चेहरा भी यार,बहुत खूब नज़र आता है किसी को चांद मामा,किसी को महबूब नज़र आता है भगवान का घर सबके लिए एक-सा ही तो होता है किसी का हक कमजोर,कोई मजबूत नज़र आता है शक्ल एक-सी,शरीर एक-से,हाथ पांव सब एक-से कोई देवता लगे,तो कोई मलिन,अछूत नज़र आता है मां-बाप, देश-ओ-समाज की किसको पड़ी है भाई मुझे तो हर शख्स,खुद में ही मशरूफ नज़र आता है उसको पता ही नहीं,क्या समझते हैं सब "नीतेश" वो खामखां,अपने आप में ही मगरुर नज़र आता है ©IG @kavi_neetesh #sad_dp हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कुमार विश्वास की कविता
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