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हिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreSheetal Shekhar
"14 फरवरी" (पुलवामा) वो 14 फरवरी की शाम,पाकिस्तान मैं कैसे भूल जाऊ। जो देखा था इन आंखों ने ,वो मंजर कैसे भूल जाऊं। वो हालत, वो आवाजें, वो रातें कैसे भूल जाऊं। जो फैला था उन सड़कों पर, वो रक्त कैसे भूल जाऊं। जो पसरा था देश के कोने-कोने में, वो मातम कैसे भूल जाऊ। जो छूटा उन मासूमों से, वो बाप का साया कैसे भूल जाऊं। जो न मिली उन वेबस मांओ को, वो लाशें कैसे भूल जाऊं। जो दिया था दर्द हमें, वो दर्द कैसे भूल जाऊं। जो हो कबूल मेरी फरियाद, तो तेरा बजूद भूल जाऊं।। -शीतल शेखर ©Sheetal Shekhar #14फरवरी पुलवामा अटैक S.K Vikram vicky 3.0 Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) तन्हा शायर जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
#14फरवरी पुलवामा अटैक S.K Vikram vicky 3.0 Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) तन्हा शायर जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
read moreSheetal Shekhar
White यदि आप वादों का पतछड़ हो; तो हम विश्वास का मौसम।। ©Sheetal Shekhar #good_night मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी तन्हा शायर vinay panwar S.K जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
#good_night मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी तन्हा शायर vinay panwar S.K जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreSheetal Shekhar
White "सिर्फ तू" शब्दों में लिखूं तुझे किताब बना लूं। तारीफ में लिखूं अपना पैगाम बना लूं।। भोर में लिखूं तुझे किरण बना लूं। पहर में लिखूं अपना दर्पण बना लूं।। सुख में लिखूं तुझे मुस्कान बना लूं। दुःख में लिखूं अपना हमदम बना लूं।। दर्द में लिखूं तुझे मरहम बना लूं। तन्हाई में लिखूं अपना साथी बना लूं।। यादों में लिखूं तुझे वक्त बना लूं। सपनों में लिखूं अपना अरमान बना लूं।। नजरों में लिखूं तुझे काजल बना लूं। परिचय में लिखूं अपना परिवार बना लूं।। संगीत में लिखूं तुझे सरगम बना लूं। मन में लिखूं अपना आधार बना लूं।। विचार में लिखूं तुझे समझ बना लूं। ख्वाहिश में लिखूं अपना एहसास बना लूं।। दिल में लिखूं तुझे धड़कन बना लूं। जब भी लिखूं अपना संसार बना लूं।। -शीतल शेखर ©Sheetal Shekhar #sirftum vinay panwar जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
#sirftum vinay panwar जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
read moreShiv Narayan Saxena
सम्मानित सभी कलमकारों का गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या समारोह में हार्दिक स्वागत है. निवेदन है कि अपने हुनर और माननीय उपस्थिति से समारोह का गौरव बढ़ाएं. ©Shiv Narayan Saxena #गणतंत्रदिवस 🙋जै🙋🇮🇳🙋जै🙋🇮🇳 usFAUJI Madhusudan Shrivastava Rajat Bhardwaj नीर जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) निर्भय चौहान
#गणतंत्रदिवस 🙋जै🙋🇮🇳🙋जै🙋🇮🇳 usFAUJI Madhusudan Shrivastava Rajat Bhardwaj नीर जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) निर्भय चौहान
read moreSheetal Shekhar
Unsplash हां, सफर जारी है, रुका नहीं हूं अभी। क्योंकि, मंजिल से मेरी मुलाकात बाकी है।। ©Sheetal Shekhar #Book मोटिवेशनल कोट्स Sethi Ji डॉ.अजय कुमार मिश्र जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
#Book मोटिवेशनल कोट्स Sethi Ji डॉ.अजय कुमार मिश्र जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
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