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#R.J..!#मुरखनादान@#
तू तो मेरे जीने की वजह है पागल ©#R.J..!#मुरखनादान@# जीने की वजह है तू
Shashi Bhushan Mishra
White कुनबे का सरदार है तू, लाखों दिल का प्यार है तू, गज़ल कही है रूमानी, धड़कन की झंकार है तू, दिखलाई दे दूर तलक, ताक़तवर मीनार है तू, करे सुरक्षा सरहद की, इक अभेद्य दीवार है तू, प्यास बुझाए प्यासों की, मीठा जल रसधार है तू, तप्त धरा का जनजीवन, सावन माह फुहार है तू, 'गुंजन' रब से वाबस्ता, फसलों का श्रृंगार है तू, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #फसलों का श्रृंगार है तू#
दिनेश
उसे अपने वक़्त पर कुछ इस कदर गुरूर हो गया , कि एक पल में एक उम्र का ख्वाब चकनाचूर ही गया । जो सोचता था कि वो पूरा घर चलाता है , आज एक कदम न चल पाया इतना मजबूर हो गया । कुछ आये अपनापन जताने उनके आने से आधा दर्द दूर हो गया , पर दुख में साथ देती है सिर्फ पत्नी ये अहसास जरूर हो गया। ©दिनेश #Raat कोई कारवां कहाँ ? कोई काफिला कहाँ ?
Shashi Bhushan Mishra
दिल के जैसा जमीं कहाँ है, पर आँखों में नमी कहाँ है, क्यों नाहक हो परेशान तुम, सोचो तुझमे कमी कहाँ है, हुई जेल से फक़त रिहाई, बात ख़ुशी की गमी कहाँ है, मौसम है बदला-बदला सा, वक्त की आँधी थमी कहाँ है, ढूँढ रहे हो हरियाली को, चाचर धरती शमी कहाँ है, गम के बादल घिरकर आए, अब बारिश मौसमी कहाँ है, बिन सौगात मिलन बेमानी, तुम ही तुम हो हमीं कहाँ है, आशाओं के दीप से 'गुंजन', जगमग घर है तमी कहाँ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #दिल के जैसा जमीं कहाँ है#
neelu
White तू पानी है.. कि प्यास है तू धरती है ..की आकाश है तू छांव है.. की धूप है बता कौन सा सच्चा तेरा रूप है ©neelu #SAD तू पानी है.. कि प्यास है तू धरती है ..की आकाश है तू छांव है.. की धूप है बता कौन सा सच्चा तेरा रूप है #nojolove #nojoenglish #nojolife #
Anjali Singhal
Eklakh Ansari
ज़ख्मी दिल
तू याद आता है बहुत इसलिए तेरी याद में खो लेते है तेरी याद जब आती है तो आंसुओ से रो लेते है नींद तो अब हमे आती नही तू हमारे सपनो में आयेगा ये सोच कर सो लेते है ©कुमार विनोद तू याद आता है
Mahendrasinh(Mahi)
कहाँ- कहाँ समेटूँ तुझे ऐ ज़िंदगी, जिधर भी देखु तू बस बिखरी पड़ी है। ©Mahendrasinh(Mahi) कहाँ- कहाँ समेटूँ तुझे ऐ ज़िंदगी, जिधर भी देखु तू बस बिखरी पड़ी है।