Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'mahabharat विष्णु' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'mahabharat विष्णु' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'mahabharat विष्णु'.

Stories related to 'mahabharat विष्णु'

SumitGaurav2005

मैं सूर्यपुत्र होते हुए भी,
सूत पुत्र कहलाया थ। 
कुंती माँ मुझे जना तू ने, 
परन्तु राधेय कहलाया था। 
कर्ण दानवीर होते हुए भी,
सबसे तिरस्कार पाया था।
ऐसी क्या तेरी विवशता थी,
जो तूने मुझे ठुकराया था।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005 #कर्ण  #karna #महाभारत #Mahabharat #Mahabharata #Sumitgaurav2005 #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Epic

Raja Kr Sharma

श्री विष्णु भगवान। . . . #shreevishnu #shriram #ShriKrishna #Hanuman #status #Videos

read more

दोस्ती की दुनिया का king

भगवान श्रीराम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें: 1. अवतार: भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है। उन्होंने अधर्म का नाश करने

read more

Sunita Pathania

Jitendra Giri Hindu

शिवस्य हृदयं विष्णुः, विष्णोश्च हृदयं शिवः। यथा शिवमयो विष्णुः, एवम् विष्णुमयः शिवः॥ अर्थ: भगवान शिव के हृदय में भगवान विष्णु विराजमान हैं

read more

NOTHING

Sanatan_Sanskriti_Shubhash

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् | चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ‖1 ‖ अर्थ – हे चन्द्रशेखर (भगवान जिनका मुकुट चंद्रमा ह

read more

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

read more
White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile