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Adarsh k Tanmay
कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल, जब खुद पर शोलह श्रृंगार दिखा था नयनन अब तो राह निहारे चाँद से प्यारे मुखड़े को, थे बलखाते बालों के लट निखारे चित हिय में बसे कुछ बातें हैं कुछ बिखरे सिमटे से यादें हैं यादें आती उमस की भांति छलनी हृदय कर के जाती सिसक सिसक कर यादें बहती दृग को गीला कर के जाती काज़ल लगे अब कालिख सा छूट गया वो अपना सा अब मेहंदी और महावर क्या अब चूड़ी कंगन के हैं कर्कश वाणी कानों को ना सुहाते ये कर्कश वाणी टीश भरी कलेजे में लेके किस ओर चलूँ किस ओर लगूँ आँशु भी अब तो सुख गये सिन्दूर भी मांग से रूठ गये छाया ना रही मेरी अपनी अब अपने पर किसका अधिकार समझूँ मैं मैं उन्मुक्त गगन में लहराती अपने मांझे के बल पर इतराती मेरा मांझा मुझसे टूट गया जीवन को नीरस छोड़ गया मैं सरस सलील की एक परी लहरों में खूब मैं विचरण करती अब सौभाग्य मेरा अभाग्य हुआ तिमिर मेरा संसार हुआ अब हो मौसम चाहे सर्दी गर्मी या मेघों का मैं स्तब्ध हुई अब शांत हुई आँशु को पत्थर कर के अब मोह माया के रिश्तों से जग जीवन से विरक्त हुई अपने सांसो का बोझ लिये मैं अपने आप में अंतर्ध्यान हुई। ©Adarsh kumar Tanmay पुलवामा में शहीद हुए भारतीय वीर जवानों के पत्नियों के दर्द पर शब्दों का कुछ समूह।
Adarsh k Tanmay
कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल, जब खुद पर शोलह श्रृंगार दिखा था नयनन अब तो राह निहारे चाँद से प्यारे मुखड़े को, थे बलखाते बालों के लट निखारे चित हिय में बसे कुछ बातें हैं कुछ बिखरे सिमटे से यादें हैं यादें आती उमस की भांति छलनी हृदय कर के जाती सिसक सिसक कर यादें बहती दृग को गीला कर के जाती काज़ल लगे अब कालिख सा छूट गया वो अपना सा अब मेहंदी और महावर क्या अब चूड़ी कंगन के हैं कर्कश वाणी कानों को ना सुहाते ये कर्कश वाणी टीश भरी कलेजे में लेके किस ओर चलु किस ओर लगूँ आँशु भी अब तो सुख गये सिन्दूर भी मांग से रूठ गये छाया ना रही मेरी अपनी अब अपने पर किसका अधिकार समझूँ मैं मैं उन्मुक्त गगन में लहराती मांझा के बल पर इतराती मेरा मांझा मुझसे टूट गया जीवन को नीरस छोड़ गया मैं सरस सलील की एक परी लहरों में खूब मैं विचरण करती अब सौभग्य मेरा अभाग्य हुआ तिमिर मेरा संसार हुआ अब हो मौसम चाहे सर्दी गर्मी या मेघों का मैं स्तब्ध हुई अब शांत हुई आँशु को पत्थर कर के अब मोह माया के रिश्तों से जग जीवन से विरक्त हुई अपने सांसो का बोझ लिये मैं अपने आप में अंतर्ध्यान हुई। ©Adarsh kumar Tanmay पुलवामा अटैक में शहीद वीर योद्धाओं के पत्नियों का दर्द।😭😭😭
indira
सरकार द्वारा चलाई गई योजनाए नोट्स बनाये ह आप सभी के साथ शेयर करती हूं
Piરાणी N@સरीन !! "Twiનकल"
आंखों के पलकने से जानम समझे इशारे, फिर क्या कहना रह जाए दुबारे!! उंगली के इशारे जानम नाचे हमारे, यही तो खुशी है जीवन में हमारे!! "♥️ से..., Pn." # पत्नी व्रता पुरुष का हाल!! # ऐसी पत्नियों की खुशहाल जिंदगी!!
pramod malakar
पत्नियों को चाहिए, पति से निगाहें मिला कर बात करें, पति चाहे या ना चाहे, कार्यालय-पार्क या नदी के तट पर, बिन बुलाए मुलाकात करें। चेहरे पर आपके मुरझाहट हो, " फिर भी " खुद को आईने में देखकर मुस्कुराएं, " और " पति के दिल पर आघात करें। पत्नियों को चाहिए, पति से निगाहें मिलाकर बात करें।। ///////////////////////////////// प्रमोद मालाकार की कलम से!! 10.07.2021 ****************** ©pramod malakar #Love 58.पत्नियों को चाहिए पति से निगाहें मिला कर बात करें...
Ritesh Yadav
दिल तोड़ने वाली नहीं 💔 UPSC की नोट्स देने वाली चाहिए ❤ 📝 ©Ritesh Yadav दिल तोड़ने वाली नहीं 💔UPSC नोट्स देने वाली चाहिए ❤ 📝 #pen
meesh...
#dikh gya# आज तो चांद ने नखरे ना दिखाए,, शायद आज चांद भी पत्नियों का नूर देखना चाहे,, चांद भी पत्नियों को ज्यादा देर भूखा ना देख पाए,, इस
Rakesh frnds4ever
लाज, लज्जा, शर्म, हया इज्जत ,,आबरू मान , मर्यादा कुछ भी बाकी नहीं है आजकल की संस्कार विहीन पत्नियों में हवस जैसी गंदगी के सिवा अपने बच्चे के लिए ममता तक भी बाकी नहीं है ©Rakesh frnds4ever #लाज , #लज्जा , #शर्म हया #इज्जत ,,आबरू मान , #मर्यादा कुछ भी बाकी नहीं है आजकल की #संस्कार विहीन #पत्नियों में #हवस जैसी गंदगी के सिवा