Find the Latest Status about roseday 5 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, roseday 5.
gursahib Singh
ਤੇਰੀ ਮਰਜ਼ੀ ਅਸੀਂ ਹੱਕ ਆਪਣਾ ਜਤਾ ਛੱਡਣਾ ਏ, ਕਬੂਲ ਕਰਨਾ ਜਾਂ ਨਹੀਂ ਇਹ ਤੇਰੀ ਮਰਜ਼ੀ ਅੱਜ ਆਉਣਾ ਅਸੀਂ ਤੇਰੇ ਦਰ ਉੱਤੇ, ਤੂੰ ਸਾਨੂੰ ਜਤਾਉਣਾ ਜਾਂ ਹਰਾਉਣਾ , ਇਹ ਤੇਰੀ ਮਰਜ਼ੀ!! ©gursahib Singh #roseday
Ranjit Malik
Ek .roz deta hoo.Ek roz leta hoo. bas apne pyaar ka yahi silsila hai.Na mujhe shikva hai Aur na tujhe gila hai ..? ©Ranjit Malik #roseday
Shubha
गुलाबो सी महकती थी जिंदगी जब वो करीब थे अब पतझड़ से मुरझाए हुए फिरते है ©Shubha #roseday
Hariom Shrivastava
‘रोज डे’ स्पेशल “दोहे” - 1- सात फरवरी से शुरू, वेलेंटाइन वीक। उसे ‘रोज’ दे दीजिए, जो लगता हो ठीक। 2- सुंदर पुष्प गुलाब का, होता प्रेम प्रतीक। चौदह तक चलना अभी, वेलेंटाइन वीक।। 3- वेलेंटाइन खोजकर, आज दीजिए रोज। शुभ मुहूर्त में कल सुबह, करिए उसे प्रपोज।। 4- इतना भर कर लीजिए, प्रथम दिवस का काम। वेलेंटाइन वीक में, करने काम तमाम।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava #roseday
Nilesh Singh
फूलों सी वो मेरे बगिया की शोभा है उसे तोड़ मुझे मुरझाना नहीं उसकी खुशबु से मैं महकता रहूँ मुझे इत्र खरीद कर लाना नहीं दिल के उपवन में मैं संबंधो को सींचता रहूँ मुझे गमलों मे फूलों को लगाना नहीं जंगल भी मंजूर हो अगर नियत साफ़ हो वनवासी मैं हो जाऊँ मगर राधा उसे बनाना नहीं ✒️नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh Singh #roseday
Ranjit Malik
Mahobbat...Kab. Gulab se shwaab ban jati hai. Jatana bada mushkil hai. ©Ranjit Malik #roseday
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
खिलती कलियाँ भँवरे आते भँवरे आते मंडरा जाते क्या कलियों को सुख मिलता है भंवरों को जो रस मिलता है.. रस पीकर भंवरा उड़ जाता कलियों को नीरस कर जाता फिर कलियों का दोष बताओ भंवरों को पैगाम भिजाओ क्यूं मतलब का स्वांग वो रचते रस पीते ही कलियाँ तजते बहुत दिनों की बात पुरानी सुनो गौर से एक कहानी इक दिन भंवरा बाग में आया आज चोर वो पकड़ में आया बैठ गया वो नये फूल पर डंक मार टूटा पराग पर इतने में इक फूल ने टोंका गुर्रा कर भँवरे से बोला क्यूं गुस्ताख़ी करने आता कलियों का पराग पी जाता बिन पराग कलियाँ मुरझाती तू जीता पर वो मर जाती.. भंवरा बोला कर्म हमारा जीवन तो सबको है प्यारा.. माना ये दुष्कर्म हूं करता पर पराग पर जिन्दा रहता मै पराग पी भूख मिटाता मै ना, दोषी भाग्यविधाता पूछो जाकर आप खुदाया जिसने ये संसार बनाया.. इतना कह भंवरा गुन्नाया लौट के फिर ना चमन को आया.. मुँह लटकाये फूल बेचारे भँवरे के तर्कों से हारे सभी नियति जो जान चुके थे भाग्यविधान को मान चुके थे.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #roseday
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
यद्पि हमारे प्रेम के मध्य दूरियां बढ़ाती रेखा.. तथापि वासना से कालिख से बचाती रेखा.. जब कभी मनतरंग उठती है आलिंगन की प्यास बढ़ती है तब तब तुम्हारे हमारे बीच एक दीवार सी बन जाती रेखा... रोक देती है हर बढ़ते कदम को करीब आते ही डराती है हमको सावधान.नापाक मोहब्बत है ये ज़िस्म की दरकार हो जिसको ज़िस्म-ओ-जां की परवाह होती है सच्चा प्यार हो जिसको.. इस तरह जरा सी छुअन पर भी एतराज जताती रेखा.. कहीं प्रेम भटक ना जाये मलिनता से भर ना जाये उपासना पतन ना कहाये फ़क़त 'हद में रहना' बताती रेखा.. प्रेम की मंजिल समर्पण समस्त वासनाओं का तर्पण निःस्वार्थ निर्मल मन का अर्पण पवित्र प्रेम की परिभाषा बताती रेखा.. प्रेम से परम् तक जाने को आत्मस्वाभिमान बचाने को मन की धृष्टता परअंकुश लगाती रेखा..! तुम्हारी सोच पर निहाल हैं हम तुम्हें खोकर भी खुशहाल हैं हम क्या खूब तुम्हारा संयम और संयम का पाठ पढ़ाती रेखा..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #roseday
Narendra kumar
"शोक दुख मूल कारणम्। कर्म अज्ञान कर्म कारणम्। अष्ट मूल प्रकृति कारणम्। मुक्ति मोक्ष हरि शरणम्।" ©Narendra kumar #roseday