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Asif B. Pathan
जुल्फें तुम संवारती हों....!! और बिखर हम जाते हैं...!!💞 जुल्फें तुम संवारती हों....!! और बिखर हम जाते हैं...!!💞
ANIL KUMAR
राहें पुकारती मंजिल पुकारती; मुश्किलें ही किस्मत संवारती। जिंदगी का मतलब भी बतातीं; कदम दर कदम पथ बुहारतीं।। निश्छल ©ANIL KUMAR #BadhtiZindagi #Nishchhal #anilkumar #AnilKumarNishchhal राहें पुकारती मंजिल पुकारती; मुश्किलें ही किस्मत संवारती। जिंदगी का मतलब भी बतात
VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕
किताबें होती इंसान की सच्ची मित्र बनाती हैं ये इंसान का अच्छा चरित्र हो रहा हो इंसान जब कहीं पर बौर ना हो कोई साथी ,ना हो कोई होर जब जिन्दगी हो रही हो बहुत नीरस हो रहा हो बहुत परेशान और बेबस वक्त काटे से भी नही रहा हो कटता संगी साथी भी नहीं रहा मैं मिलता तब ये पुस्तकें ही बनें समय की डोर ऐसे लगता है जैसे निकली हो भौर अच्छे संस्कार ,गुण अंदर ऊपजाती अवगुणऔर दोषों से है हमें बचाती इंसान को चुगली, निंदा से हैं बचाती समय का मोल बोध भी रहें करवाती जीवन में ज्ञानप्रकाश भी हैं करवाती समय का सटीक सदुपयोग करवाती अच्छी बातें और सीख रहें सीखाती ज्ञान बढा कर विद्वान हमें हैं बनाती एकांत में भी रहें मनोरंजन करवाती जीवन की रहती दिशा-दशा बनवाती हमारे जीवन को सफल भी हैं बनाती जिंदगी जीने का मकसद बन जाता जीवन सही दिशा में भी है लग जाता सचमुच पुस्तकें होती हैं सभी विचित्र ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕 किताबें हमारे जीवन को सजाती-संवारती हैं। कहते हैं कि जब आप एक किताब खोलते हैं, आप एक नई दुनिया खोलते हैं Deepti Neha Nautiyal Suman Sharma
Tarannum Sheikh
Rabindra Kumar Ram
" यूं याद की हरदम फरियाद किया मैंने , मेरे तहरीर के लफ्ज़ै में तेरा यूं जिक्र किया मैंने , गुमसुदगी संवारती रही तेरी तसव्वुर मेरे हसरत की , हर बार ही बरे इत्मीनान से तेरा नाम लिया मैंने ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " यूं याद की हरदम फरियाद किया मैंने , मेरे तहरीर के लफ्ज़ै में तेरा यूं जिक्र किया मैंने , गुमसुदगी संवारती रही तेरी तसव्वुर मेरे हसरत की
Ravindra Gangwar
वो खुद को संवारती है तो काजल लगाती है अरे नादान है वो, जो इतना नहीं समझती उसकी झील सी आंखों में कितने डूब जाते हैं खुद को बचाकर औरों पर कहर ढाती है... वो खुद को संवारती है तो काजल लगाती है अरे नादान है वो, जो इतना नहीं समझती उसकी झील सी आंखों में कितने डूब जाते हैं खुद को बचाकर औरों पर
Raj Singh
उन्हें... मेरी यादें आज भी सताती होगी, जब वो अपने आप को आइने के सामने संवारती होगी, यूं तो कान में बालियां पहन ही लेती होगी जैसे-तैसे, पर उनको आज भी मेरी पहनाई हुई बालियां तो जरूर याद आती होगी! उन्हें... मेरी यादें आज भी सताती होगी, जब वो अपने आप को आइने के सामने संवारती होगी, यूं तो कान में बालियां पहन ही लेती होगी जैसे-तैसे, पर उन
Rabindra Kumar Ram
*** कविता *** *** रंगे - गुलाल *** " रंगों का रंगे गुलाल देखिए , नीला,हरा या लाल देखिए , संवारती है ये ज़िन्दगी , महरुमियत से भरी जिन्दगी को , रंगों का रंगे गूलाल देखिए , पिला , गुलाबी , बैंगनी से रंगे जशन भरती है ज़िन्दगी , कला हों सदा अपने ही रंग कुछ यूं निखरती है ज़िन्दगी ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** कविता *** *** रंगे - गुलाल *** " रंगों का रंगे गुलाल देखिए , नीला,हरा या लाल देखिए , संवारती है ये ज़िन्दगी , महरुमियत से भरी जिन्दगी