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Stories related to freedom justice and equality poem

kirla

#justice

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.                                  .

©kirla #justice

Ubaida khatoon Siddiqui

Thoughts #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #equality नये अच्छे विचार आज का विचार

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अब हर लड़के को दो बीवी चाहिए 
एक ऐसी जो घर संभाले, 
और दूसरी ऐसी जो modern दिखे , 
दुनिया के दिखाने के लिए
😡😏
रुको ये ही नहीं लड़कियाँ अब कहाँ ही पीछे हैं 
equality की बात हैं ना भई , तो 
लड़के cheat करेंगे या करते हैं
तो हम लड़कियां क्यों नहीं 🙄🤔
इतना ही नहीं लड़कों को पैसों के लिये फँसाते हैं
फिर married ही क्यों ना हों 😏, 
यहीं कहानी खतम नहीं होती भई 
fictional character वाले men
को real life  में वैसा बनाना हैं या वैसा ही चाहिए 
क्या बकवास हैं 🥲
यार कोई अच्छा , इज्जत करने वाला इंसान हों बस ना, 
और यार आप एक लड़के से expect करते हों 
कि वो आपको understand करें, 
तो आप भी तो उसे understand करों ना, 
उसकी जितनी भी income  हो 
कम या ज्यादा, उसकी जॉब जो भी हों 
highest post पर या low पर उसकी respect करों, 
माना महंगाई हैं पर इसके लिए खुद के प्यार और रिश्तें
 की तो धज्जियां नहीं उड़ाई  जा सकती ना, 
और एक लड़की/ औरत भी घर का, बाहर का हर काम करती हैं 
उसे बस हर जगह safety, respect, kindness expect करती हैं, 
उसके किये हुए कामों की सराहना चाहती हैं, 
हर कोई चाहता हैं उसके किये हुए कामों की value ki जाये बस ।

©Ubaida khatoon Siddiqui #Thoughts 
#Ubaidakhatoon 
#ubaidawrites 
#equality  नये अच्छे विचार आज का विचार

Praveen Jain "पल्लव"

#justice अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है

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पल्लव की डायरी
जीवन को ही मौत के गले लगा ले
अन्याय के डर से
तोड़ दे आदमी को न्याय के दरबार से
लिखी जाये पटकथा सौदे के लिये
और फैलाया जाये मकड़जाल तारीखों के रूप में
तोड़ दो भरम अब न्याय का
मुँह यहाँ काला सच्चाई का होता है
झूठे गवाह झूठे केसो से
निर्वाह वकीलों और जजों का होता है
जमानत और तारीखे 
बढ़ाने भर का बस यहाँ खेल होता है
दम तोड़ती इंसानियत
सुसाइड न्याय कर रहा है
अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #justice अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है

Ankitaishika

#justice

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Har galiti ki saja hoti hai..
Phir galti kisiki bhi kyu n ho.

©Ankitaishika #justice

Ravi Gupta

#justice

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“जो वकील अपने मुवक्किल की उम्मीदों को व्यापार समझे, वह न्याय की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है।”

©Ravi Gupta #justice

Vijay Vidrohi

बाबा साहब महापरिनिर्वाण दिवस #my #tribute_to_baba_sahb #Poetry #poem love #India #equality #RESPECT #Constitution poetry urdu poetry

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White सूख गए हों सबके प्राण 
झुक गया हो आसमान
6 दिसंबर 1956 को जब हुआ
बाबा साहब का महापरिनिर्वाण।

छोड़ गए हम सबका साथ 
रहा नहीं है सर पर हाथ 
उनके बिन अब कौन करेगा 
वंचित पिछड़ों के हकों की बात।

खुद मर‌ कर किया बुद्ध को जिंदा
हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा 
आज तलक है मिशन अधुरा
बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा।

किया शूद्रों का कल्याण 
महिलाओं को दिया सम्मान 
भारत का लिखा संविधान 
उनके जैसा नहीं कोई महान।

सिंबल आफ नॉलेज है वो 
शिक्षा का कॉलेज है वो
महिलाओं वंचित पिछड़ों के
अधिकारों का सोर्सेज है वो।

©Vijay Vidrohi बाबा साहब महापरिनिर्वाण दिवस 
#my #tribute_to_baba_sahb #Poetry #poem #love #india #equality #RESPECT #Constitution       poetry urdu poetry

C2

इन दिनों कुछ शब्द है जो गूंज रहे है देश में 
असल में चुभ रहे है भविष्य के कानों में
मॉब लिंचिंग से मौत और दंगे,अब हैरान नहीं करते
खौंफ जगाते हैं बहुतों को अपने आज और कल के होने में
कभी संभल तो कभी अजमेर, मणिपुर का तो अभी जिक्र भी नहीं
आग की लपटें, चारों और धुआं ही धुआं और पथराव
ये तस्वीरे हर रोज की खबर है, जिसे मैं देखना नहीं चाहता
मैं भविष्य आज खड़ा हूं इस असीम शोर-नहीं-बवाल में
शिमला कितना ठंडा है... फिर उसमें ऊबाल क्यों 
कुछ तो गलत है शायद सही सुझाव सोच से परे है 
क्या किसी को शांति पसंद नहीं जिस पर अमल हो
क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं चाहता 
मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता 
वक्त रहते इसका अंत हो, समस्या का निदान हो
ये सूरज की लालिमा का रंग सूरज से ही निकले तो अच्छा है
धरती से सूरज को जाएगा तो सब कुछ जलना  ही है 
मुझे तो कल में जीना है और ज्वलंत लपटें चुभ रही है
मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता 
क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं जानता।।
 -C2


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©C2 #protest #peace #justice #harmony #poem

Avinash Jha

#Freedom

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Beneath an open sky, I shed the chains of doubt and fear.
Each step forward felt lighter, my path my own to steer.
Freedom, I realized, is the courage to truly be here.

©Avinash Jha #Freedom

Schizology2

Pills and needles #pills #Needles poem✍🧡🧡💛

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Pills and needles


Need a pill?

Take a pill

Pop!

Want a pill?

I've had my fill

Pop!

Need a pill?

Pop!

Want a needle?

Or another pill?

Pop! Pop! Pop!

©Schizology2 Pills and needles

#pills #Needles #poem✍🧡🧡💛

Shashi Goutam

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