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हिमांशु Kulshreshtha
White रह रह कर घिरता है उन की यादों का घना कोहरा किस क़दर बेचैन करता है कोई उन के ख्यालों से पूछिए ©हिमांशु Kulshreshtha रह रह कर
रह रह कर
read moreVinod Mishra
Lili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreआधुनिक कवयित्री
जुदा हुए इस कदर, दुबारा नजरे न मिला सके। अजनबी है अवारा शहर में, पहचान अपनी न छुपा सके। आंसू पोंछते रहे अकेले, किसी को दिखा न सके। पूछा सबने उदास चेहरा देखकर, हम कारण उदासी का बता न सके। कहानी बहुत छोटी सी थी हमारी, फिर भी किसे सुना न सके। दुनियां ने बहुत कुछ सीखा दिया, हम खुद को समझा न सके। साथ चाहा हर किसी ने हमारा, पर हम किसी ओर को अपना न सके। समझ लिया सबने अपने अपने नज़रिए से , हम झूठ पर भी ऊंगली उठा न सके। स्तब्ध होकर भूल गए दुनियां को, पर उन यादों को न भूला सके। जुदा हुए इस कदर, दुबारा नजरे न मिला सके। ©आधुनिक कवयित्री जुदा.......
जुदा.......
read moreShashi Bhushan Mishra
कैसे चढ़ पायेगी सफलता की सीढ़ी, जब अवसाद ग्रस्त है आज युवा पीढ़ी, मन की उलझन से बच पाने का साधन, बना आज व्यवसाय है बिकती पंजीरी, पथ को कंटक पूर्ण देख मत घबराना, जीवन पथ की राह बहुत टेढ़ी-मेढ़ी, छद्म मान्यताओं ने जकड़े पांव यहां, दौड़ नहीं पायेगा काटे बिन बेड़ी, क्या लेकर आए क्या लेकर जाओगे, नाहक करते फिरते हो तेरी मेरी, मजदूरों ने सिखलाया पथ पर चलना, धुएं की कश में फूंक जला देता बीड़ी, मिट्टी में मिल जाता है सबकुछ 'गुंजन', रह जाता अवशेष राख बनकर ढ़ेरी, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #रह जाता अवशेष#
#रह जाता अवशेष#
read moreF M POETRY
White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ.. है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ.. घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है.. पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #क्या हुआ...
#क्या हुआ...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ वो क़ैद रहे अपनी ख़ुदी में हम अपना करम करते रहे वो मोहब्बत निभा न सके हम मुसलसल इश्क़ करते रहे ©हिमांशु Kulshreshtha क्या ग़ज़ब....
क्या ग़ज़ब....
read moreneelu
White अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..क्या मोटा आप किस बात का फर्क मिटाना चाहते हैं?, ©neelu #GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
#GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
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