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Rameshwar Shingade
New Year 2025 aap sab ko meri taraf se Happy New year badhai ho 2025 ©Rameshwar Shingade #Newyear2025 आ
Shashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreM.K Meet
मिटा सको तो मिटा दो मेरी हस्ती निकाल फेंको मुझे अपने घर से बाहर मगर कैसे जी सकोगे अपने दिल के बिना यार उसी घर में तो ,मै अपना घर बनाया हूं!!! . ©M.K Meet #घर
Ashvani Kumar
White तुम ना दो जवाब अब मैं सवाल नहीं करता तुम डरना नहीं मुझसे, मैं बवाल नहीं करता वक़्त बर्बाद नहीं करता उन बीते पलों को याद कर के भूल गया हर वो बात, अब उन पर मलाल नहीं करता कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम तुम्हे याद करने की गलती मैं हर बार नहीं करता अब मिलने लगा हूँ हर शख्स से जो तुम्हे नापसंद थे तुम्हारी वजह से अब अपने रिश्ते खराब नहीं करता बेफिजूल है 'बेफ़िज़ूलियत' को अपनी बातें समझाना तुम पर ऐतबार करने की गलती मैं बार बार नहीं करता।। ©Ashvani Kumar कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम
कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम
read moredr.rohit sarswati
White ( घर लौट चलूँ ) मन करता है छोड़ शहर की चका चौंद को घर अपने में लौट चलूँ ! मन करता है तोड़ नौकरी की जंजीरें इस शहर को तनहा छोड़ चलूँ । छोड़ चलूँ इस चँचल मन को इस शहर की भीड़ में रोता बिल्कता ! पीछे मुड़के ना देखूँ में चला जाउँ बस आगे बढ़ता । झुटी दिखावटी इस दुनिया से अब में नाता तोड़ चलूँ ! घर अपने मे लौट चलूँ घर अपने में लौट चलूँ । ©dr.rohit sarswati #घर लौट चलूँ
#घर लौट चलूँ
read moreकाव्य महारथी
आ. शिवानी कौशल, कानपुर उत्तर प्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविताएं कविता कोश कविता हिंदी कविता
read moreकाव्य महारथी
आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता
read moreकाव्य महारथी
आ. संध्या श्रीवास्तव 'साँझ 'छतरपुर मध्यप्रदेश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता देशभक्ति कविताएँ बारिश पर कवित
read moreकाव्य महारथी
आ. किरन अग्रवाल प्रतापगढ़ यूपी हिंदी कविता कविताएं कविताएं कविता कोश हिंदी दिवस पर कविता
read moreTara Chandra
मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ ही घर की बुनियाद नहीं होते, ... ... माता–पिता, दादा–दादी आदि के अनगिनत सपने, मेहनत तथा प्यार भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।। ©Tara Chandra #Home #घर