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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Sarfaraj idrishi
India Vs Bangladesh Asia Cup Final हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है। ©Sarfaraj idrishi हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa
Chetram Nagauri
मेरा वादा भूल ना जाना जो किया था पीपल के नीचे उस पीपल के पत्ते भी पूछ रहें है इंसान इतने दगेबाज होते हैं ©Chetram Nagauri #UskeHaath धोखेबाज#शायरी #पोएम
Chetram Nagauri
White मेरी किस्मत में जो लिखा है वो मुझे मिल ही जायेगा तुझसे जो उम्मीद थी वोतो टूट गई कोई बात नहीं जो तूने मेरे साथ किया है एक दिन तू ही पछतायेगा ©Chetram Nagauri #Emotional #शायरी #पोएम
Chetram Nagauri
खुदा से मांगा है तुझे तेरी लकीरें देख कर वो कोई ओर ही होगा जो प्यार करता है तस्वीरें देख कर। ©Chetram Nagauri #chaandsifarish #शायरी #पोएम #truelove #प्यार
INDIA CORE NEWS
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१ यार बिन कुछ भी नहीं भाता मुझे । गम कि फिर तंहाइयाँ अच्छी लगे ।।२ आ सँवरकर सामने मेरे कभी । मुझको तेरी शोखियाँ अच्छी लगे ।।३ सुर्ख कर लो होंठ ये मेरे लिए । तुझ पे ही ये सुर्खियाँ अच्छी लगे ।।४ आ रही घर में हमारे फिर खुशी । मेम को अब इमलियाँ अच्छी लगे ।।५ एक अच्छा नाम अब मैं सोच लूँ । मुझको देखो बेटियाँ अच्छी लगे ।।६ ढ़ल रही है ये जवानी अब प्रखर । अब न वो गुस्ताखियाँ अच्छी लगे ।।७ १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१
Dhanraj Gamare
cjcjffjfjfjfjfjpfjfjfkgkfgfkfkfk ©Dhanraj Gamare जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम ( पिंपरी चिंचवड) यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित दुसरे कवी संमेलन २०२४
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-कण में बसे प्रभु राम जी । पूछता फिर क्यों कि अंदर कौन है ।।३ और कुछ पल धीर धर ले तू यहाँ । वक़्त बोलेगा धुरंधर कौन है ।।४ एक तेरे सिर्फ़ कहने से नहीं । है खबर सबको सिकंदर कौन है ।।५ दौड़ आयेगा हमारे पास तू । गर पता तुझको हो रहबर कौन है ।।६ तुम कहो तो मान भी लें बात हम । बस बता दो तुम विशंभर कौन है ।।७ बंद हो जायेगी तेरी बोलती जानेगा जब तू कलंदर कौन है ।।८ हम सभी इंसान हैं तेरी तरह । खोजता फिर क्यों तू बंदर कौन है ।।९ इस कदर मत कर गुमाँ खुद पर बशर जान ले लिखता मुकद्दर कौन है ।।१० आज दिल की बात मैं पूछूँ प्रखर । तू प्रखर है तो महेन्दर कौन है ।।११ १९/०३/२०२४ -महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- उनकी बातों का एतबार मत करना । ऐसे ही दरिया पार मत करना ।।१ इस तरह इंतजार मत करना । हुस्न वालों से प्यार मत करना ।।२ प्यार करते बहुत सुना उससे । इसका लेकिन करार मत करना ।।३ खा लिया ठोकरें बहुत तुमने । जान को अब निसार मत करना ।४ मुफ्त में दे रहा तुम्हें ये दिल । इसका तुम भी व्यापार मत करना ।।५ अपने जैसा गरीब ही समझो । मुझको यूँ दरकिनार मत करना ।।६ बात ऊँची कभी यहाँ करके । हम को खुद पे सवार मत करना ।।७ हर गली चापलूस बैठे हैं । तुम उन्हें होशियार मत करना ।।८ हार जाते हो बार बा देखा । जीत की अब हुँकार मत करना ।।९ प्यार में सौदे भी लगे होने । अब प्रखर तुम उधार मत करना ।।१० १२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- उनकी बातों का एतबार मत करना । ऐसे ही दरिया पार मत करना ।।१ इस तरह इंतजार मत करना । हुस्न वालों से प्यार मत करना ।।२ प्यार करते बहुत