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New शाम की प्रार्थना Quotes, Status, Photo, Video

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Dil_ se_06

Unsplash **सपना एक अधूरा रहे गया है अभी 🥹
जहां होगा अपनो का एक प्यार सा बसेरा 😊
वो घर बनाना अधूरा रहे गया है अभी🙂
जहां गुनगुनाएगी बातें सबकी मीठी सी**🤗

©Dil_ se_06 #camping #बात #शाम #alone #Happy

Praveen Raj

#Sad_Status #यादें की शाम😌

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White उजाले अपनी यादों को हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में मेरी ज़िंदगी की शाम हो जाए !!

©Praveen Raj #Sad_Status #यादें की शाम😌

Ghanshyam Ratre

प्रार्थना

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Deepika, Pandey

#traveling कहानियों की शाम

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Unsplash जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में .... जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रहे ....**DP//

                         ((up 44))
कहानी हिन्दी में//

©Deepika, Pandey #traveling कहानियों की शाम

Sakshi Pateriya

शाम wlife quotes sad

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BANDHETIYA OFFICIAL

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वक्त -ए-शाम ढल ही गया,
लेके जाम ढल ही गया।
ढल भी जाए आई रात,
अंधेरे गम जज्बात ,
हो लहजे -आम ढल ही गया।
खाली हो जाता  मैखाना भी,
टूट यहां जाता पैमाना भी,
क्या इंतजाम ,ढल ही गया !

©BANDHETIYA OFFICIAL #SunSet #शाम

Bharadwaj Dilip

# जुल्फ घनेरी शाम है

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Unsplash                                                                    (लड़का) 
चेहरा है या चांद। खिला है।
  जुल्फ घनेरी शाम है क्या।
सागर जैसी आंखों वाली 
 ये तो बता तेरा नाम है।
(लड़की) 
कुत्ता है तू कमीना है। 
ये तो बता तुझे काम है क्या।
कल ही तो पीटा था तुमको। 
मैं ये तो बता आराम है क्या।

©Bharadwaj Dilip # जुल्फ घनेरी शाम है

queen

शाम कि चाये

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बहोत ठंड हे तो कोन कोन खाएगा ☕☕☕

©Sanaya शाम कि चाये

Avinash Jha

White याद आती है वो शाम

याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था,
आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था।
हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी,
हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी।

गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल,
उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल।
दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं,
वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं।

सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे,
हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे।
खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून,
जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून।

वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था,
हर बात में बस अपनापन था।
मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था,
कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था।

अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है,
उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है।
याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन,
जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम।

©Avinash Jha #याद #शाम
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