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Babli BhatiBaisla
अब तो सारा खेल खिताबों का है लगभग खत्म दौर किताबो का है अननोन की नोइंग एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी सबसे कमाल की है आज की विजनरी बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla एक्स्ट्राऑर्डिनरीSethi Ji R. Ojha Rama Maheshwari 0 Lalit Saxena R K Mishra " सूर्य "
Ravi Ranjan Kumar Kausik
md Shoaib Khan
मोमिन वो जिसकी महफिल पाक है मोमिन वो है जिसकी तन्हाई पाक है ©md Shoaib Khan namaz #loV€fOR€v€R #Nojotoshayeri✍️M #gaalib #loV€fOR€v€R #k
R Raj
मादा एक संभोग के बाद दूसरे को तैयार है इसी नियम पर दुनिया के वेश्याघर चलते हैं .... जबकि नर के दो संभोगों के बीच अंतराल होगा ही होगा.....वो पहले संभोग के बाद झटके से मादा अलग हटेगा और सो जाना चाहेगा ये उसकी प्रकृति है। जबकि मादा की प्रकृति इसके बिल्कुल विपरीत है वो संभोग के तुरंत बाद उसके मुँह से वो शब्द सुनने को आतुर होती हैं जो उसे गुदगुदा दें......वो ये नहीं जानती कि नर प्रेम के बाद प्रेम नहीं कर सकता वो युद्ध के बाद प्रेम को लालायित हो सकता हैं वो मूल रूप से शिकारी की भूमिका ही अदा करता है हाँ सभ्य समाज में उसकी इस प्रवृत्ति को खुबसूरत लिबासों में ढका जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह हिटलर रोजाना पाँच सौ आदमियों को कटवा कर अपनी प्रेमिका की गोद में सर रख कर प्रेमगीत लिखता था उससे जुदाई के बीते लम्हों का वर्णन करते उसके गाल भीगते थे ..... अशोक कलिंग युद्ध में हुई मारकाट से दग्ध होकर प्रेमालिंगन को तड़प उठा था ... उसने बौद्ध दर्शन को अपने अंदर यूँ समाहित किया आज अशोक और बौद्ध दर्शन को अलग किया ही नहीं जा सकता नेपोलियन बोनापार्ट भी अपने बख़्तरबंद कवच को उतार प्रेम रस में डूबता था इतना रोमांटिक या प्रेयसी को समर्पित होता था इस समय जितना कोई कवि शायर या मासूम दिल का नर भी समर्पित नही हो सकता। सामान्य नर इस प्रकार के न युद्ध कर सकता हैं ना ही प्रेमातुर हो सकता है.....वो न घृणा के चरम पर जाएगा न प्रेम तल की गहराई में आएगा....वो कुछ दस मिनट का खेल करेगा जो उसे किसी रूप संतुष्ट नहीं करेगा......इसी संतुष्टि प्राप्ति हेतु वो साथी को बदलने को उत्सुक हो सकता है....जहाँ जहाँ सामाजिक बंधन कमजोर ये बदलाव लगभग छह महीने के अंदर हो जाता है.....पर इन बदलावों से न परिस्थिति बदलती है न उसकी मनोरचना ...यानि वो प्रेम पाने में प्रेम करने में असफल रहता है। यदि नर के जंगली पन को निकलने का रास्ता बन जाएँ तो वो प्रेम कर सकता हैं पा सकता है दे सकता है.....यही एक कारण है मादा हमेशा समाजिक रूप सभ्य की अपेक्षा उद्दंड नर की तरफ झुकती है .... इसलिए बिगड़े हुए लड़कों को समर्पित प्रेमिकाएँ मिलती है बजाएं सामाजिक दृष्टि से सभ्य का टैग पाएँ लड़कों को ... 💕❤️🌹 R Raj ©R Raj n@r or n@ri ke bich k@ s@mb@ndh@@&##
Anjali saini
Dear... प्यार मोहब्बत इश्क यह सब फिल्मों में अच्छा लगता है, ना की असल life में क्योंकि हकीकत में ऐसा कुछ होता ही नहीं है और अगर ऐसा होता भी है तो कभी complete नहीं होता है मेरी नजरों में भाग कर शादी करना इस रिश्ते का complete होना नहीं होता है ।यह रिश्ता complete तब होता है जब आप अपने parents की permission के साथ उस इन्सान से शादी करते हो जो की possible नहीं है। क्या हो गया 100 में से अगर एक की शादी होगी। parents की permission से शादी होती नहीं है। अगर ऐसा हो जाए तो वो इन्सान सही नहीं निकलता है। जब last में जाकर हमें तकलीफ होनी है, हमें टुटना ही है तो क्यों ना इससे दूर रहा जाए, फिर भी अगर आप इन सब में जा रहे हो तो फिर आप दोनों condition के लिए तैयार रहो । आपके मन में अगर किसी के लिए कोई feelings आती हैं तो इसका मतलब यह तो नहीं है ना कि वह शख्स नहीं मिला तो आप सुसाइड कर लेंगे क्या वह एक इंसान आपके लिए इतना important हो गया है कि उसके आगे आप अपने parents और family कि भी नहीं सोच रहे हो। यार मरने वाला मर जाता है पर उसके बाद उसकी family की जो condition होती है । उसका तो तुम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हो। तो please मेरी request है ऐसी बकवास ना तो करो ना सोचो और please प्यार मोहब्बत से दूर रहो और अपने carrier पर ध्यान दो और आज के बाद ऐसी बकवास की ना तो दो थप्पड़ लगाऊंगी। ©Anjali saini #fog Sethi Ji Anil Ray R K Mishra " सूर्य " AviS
Babli Gurjar
कीमती बनते ही हिफाजत से सजाया जाता है कागज़ भी काम आने के लायक बनते ही खुदा समझा जाता है नालायक भी परखने लग जाते है लोग हिसाब किताब सहित दोस्त जरा से तूफान के चलते ही उड़ा ले जाएं आंधी डूबा जाए भंवर कोई ज़रूरी तो नहीं तूफान कई बार नजदीक से निकल जाते है छू कर ही बबली गुर्जर ©Babli Gurjar कीमती Sethi Ji R K Mishra " सूर्य " Ashutosh Mishra R. Ojha Anshu writer R. Ojha
KAJAL KUMARI
(Dahej ek abhi sharab) hamara Desh Aaj bhi Dahej ki khoob pratha se jujh raha hai Dahej hamare samaj ke liye abhi shrap ban gaya hai Dahej pratha jaise chijon ki vajah se hi ladkiyon ko bojh samjha jata hai hamare Desh ne Pragati to bahut kar li hai lekin Aaj bhi samaj mein badlav nahin aaya hai. ©KAJAL KUMARI #R❤️K