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Parasram Arora
सच्चाइयो का अस्थि विसर्जन हो चुका और झूठ देवता बन कर इबादतगाहों की शोभा बड़ा रहा धर्म हवाधारी प्रेत बन कर भयभीत कर रहा वासनाओ की मृगतृष्णाओ मे डूबा ये जगत महातृप्ति का सागर ढूंड रहा जबकि सचिदानंद का लोप हो चुका और जगत अपनी प्यास को भरमाने की चेष्टा कर रहा r सचाईयो का अस्थि विसर्जन
Parasram Arora
सच्चाइयों का अस्थि विसर्जन हो चुका और झूठ देवता बन कर इबादतगाहों की शोभा बड़ा रहा धर्म हवधारी प्रेत बन कर इस जगत को भयभीत कर रहा वासनाओं की मृगतृषणाओं मे डूबा ये जगत महा तृप्ति का सागर ढूंढ रहा जबकि सच्चिदानंद का जीवन से लोप हो रहा और ये बेबस जगत अपनी प्यास को भरमाने की असफल कोशिश कर रहा ©Parasram Arora #सच्चाइयों का अस्थि विसर्जन....
के_मीनू_तोष
अटल जी अस्थि विसर्जन Nojoto Nojoto News Nojoto Hindi Hindinama Kalakaksh
Asha Giri
अंतिम संस्कार।। सासु माँ का क्रिया कर्म मिश्रित पद्धति से हुआ। कुछ कोंकणी,कुछ रत्नागिरी,कुछ मराठा style,कुछ मोची,हजाम,भाजीवाले ,गुजराती style। हमारी पद्धति
Arora PR
प्रबंधन अर्चना और आराधना इन सबका. हुनर मै सीख चुका हूँ अब मै इन उपलब्धियों के अहंकार को भी विसर्जित कर देना चाहता हूँ ©Arora PR विसर्जन
HP
Ink and Pain खत्म हो गई Ink जिन्दगी में देते-देते सहन करते-करते बढ़ गई दर्द मन-तन राख हो गई हड्डियाँ तो विसर्जन कर देना गंगा में! विसर्जन
Vibhu sharma
तेरे इश्क़ में खुद को इस तरह समर्पित करना चाहता हूँ। मैं तेरी सारी यादों को गंगा में विसर्जित करना चाहता हूं।। ©Vibhu sharma विसर्जन
SK Poetic
देवता और असुरों मैं महासंग्राम चल रहा था। सभी देवतागण दानव वृतासुर से तंग आकर ब्रह्मा जी के पास गये। और उन्हें सारी बातें बताई और इसका उपाय पूछा ।ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं से कहा वृतासुर का अंत तभी हो सकता है जब ऋषि दधीचि अपने प्राण को त्यागेंगे और वह अपनी अस्थि दान करेंगे तो उनकी उस अस्थि से एक अस्त्र तैयार किया जाएगा।जिसका नाम ब्रज अस्त्र होगा। उसी अस्त्र से वृतासुर काअंत होगा। सभी देवगन ऋषि दधीचि की कुटिया में पहुंचे। सभी देवतागण को काफी संकोच हो रहा था कि आखिर किस मुंह से ऋषि दधीचि से यह कहा जाए कि ऋषिवर आप अपने प्राण त्याग दीजिए। जिस वक्त सारे देवतागण ऋषि के आश्रम में पहुंचे। वो ध्यान में मग्न थे। जब उनकी आंखें खुली तो उन्होंने देखा कि सारे देवतागण उनके सामने खड़े हैं। वो सभी देवताओं को देखकर आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने सभी देवताओं को आने का कारण पूछा।देवताओं ने उन्हें संकोच के साथ सारा कहानी बता दिया।देवताओं ने ऋषि दधीचि से कहा कि सभी देवतागण दानव वृतासुर से बहुत परेशान हैं,महासंग्राम चल रहा है।ऋषि दधीचि ने देवताओं से कहा कि तो मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं?देवताओं ने ऋषि से कहा ऋषिवर वृतासुर आपकी अस्थि से बने बज्र से ही मरेगा।ऋषि दधीचि ने कहा। बस !यही समस्या है। उन्होंने ध्यान लगाया और अपने श्वास को रोककर अपना प्राण त्याग दिया। देवताओं ने उसके शरीर से अस्थि प्राप्त किए। उसी अस्थि से वज्र अस्त्र का निर्माण किया गया।अब पुनः देवताओ वह वृतासुर के बीच संग्राम शुरू हुआ। मौका देखते ही देवताओं ने ऋषि दधीचि के अस्थि से निर्मित वज्र अस्त्र से वृतासुर पर प्रहार किया। वज्र अस्त्र लगते ही वृतासुर का अंत हो गया।सभी देवतागण बहुत प्रसन्न हुए। ©S Talks with Shubham Kumar अस्थि दान #Motivation