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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सर्व व्यापी अहिंसा ही, जग को जीवित कर सकती है लालच की प्रवर्ति विध्वंसक हो चली रुदन जल थल नभ के जीव करते है प्रतिपादित है सिद्धान्त महावीर के जियो और जीने दो का प्रतिफल जीने की चाह जीवो में भर सकती है अणु व्रतों की ओर जीवन मोड़कर परमाणुओं विस्फोटक शक्ति आत्म रूप में भगवत रूप में महावीर बन सकती है जन्म मरण के काल चक्र से मुक्ति हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #God अणुव्रतों की ओर जीवन मोड़कर #nojotohindi
Nirmal Choudhary
जीवन में कभी हार मत माने आखिर तक उम्मीद लगाए रखो खुद से सफलता तुम्हारे पीछे खुद आएगी ©Nirmal Choudhary जीवन की सच्चाई
Nirmal Choudhary
जीवन अपने आप को देखकर जियो किसी दूसरे को नहीं ©Nirmal Choudhary #oddone जीवन की सच्चाई
Bharat Bhushan pathak
साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़ना आगे समझाए जीवन। ©Bharat Bhushan pathak #साध्ययासाधकजीवन साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़न
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
जीवन की अंतिम इच्छा का, परित्याग करूं मैं क्या, इस पावन धरा पर मैं भी, आज अंतिम पग धारू मैं क्या, हृदय गति है मध्यम मध्यम, ऐसी भयानक पीड़ा में, शूल धसा हृदय प्रीत में, अमृत पीकर करूं मैं क्या जीवन की अंतिम इच्छा का, परित्याग करूं मैं ........! जीवन की अन्तिम......!
Sarita Kumari Ravidas
Village Life कुदरत का अद्भुत आभास कराती हैं ये दृश्यम इक सादगी इसमें छलक रही है जीवन की सरलता इसमें छिपीं हुईं हैं मां जैसी सृजन है ये भी करती फल-फूलों का भंडार मां धरती को देती पर माया में हम यूं फंसे हुए हैं सृजन ही इनका क्यों हम इनसे छीन रहे हैं ©Sarita Kumari Ravidas #villagelife जीवन की सरलता ❤️
Sarita Kumari Ravidas
जीवन की सरलता समझें ना कोई अपने भी पराए बन जाएं जब दिखे दौलत की तिजोरी जीवन सरलता का अपना शांत नदियों सा होता इस जीवन का भाव क्यों कोई समझ न पाता । ©Sarita Kumari Ravidas #SunSet जीवन की सरलता #Nojoto #poem
मुसाफिर
प्रेम की परिभाषा प्रेम ज्यादतर एक तरफा होता है, अगर प्रेम दो तरफा हो तो, वह संसार की सबसे खुबसूरत पल या कहें तो जीवन में मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ज्यादातर साहित्यकार का मानना है कि प्रेम की शुरूआत दो तरफा ही होती है, ओर एक तरफा प्रेम कुछ होता ही नहीं है प्रेम दोनों तरफा हमेशा होता है किसी में कम किसी में ज्यादा, कोई स्वतंत्र तो कोई बंदिश में रहता है। कृष्ण और राधा का प्रेम के बारे में सब जानते है, लेकिन उनका प्रेम अद्भुत, सार्वकालिक था, और है भी। एक समय जब कृष्ण राधा को छोड़ कर जा रहें थे, तो कृष्ण ने रोते रोते कहाँ कि हे राधे! मैं तेरा अपराधी हूं क्योंकि मैं जा रहा हूं। तब राधा ने मुस्कुरा कर कहाँ कि जा रहें हो कोई बात नहीं। तब कृष्ण ने अपनी बंसी जिससे सबसे ज्यादा प्रेम करते थे उन्होंने उठाकर उसे राधा को दे दिया। राधा ने पुछा क्यों? तो कृष्ण ने कहाँ कि यह हमारे तुम्हरे रिश्ते की पहचान है। राधा ने पुछा इसका मैं इसका क्या करूंगी, तब कृष्ण ने कहाँ कि जब तुम्हें मेरी याद आए तो इसको बजा देना, मैं आ जाऊंगा। तब राधा ने कहाँ कि यह बांसुरी कभी नहीं बजेगी। कृष्ण ने पुछा क्यों? तब राधा ने कहाँ कि तुमने कहाँ जब याद आयेगी तब बजा लेना, लेकिन याद उसको किया जाता है जिसको कभी भुला हो ओर मैं तुमको एक पल, एक क्षण भी भुल नहीं सकती, तो याद आने का कोई सवाल ही नहीं उठता है ओर यह बांसुरी कभी नहीं बजेंगी। ©मुसाफिर #जीवन की सीख