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DineshRj31
#शेंषनाग कि मूर्ती ©DineshRj31 #शेषनाग कि मुती॔
Bhupendra Rawat
पर्वतों में जिसका वास है आभूषण उसका शेषनाग है गंगा जिसकी चोटी पर विराज है भोले शंकरा वो, शंभू विश्वनाथ है ©Bhupendra Rawat पर्वतों में जिसका वास है आभूषण उसका शेषनाग है गंगा जिसकी चोटी पर विराज है भोले शंकरा वो, शंभू विश्वनाथ है #Shiv
Rj Gabbar
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get ©कंवरपाल प्रजापति टेलर सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है. इस साल 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी है. इस दिन शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग,
Pawan Valmiki
तुसी करके अमृत वर्षा सी शिव दी चढ़ी हुई जेहर उतारी वो शेषनाग दा जहर फेला,बिच, समुंदर सारे उस जहर नो पीकेतड़पे शिव बिच समुंदर किनारे प्रभु
Jaya Kishori Ji
Radhe Radhe भगवान श्री कृष्ण के बडे भाई शेषनाग के अवतार, हलधर श्री बलराम जी के आविर्भाव दिवस "भगवान बलराम जयंती" की हार्दिक शुभकामनाएं एवं मंगलमय बधाई।
Rishi K
तुम शम्भु डमरू धारी केश मे बाँध गंगा को धरती पे उतारी, मस्तक पे चन्द्र को कर धारण शेर की खाल तन पे श्रृंगारि, शेषनाग को बाँध गले मे रूद्राक्ष त्रिशूल पे सँवारि, भक्तों के लिए भोले तुम दुष्टों के लिए विनाशक तुम, नृत्य मे नटराज तुम औषध मे वैद्यनाथ तुम, मानवों के लिए ढाल तुम असुरो के लिए महाकाल तुम, सोमनाथ तुम आशुतोष तुम मृत्युंजय और पशुपतिनाथ तुम, सती के शिव तुम गौरी के पति तुम, देवों मे सर्वोत्तम तुम देवों के देव, महादेव तुम!! pic credit- google तुम शम्भु डमरू धारी केश मे बाँध गंगा को धरती पे उतारी, मस्तक पे चन्द्र को कर धारण शेर की खाल तन पे श्रृंगारि, शेषनाग को
N S Yadav GoldMine
मेघनाथ ने लक्ष्मण पर चलाया ब्रह्मास्त्र, पशुपाति व नारायण अस्त्र आइए जानते हैं !! 🌍Bolo Ji Radhey Radhey}🌍 पशुपाति व नारायण अस्त्र :- 🌄 मेघनाथ एक ऐसा योद्धा था जिसने श्रीराम की वानर सेना में हाहाकार मचा दिया था। उसने अपनी पिता की आज्ञा स्वरुप शत्रुओं की सेना में भीषण तबाही मचाई थी। पहले दिन उसने श्रीराम व लक्ष्मण को नागपाश में बांध दिया था तो दूसरे दिन लक्ष्मण को शक्तिबाण की सहायता से मुर्छित कर दिया था लेकिन दोनों ही बार हनुमान की चतुराई से दोनों सुरक्षित बच निकले। तीसरे दिन वह निकुंबला देवी का यज्ञ कर रहा था जिसके समाप्त होने के पश्चात वह अजय हो जाता व किसी भी शत्रु का उसे युद्ध में हराना असंभव हो जाता किंतु लक्ष्मण ने यज्ञ के समाप्त होने से पहले पहुंचकर उस यज्ञ को ध्वस्त कर डाला। इससे क्रुद्ध होकर मेघनाथ युद्धभूमि में आया व लक्ष्मण से युद्ध करने लगा। मेघनाथ के पास थे तीन शक्तिशाली अस्त्र :- 🌄 मेघनाथ ने एक बार राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य की सहायता से सात यज्ञो का महा आयोजन किया था जिसमे उसे त्रिदेव से कई प्रकार की शक्तियां व वर प्राप्त हुए थे। उन्हीं शक्तियों में उसे भगवान ब्रह्मा के सर्वोच्च अस्त्र ब्रह्मास्त्र, भगवान विष्णु के सर्वोच्च अस्त्र नारायण अस्त्र व भगवन शिव के सर्वोच्च अस्त्र पशुपाति अस्त्र प्राप्त हुए थे। यह तीन अस्त्र अत्यंत विनाशकारी थे जिनका प्रयोग करने पर प्रलय तक आ सकती थी। लक्ष्मण थे शेषनाग का स्वरुप :- 🌄 चूँकि भगवान विष्णु ने रावण रुपी पापी का अंत करने व धर्म की पुनः स्थापना के उद्देश्य से इस धरती पर श्रीराम रूप में जन्म लिया था तो शेषनाग ने उनके छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में। जब शेषनाग रुपी लक्ष्मण व रावण पुत्र मेघनाथ के बीच तीसरे दिन युद्ध शुरू हुआ तक मेघनाथ ने अपने सबसे बड़े अस्त्रों का प्रयोग किया था। मेघनाथ का लक्ष्मण पर आक्रमण :- मेघनाथ का लक्ष्मण पर ब्रह्मास्त्र चलाना :- 🌄 सबसे पहले मेघनाथ ने लक्ष्मण पर भगवान ब्रह्मा के सबसे बड़े अस्त्र ब्रह्मास्त्र को छोड़ा। जब लक्ष्मण ने ब्रह्मास्त्र को देखा तो वे उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। लक्ष्मण को देखकर ब्रह्मास्त्र उन्हें बिना कोई हानि पहुंचाए वापस चला गया। चूँकि जब भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मास्त्र का निर्माण किया था तब उन्होंने इसे धर्म की रक्षा के उद्देश्य से बनाया था जिसका प्रयोग किसी भी युद्ध में अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाना था। साथ ही उन्होंने इसके निर्माण में यह ध्यान रखा था कि इससे भगवान शिव, आदिशक्ति, भगवान विष्णु व शेषनाग को कोई हानि नही पहुँच सकती। इसलिये जब मेघनाथ ने लक्ष्मण पर ब्रह्मास्त्र चलाया तो स्वयं शेषनाग के अवतार होने के कारण उन पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा। मेघनाथ का लक्ष्मण पर पशुपाति अस्त्र चलाना:- 🌄 ब्रह्मास्त्र के लौटकर आने के पश्चात मेघनाथ ने लक्ष्मण पर भगवान शिव के सबसे बड़े अस्त्र पशुपाति अस्त्र से प्रहार किया जो कि शिव का त्रिशूल था किंतु इसका भी कोई प्रभाव लक्ष्मण पर नही पड़ा। इसके साथ भी यही नियम था कि वह भगवान विष्णु व शेषनाग पर कोई प्रभाव नही डाल सकता था। इसलिये यह भी बिना अपना प्रभाव दिखाएँ वापस आ गया। मेघनाथ का लक्ष्मण पर नारायण अस्त्र चलाना:-🌄 इसके बाद मेघनाथ ने अपने अंतिम सबसे बड़े अस्त्र नारायण अस्त्र से लक्ष्मण पर प्रहार किया जो भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र था। चूँकि वे स्वयं भगवान व्ष्णु के शेषनाग थे इसलिये इससे उन पर क्या ही प्रभाव पड़ता क्योंकि शेषनाग तो उनके लिए पूजनीय थे। इसलिये नारायण अस्त्र लक्ष्मण के चारों ओर परिक्रमा कर व उन्हें प्रणाम कर वापस आ गया।तीनो अस्त्रों के विफल होने के कारण मेघनाथ को यह आभास हो गया था कि लक्ष्मण व श्रीराम कोई साधारण मनुष्य नही अपितु स्वयं भगवान के अवतार है। उसने यह बात जाकर अपने पिता रावण को समझायी लेकिन उसके न समझने पर वह वापस युद्धभूमि में आया तथा वीरगति को प्राप्त हुआ। ©N S Yadav GoldMine #Hanuman मेघनाथ ने लक्ष्मण पर चलाया ब्रह्मास्त्र, पशुपाति व नारायण अस्त्र आइए जानते हैं !! 🌍Bolo Ji Radhey Radhey}🌍 पशुपाति व नारायण अस्त्र
Nisheeth pandey
जन्माष्टमी की शुभकामनाएंँ । कृष्ण पक्ष की अष्टमी,भादो की वह रात। लगता था मानो कभी,रुके नहीं बरसात।। हवा उड़ाए जा रही,पानी की हर बूँद कालिंदी उफना रही,जैसे बनी समूँद। कारागृह में कंस के,थीं देवकी अचेत। नारायण के खेल में,पैरों सरकी रेत। उठा टोकरी हाथ में,यमुना जी के पार वसुदेव ले पहुँच गए,मित्र नंद के द्वार। चतुर्मास के शयन में,भादो जन्म महान् शेषनाग शय्या उठे ,धरा धाम कल्याण। राधा जी की वेदना, अविनाशी अभिराम राधा जी के नाम से,दौड़े आते श्याम। ब्रजभूमि में छुपी हुई,राधा जी की छाप कण-कण में है गूँजता,बंशी का आलाप। ©Nisheeth pandey #janmashtami जन्माष्टमी की शुभकामनाएंँ । कृष्ण पक्ष की अष्टमी,भादो की वह रात। लगता था मानो कभी,रुके नहीं बरसात।। हवा उड़ाए जा रही,पानी क