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vaishali
होऊ अबला सबला अष्टाक्षरी काव्य ---–------------------------ होऊ अबला सबला लेकी सावित्रीच्या आम्ही खूप सोसला अन्याय नका हे विसरू तुम्ही लढू अन्याय विरुद्ध आता बनून सबला कमजोर नाही कोणी नाही कोणीच अबला कष्ट करुनी जिद्दीने क्षेत्र सारी सर केली चंद्रावर पोहचले कुठे ना कमी पडली स्वतः निघाले शोधण्या हरवले जे अस्तित्व दाखवण्या जगाला हे माझे खरे व्यक्तिमत्त्व अष्टाक्षरी काव्य#मराठी काव्य
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
Deepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
Mr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
Deepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
Vickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
jyoti gurjar
जिस से कुछ लोग जलते हैं, उस से चार कदम दूर से चलते हैं। _ज्योति गुर्जर #काव्य
Parasram Arora
काव्य ... हमारे भीतर भाव का उद्रेक है एक भावभीनी तरंग है काव्य अप ने से जुड़ने की पहली प्रतीति है पहला साक्षीत्कार है काव्य क़े बिना हमारे जीवन मे वह जो ह्रदय और अदृश्य क़े बीच का सेतुः है वह निर्मित नहीं हो पाताहै. काव्य एक इंद्रधनुष को पृथ्वी और आकाश से जोड़ क़र सारे ध्वदो को मिटा देता है वही काव्य दो किनारो को दो नहीं रहने देता एक कर देता है काव्य क़े लिए ह्रदय को नाचने की कला आनी चाहिए ©Parasram Arora काव्य