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Saket Ranjan Shukla
🔱महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं🔱 हृदय में अपार श्रद्धा लिए, कर जोड़े आपकी शरण में आए हैं, बेलपत्र एवं सेवन्तिकामालाओं का श्रृंगार आपके लिए लाए हैं, हे शिव शम्भो! दीजिए धैर्य इतना कि नैया लग जाए पार हमारी, रखिए कृपादृष्टि बनाए कि न कष्ट निकट आए, न ही कोई बीमारी, सर्वविदित महिमा आपकी, भक्तवत्सलता से भी जग अनजान नहीं, और हम हैं मूढ़ बालक, हे अंबिकानाथ, ब्रह्म का हमें कुछ ज्ञान नहीं, मान लिया अंतर्मन से गुरु आपको, आप ही अज्ञानता से हमें उबारिये, हे कृपनिधि! आपने ही दिया है जीवन हमें, अब आप ही इसे संवारिये, निवारिए हे भोले हमें कष्टों से, समस्याओं का हमारे समाधान दीजिए, कीजिए आराधना स्वीकार हे चन्द्रशेखर, शरण में अपने स्थान दीजिए, इस महाशिवरात्रि हे मृत्युंजय! अपने सभी भक्तों को अभयदान दीजिए, हे इंद्रदमनेश्वर देवाधिदेव महादेव, हमें अपनी भक्ती का वरदान दीजिए। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं..! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_
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read moreR.S.Meghwal
मेरे पास 500 का नोट हैं ! जिसके सीरियल नंबर 786 हैं ! मैं इसको बेचना चाहता हूॅ , किसी को चाहिए तो मुझसे संपर्क करें . . . . . . ©R.S.Meghwal #R.S.Meghwal #₹500 #rupee #note #whose #786 #Sell #Anyone #wants #then #contact ₹me 📈💰📊
TARUN KUMAR VIMAL
White #Windsor_Grand 1-C, Sector-126 Noidaविंडसर ग्रैंड नोएडा के सेक्टर 126 में स्थित है। इमारत में जी+25 मंजिलें हैं,जिसमें 500 कारों की इन-हाउस कार पार्क और 135 मीटर ऊंची प्रतिष्ठित मेगा संरचना है ©TARUN KUMAR VIMAL #Thinking #Windsor_Grand 1-C, Sector-126 Noidaविंडसर ग्रैंड नोएडा के सेक्टर 126 में स्थित है। इमारत में जी+25 मंजिलें हैं,जिसमें 500 कारों क
#Thinking #Windsor_Grand 1-C, Sector-126 Noidaविंडसर ग्रैंड नोएडा के सेक्टर 126 में स्थित है। इमारत में जी+25 मंजिलें हैं,जिसमें 500 कारों क
read moreLotus Mali
अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali 🪷
अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali 🪷
read moreSaket Ranjan Shukla
76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वतंत्रता के बाद की अगणित अव्यवस्थाएँ सुलझाने को, भारतवर्ष के जन-जन को, समान स्वाधीनता दिलवाने को, परस्पर प्रेम, सौहार्द और सामंजस्यता का भाव जगाने को, खंड-खंड में बँटी हमारी मातृभूमि को पुनः सशक्त बनाने को, रियासती व मनसबदारी रीतियों से, निजात पाना जरूरी था, सांप्रदायिकता भुलाकर, सर्व-धर्म समभाव आना जरूरी था, शासक और प्रजाजन के बीच के भेद को मिटाना जरूरी था, सबका हो सम्मान समान, ऐसा गणराज्य बनाना जरूरी था, फिर भारतीय जनमानस की एक अनूठी आस प्रतिफलित हुई, सन् 1946 के त्रासदीग्रस्त हिंदुस्तान में, एक सुघटना घटित हुई, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा जो गठित हुई, प्रारूप समिति अध्यक्ष डॉ० भीमराव अंबेडकरजी से सज्जित हुई, सरदार पटेल व 299 सदस्यों को, लोकतंत्र रचने का सम्मान मिला, भारत के भविष्य को गढ़ने और सँवारने, सँभालने का कमान मिला, दो साल ग्यारह महीनों एवं कई बैठकों का अंततः यह परिणाम मिला, स्वतंत्र भारतीयों को 26 जनवरी 1950 में संविधान का वरदान मिला, आइए हम सब लोकतांत्रिक भारत में गणतंत्रता का ये महापर्व मनाते हैं, राष्ट्रध्वज समक्ष राष्ट्रगान गाते हुए, जय हिंद, वंदे मातरम के नारे लगाते हैंl IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pe
76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pe
read moreSaket Ranjan Shukla
Unsplash पहचाने जा रहे हो अब और किन-किनको मेरी गलतियाँ गिनाने जा रहे हो, कितनों की नज़र में, मुझे मुज़रिम बनाने जा रहे हों, नकाब तेरी शराफ़त का जो उतर गया है सरेआम यूँ, मासूम सी शक्लें न बनाओ, साफ़ पहचाने जा रहे हो.! IG:– @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla पहचाने जा रहे हो अब.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
पहचाने जा रहे हो अब.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreSaket Ranjan Shukla
White दर्द का इश्तिहार ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते, न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते, बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से, पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
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White अच्छा लगा मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा, दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा, मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम, ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा, ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे, सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा, मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे, अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा, खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read morePratibha Dwivedi urf muskan
White *आखिर क्यों??* अपने देश को छोड़कर गैर देश में रहना क्यों?? इंसानियत की धज्जियां उड़ें.. ऐसे मजहब का बनना क्यों?? पहले अपने ही देश के टुकड़े करो फिर टुकड़े के भी टुकड़े करो .. ये कैसी देशभक्ति है??? और कैसा है?? धर्म प्रेम... बांग्लादेश हो या हो भारत नरसंहार करना ही क्यों?? साँसें दीं ऊपर वाले ने मरण लिखा ऊपर वाले ने किसको कहाँ पैदा करना है ये भी तय किया ऊपर वाले ने सब कुछ तो उसके वश में है औकात पाई है कठपुतली की फिर ,,नाहक में अकड़ना क्यों? बन पाये तो कुछ अच्छा करो जब तक उसने सांसें दीं .. खैराती जीवन पाकर उसकी सुंदर रचना को तहस-नहस करना ही क्यों?? तहस-नहस करना ही क्यों?? तहस-नहस करना ही क्यों?? *पूरे विश्व में इतनी शक्ति किसी ने भी नहीं पाईं जो किसी को भी बिना ईश्वर की मर्जी के जान से मार सके।* *मौत अटल है और विधाता के द्वारा ही निर्धारित है हाँ मरण कैसे होगा ये निज कर्म निर्धारित करते हैं। तो जो जैसे मर रहा है अपने ही इस जन्म या पिछले जन्मों के कर्म फल भोग रहा है।* ✍️प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश भारत ( 06 दिसंबर 2024 ) ©Pratibha Dwivedi urf muskan #sad_quotes #आखिर_क्यों #देशभक्ति # कोट्स इन हिंदी#प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #नोजोटो Hin
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