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दूध नाथ वरुण
मैं राजी हां जी हूं सनम, क्या अपना तू मुझे बनाएगा। मैं तुझमें समा जाऊंगी सनम, क्या तू भी मुझमें समाएगा।। ©दूध नाथ वरुण #क्या#तू भी मुझमें#समाएगा
Anjali Singhal
Anand vishnushali
Anjali Singhal
Poonam Suyal
पहली मुलाकात हमारी मायूस ज़िंदगी में आई इक बहार जब दाख़िल हुए वो ज़िंदगी में मेरी मिल गया इक हमदर्द हमें उनसे करने लगे हम हज़ारों बातें अपने दिल की हर रोज़ करने लगे, हम उनसे बात करने का इंतज़ार उनकी दीवानगी हम पर, होने लगी थी सवार हम दोनों ही, इक दूजे से मिलने को तरसने लगे पर थे हम बहुत दूर इक दूजे से, ज़हर जुदाई का हर लम्हा हम पीने लगे (अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Poonam Suyal पहली मुलाकात हमारी मायूस ज़िंदगी में आई इक बहार जब दाख़िल हुए वो ज़िंदगी में मेरी मिल गया इक हमदर्द हमें उनसे करने लगे हम हज़ारों बातें
Bhupendra Rawat
शिक्षक ने संजोए रखा धरोहर को और अपने इस साधारण से दिखने वाले जीवन मे समाए रखी बहुव्यवक्तित्व प्रतिभाए तत्पश्चात पोषित करते हुए पूर्ण रूप से विकसित होने पर दिया जन्म डॉक्टर को, वैज्ञानिकों को, और भी बहुत से व्यवसायों को तेजी से बदलते हुए समय के अनुरूप ढाला स्वयं को तथा किया एक सभ्य समाज का निर्माण, सींचा छात्रों को जैसे सींचता है, किसान बंजर भूमि दिया आकार छात्रों के जीवन को जिस तरह मिट्टी को, आकार देता है एक कुम्हार। ©Bhupendra Rawat शिक्षक ने संजोए रखा धरोहर को और अपने इस साधारण से दिखने वाले जीवन मे समाए रखी बहुव्यवक्तित्व प्रतिभाए तत्पश्चात पोषित करते हुए पूर्ण रू
Nain
जब नयनों में सूनापन था, जर्जर तन था, जर्जर मन था, तब तुम ही अवलम्ब हुए थे मेरे एकाकी जीवन के! जाओ कल्पित साथी मन के! सच, मैंने परमार्थ ना सीखा, लेकिन मैंने स्वार्थ ना सीखा, तुम जग के हो, रहो न बनकर बंदी मेरे भुज-बंधन के! जाओ कल्पित साथी मन के! जाओ जग में भुज फैलाए, जिसमें सारा विश्व समाए, साथी बनो जगत में जाकर मुझ-से अगणित दुखिया जन के! जाओ कल्पित साथी मन के! - हरिवंशराय बच्चन ©Nain जब नयनों में सूनापन था, जर्जर तन था, जर्जर मन था, तब तुम ही अवलम्ब हुए थे मेरे एकाकी जीवन के! जाओ कल्पित साथी मन के! सच, मैंने परमार्थ ना स
Bhavana kmishra
मेरी ज़िंदगी का हर फलसफा है तुमसे, मेरी राहें भी कहां जुदा हैं तुमसे.... तुम ही तुम हो समाए, मेरे हर लफ्ज़ में, मेरी लेखनी भी लाजवाब है तुमसे.. मैं भले ही कभी खफा हो जाऊं... मगर मेरा दिल कहां खफा है तुमसे...। ©Bhavana kmishra #safar #Nojoto #Poetry #sayri मेरी ज़िंदगी का हर फलसफा है तुमसे, मेरी राहें भी कहां जुदा हैं तुमसे....
Shivendra Gupta 'शिव'
ashish gupta
लिख दूंगा एक गीत जिंदगी के लिए जिसमें प्यार के तराने हो हमारे सारे अफ़साने हो कैसे गुजरे दिन तुम बिन वह भी लिख दूंगा एक दिन गीत में बस तुम्ही समाए रहोगे मेरे जिंदगी में बस तुम ही तुम रहोगे ©ashish gupta #worldmusicday लिख दूंगा एक गीत जिंदगी के लिए जिसमें प्यार के तराने हो हमारे सारे अफ़साने हो कैसे गुजरे दिन तुम बिन