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Stories related to हर्षवर्धन की मृत्यु कैसे हुई

Death_Lover

Unsplash चंद दराज़ों से वो हरदम झाँकता है,
अन्दर या बाहर वो हरदम यही भाँपता है
मिट रहा है कतरा-कतरा अस्त्तित्व सभी का,
फिर भी हर इंसा ज़िन्दगी यूँ ही क्यों काटता है॥

"हिमांश" ये ज़िन्दगी अब यूँ ही बसर नहीं होगी....

©Death_Lover #traveling #ज़िन्दगी #मौत #अस्त्तित्व #शास्वत #जीवन #मृत्यु

Death_Lover

Unsplash किसी ने क्या खूब कहा है "हिमांश" कि ये दुनिया रहने के लिए नहीं है,
सिर्फ़ आने-जाने के लिए बनी है "मेरे अभागों"॥

©Death_Lover #snow #शाश्वत #दुनिया #जीवन #मृत्यु

Parasram Arora

कैसे पता लगे?

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Unsplash कैसे  पता लगे 
कि कौनसी बात
  न्याय संगत है 
और कौनसी बात व्यर्थ 

कागज़ी फूलों पर तुमने
कभी किसी  भवरे को 
बैठते हुए  देखा है क्या?

©Parasram Arora कैसे पता लगे?

F M POETRY

#ज़िन्दगी उलझी हुई.....

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Unsplash ज़िन्दगी उलझी हुई पहेली है..

कैसे हल होगी ये मालूम नहीं..



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #ज़िन्दगी उलझी हुई.....

Parasram Arora

मृत्यु

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White मृत्यु  को देखने का 
मुझे अवसर 
कभी मिला नहीं.

क्योकि आज तक 
उसे नज़दीक से मैंने 
देखा ही नहीं

©Parasram Arora मृत्यु

Premofficial7171

मौन मृत्यु और मैं

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Premofficial7171

मौन मृत्यु और मैं

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kuldeepbabra

सावन की शुरू हुई कावड़ हरिद्वार से उज्जैन तक wbhakti bhajan

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नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

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White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर #हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

Nurul Shabd

#कभी #आंसुओं #में छुपी हुई, उनकी खामोशी की आवाज़

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