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Shweta Grewal
सबकी आनी है, सबको जाना है, क्यों लड़ते हो, क्या सोचते हो, यहीं रह जाना ये ज़माना है। #मृत्यु_संवाद #yqdidi #yqbaba #dailychallenge
Shweta Grewal
सबकी आनी है, सबको जाना है, क्यों लड़ते हो, क्या सोचते हो, यहीं रह जाना ये ज़माना है। #मृत्यु_संवाद #yqdidi #yqbaba #dailychallenge
भुवनेश शर्मा
बीते हुए कल की यादें मुझे बड़ा सताती है❣️ जो चले गए हैं उनसे मिलने की याद बहुत आती है सपनों के माध्यम से मिलना चाहता हूंँ उनसे🙂 पर कमबख्त दिल नहीं भरता उससे पहले सुबह हो जाती है ना जाने क्यों समय चलता है पीछे मुड़कर देखते हैं तो समय आगे चलने को कहता है ☹️☹️☹️ #जीवन एक ही है #मृत्यु_संवाद #स्वप्नलोक #स्वप्न_यात्रा #yqbesthindiquotes #yqdidi #प्रेमकहानी
भुवनेश शर्मा
देखते ही देखते हंसते और खिलखिलाते हुए चेहरे अदृश्य हो जाते हैं...😊 यह जिंदगी है साहब जो आज आपके पास बैठे हैं कल उनके स्थान रिक्त हो जाते हैं...❣️ शुभ रात्रि ❣️🌷🌷🌷😊😊✍️ कितना अजीब है ना जीवन और मृत्यु का सार्वभौमिक सत्य...✍️✍️😊 #goodnight 🌷 #यादें तुम्हारी और मेरी...🌷 #मृत्यु_अटल_है 🌷 #मृत्यु_संवाद 🌷 #bestyqhindiquotes 🌷 #yqdidi 🌷
Anamika Nautiyal
मृत्यु मेरा वरण करने से पूर्व जान लेना मेरी अभिलाषाएँ, पूर्ण हैं या रिक्त रह गई मेरी मानवीय परिभाषाएँ। क्या निभा पाई हूँ उत्तरदायित्वों को भली प्रकार, क्या कभी बनाया है स्वप्नों का संसार; अल्प समय देना,कर सकूँ सबका आभार। क्या हूँ मैं तुम्हें आलिंगन करने योग्य , क्या मेरा उद्देश्य पूर्ण हो गया है। क्या किया है सिक्त, मैंने लहू से लक्ष्य को। यदि नहीं ख़री उतरती हूँ मैं , तुम्हारे मानदंडों पर । हे मृत्यु ! त्यज देना मुझे, अनाम रहने के लिए। मृत्यु पर बस नहीं चलता 🙃 #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #मृत्यु_मेरा_वरण_करने_से_पूर्व
Swarima Tewari
धूल-मिट्टी से कुछ एलर्जी थी उस शख़्सियत को, अफसोस मिट्टी की देह थी, मिट्टी में ही चली गयी। अभी एक मीटिंग शुरू होने से पहले वेटिंग रूम में बैठी थी, न्यूज चैनल पर अभिनेत्री श्रीदेवी की अंतिम दर्शन से जुड़ी खबरें दिखाई जा रही थी। शरीर, शव अब यही नाम रह गया था, खूबसूरत चेहरा फूलकर पहचानने लायक नहीं रहा था। जिस देह को इतना संभालकर दुबई तक लेकर गया इंसान, आज अपने उसी शरीर से अनजान हो गया। क्यूं इतना परेशान हैं इस देह के पीछे, सजाने में संवारने में, छिपाने में जबकि आखिरी समय में जलाने से पहले कई हाथ आपके कपड़े बदलते हैं, आपको नग्न देखते हैं, आपकी हर कमी शरीर की सामने होती है और आप सिर्फ मांस
Swarima Tewari
धूल-मिट्टी से कुछ एलर्जी थी उस शख़्सियत को, अफसोस मिट्टी की देह थी, मिट्टी में ही चली गयी। अभी एक मीटिंग शुरू होने से पहले वेटिंग रूम में बैठी थी, न्यूज चैनल पर अभिनेत्री श्रीदेवी की अंतिम दर्शन से जुड़ी खबरें दिखाई जा रही थी। शरीर, शव अब यही नाम रह गया था, खूबसूरत चेहरा फूलकर पहचानने लायक नहीं रहा था। जिस देह को इतना संभालकर दुबई तक लेकर गया इंसान, आज अपने उसी शरीर से अनजान हो गया। क्यूं इतना परेशान हैं इस देह के पीछे, सजाने में संवारने में, छिपाने में जबकि आखिरी समय में जलाने से पहले कई हाथ आपके कपड़े बदलते हैं, आपको नग्न देखते हैं, आपकी हर कमी शरीर की सामने होती है और आप सिर्फ मांस
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